Collision Frequency in hindi | संघट्टन आवृत्ति की परिभाषा क्या है , संघट्ट व्यास किसे कहते हैं COLLISION DIAMETER in hindi
महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक प्रश्न आता है Collision Frequency in hindi | संघट्टन आवृत्ति की परिभाषा क्या है , संघट्ट व्यास किसे कहते हैं COLLISION DIAMETER in hindi ?
संघट्टन आवृत्ति (Collision Frequency)
गसी के अणु गति सिद्धान्त के अनसार गैस के अण लगातार गति करते रहते हैं। इनकी गति विभिन्न वामन दिशाओं में होती रहती है और इस प्रकार की गति में वे एक-दूसरे के साथ टकराते रहते हैं। एक सेकण्ड में एक अणु अन्य 1 cc आयतन में विद्यमान एक सकण्ड में एक अणु अन्य अणुओं के साथ कितनी बार टकराता है, उस संख्या को संघट्टन संख्या (Consion number) कहते हैं। किसी गैस के Icc आयतन में विद्यमान अणुओं द्वारा 1 संकण्ड में हुई संघटन आवृत्ति एवं । परस्पर टक्करों की संख्या को संघटन आवत्ति (Collision frequency) कहते हैं। संघट्टन आवृत्ति एवं माध्य मुक्त पथ का गुणनफल गैस के ms वेग के बराबर होता है।
अतः ms वेग = संघट्टन आवृत्ति x माध्य मुक्त पथ
संघट्टन आवृत्ति = c/L …………..(60)
संघट्टन व्यास (COLLISION DIAMETER)
गैस के कोई दो अणु गति करते हुए जब एक-दूसरे के समीप आते हैं तो एक निश्चित दूरी तय करने के बाद वे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करने लगते हैं जिससे वे। भिन्न-भिन्न दिशाओं में चले जाते हैं। दो अणुओं के मध्य की निकटतम दूरी के समय उनके केन्द्रों के मध्य की दूरी को। संघटन व्यास कहते हैं। इसे ० द्वारा प्रदर्शित करते हैं (चित्र 3.20)। यदि किन्हीं दो अणुओं के मध्य की दूरी 0 से कम होगी तो वे एक-दूसरे से टकरा जाएंगे। अतः अणुओं की। परस्पर टक्करें या संघटन एक ऐसी घटना है जिसमें समान परमाणुआ कदा परमाणुओं के दो केन्द्र परस्पर संघटन व्यास ० की सीमा में आ जाते हैं।
माध्य मुक्त पथ (MEAN FREE PATH)
समस्त अणु गतिशील होते हैं और गति करते हुए वे एक-दूसरे से टकराते रहते हैं। दो अणुओं के टक्करों के मध्य अणु जो दूरी तय करते हैं वह मुक्त पथ कहलाती है। चूंकि पात्र में गैस के अणु बिखरे हए रहते हैं अतः किन्हीं दो अणुओं के मध्य की दूरी तथा अन्य किन्हीं – दो अणुओं के मध्य की दूरी भिन्न-भिन्न होती है। टक्कर से पहले किसी अणु द्वारा तय की गई दूरी के औसत को माध्य मुक्त पथ कहते हैं, और इसे L द्वारा प्रदर्शित करते हैं। समझने की दृष्टि से मात्रा चित्र में एक अणु A (गहरा काला किया हुआ) विश्रामावस्था में गति करते हुए d दूरी पार करके एक अणु से टकराता है इसके बाद d2 दूरी तय करते हुए दूसरे अणु से टकराता है फिर । d3 दूरी तय करते हए तीसरे अण से…..और इस प्रकार टकराते हुए वह n अणुओं के साथ टकराता है (चित्र 3.19)। अतः इन टक्करों से प्रभावित अणु A द्वारा तय की गई कुलदूरी =d1 +d2 +d3+ …dn
और माध्य मुक्त पथ L= d1 + d2 + d3 + ….+dn/n ……….(58)
जहां n = अणुओं की कुल संख्या जिनसे वह अणु टकराता है। माध्य मुक्त पथ L का मान गैस के घनत्व, दाब तथा श्यानता के मानों से प्रभावित होता है। अतः निम्न सूत्र द्वारा इसके मान का परिकलन किया जाता है
L = n 3/pd …………..(59)
जहां n = गैस की श्यानता, P= उसका दाब, d= घनत्व।
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