रेडियो , सूक्ष्म , अवरक्त तरंगे , दृश्य , पराबैंगनी किरणे , एक्स रे (X-ray) , r -rays
विद्युत चुम्बकीय तरंगों का वर्गीकरण कीजिए? Classification of electromagnetic waves
उत्तर : विद्युत चुम्बकीय तरंगों का तरंग दध्र्य अथवा आवृति के आधार पर निम्न प्रकार वर्गीकरण किया जाता है।
1. रेडियो तरंगे (radio waves):- इनकी तरंग दैध्र्य 100 किलो से लेकर 3मी. तक होती है। इन तरंगों का उत्पादन L-C दौलन परिपथ से होता है। ये तरंगे रेडियों और टीवी में सूचना प्रसारण में प्रयुक्त होती है।
2. सूक्ष्म तरंगे (Micro waves):- इनकी तरंग दैध्र्य 3 मी. से 10-3 मीटर तक होती है। इनका उत्पादन क्लिस्ट्रान और मैग्नेट्रान उपकरण से होता है। ये तरंगे टीवी प्रसारण और माइक्रोवेव ओवर में जलीय पदार्थों को गर्म करने के काम आती है।
3. अवरक्त तरंगे (Infrared waves):- इनकी तरंग दैध्र्य 10-3 मी. से 7800 एंगस्ट्रॉम (A’) तक होती है। गर्म पदार्थ और अणुओं से इनकी उत्पत्ति होती है। ये तरंगे सामरिक महत्व की फोटोग्राफी लेने में काम आती है। क्योंकि ये कोहरे में पार हो जाती है। मांसपेशियों के जकड़न में कायिक चिकित्सा (अवरक्त थैरेपी) रिमोट कन्ट्रोल और हरित ग्रह प्रभाव में काम आती है। ये कार्बन डाई ऑक्साइड , जलवाष्प, अमोनिया, मिथेन के अणुओं के द्वारा अवशोषित हो जाती है।
4. दृश्य किरणे (Scene rays):- इनकी तरंग दैध्र्य 7800 A0 से 3800 A0 तक होती है। इनकी उत्पत्ति के लिए ele बाहरी कक्षा से अन्दर की कक्षा में संक्रमण करना चाहिए। ये किरणे मनुष्य की आँखों के लिए संवेदनशील होती है। जबकि सर्प अवरक्त तरंगो के लिए संवेदनशील होता है।
5. पराबैंगनी किरणे (UV) (Ultraviolet rays) :- इनकी तरंग द्वैध्र्य 3800 A0 तक 6 A0 तक होती है। इनकी उत्पत्ति सूर्य से, विद्युत स्फूटिंग, वैल्डिंग से होती है कम मात्रा से इनके द्वारा विटामिन डी का निर्माण होता है। इनके प्रभाव से त्वचा ताम्रिक हो जाती है। ये जाली हस्ताक्षर पहंचानने में काम आती है। इनका अधिकांश भाग ओजोन परत के द्वारा अवशोषित हो जाता है। क्लोरो फ्लोरो कार्बन जो रेफ्रिरीजरेटर और ए.सी. से उत्पन्न होते है ओजोन परत को नष्ट कर देते है।
6. एक्स रे (X-ray) किरणे:– इनकी तरंग दैध्र्य 10 A0 से .001 A0 तक होती है जब तेज गति के इलेक्ट्रॉन धातु से टकराते है तो इनकी उत्पत्ति होती है। क्रिस्टलीय संरचना, हड्डियों का फोटो लेने कैंसर रोग में प्रयुक्त होती है।
7. आर. रेस किरणें (r -rays):- इनकी तरंगे दैध्र्य 1 A0 से 10-4 A0 तक होती है। नाभिकीय क्रियाऐं और रेडियों धर्मी पदार्थों से इनकी उत्पत्ति होती है ये मनुष्य के लिए हानिकारक है। परन्तु इनकी भेदन क्षमता सबसे अधिक होती है ये कैंसर के उत्तको को नष्ट करने में काम आती है।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics