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एल्कोहल के रासायनिक गुण Chemical properties of alcohol in hindi

Chemical properties of alcohol एल्कोहल के रासायनिक गुण :

वे अभिक्रिया जिनमे R-O-H bond टूटता है। 

  1. क्रियाशील धातुओं से क्रिया (अम्लीय प्रकृति)  (reaction from active metals (acidic nature)):

सभी एल्कोहल सक्रीय धातु Na , K , Al से क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते है।  एल्कोहल की इस प्रवृति को अम्लीय प्रकृति को अम्लीय प्रकृति कहते है।

2R-OH + 2Na →  2R-ONa + H2

2C2H5-OH + 2Na →  2C2H5-ONa + H2

6R-OH + 2Al →  2(R-O-)3Al + 3H2

नोट : फिनॉल की अम्लीय प्रवृति को दर्शाने वाली अभिक्रिया –

2C6H5-OH + 2Na →  2C6H5-ONa + H2

C6H5-OH + NaOH →  H2O + C6H5-ONa

नोट : एल्कोहल NaOH से क्रिया नहीं करता है।

सभी एल्कोहल सोडियम से क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते है।  एल्कोहल द्वारा हाइड्रोजन त्यागने की प्रवृति को अम्लीय प्रवृति कहते है , यह प्रवृति जितनी ज़्यादा होगी अम्लीय गुण उतने ही अधिक होंगे।

जिस कार्बन पर -OH समूह होता है वह जितने ज़्यादा एल्किल समूह से जुड़ा होगा , +I प्रभाव के कारण ऑक्सीजन पर इलेक्ट्रॉन का घनत्व ही अधिक हो जाता है जिससे प्रोटॉन त्यागने की प्रवृति कम हो जाती है।

प्रश्न 1 : फीनोल प्रबल अम्लीय स्वभाव का होता है जबकि एथिल एल्कोहल दुर्बल अम्लीय होता है क्यों ?

उत्तर : फिनॉल +R प्रभाव के कारण निम्न अनुनादी संरचनाओं में पाया जाता है।

अनुनादी संरचनाओं को देखने से स्पष्ट है की ऑक्सीजन पर धनावेश आ जाता है , जिससे O-H बंध के इलेक्ट्रॉन ऑक्सीजन की ओर विस्थापित हो जाते है जिससे H+ आयन बाहर निकलता है।

 H+ आयन बाहर निकलने के बाद फिनेट आयन अनुनाद के कारण अधिक स्थायी होता है अतः फीनोल अम्लीय प्रवृति का होता है।

एल्कोहल में जिस कार्बन पर -OH होता है उसका संकरण SP3 होता है।  S गुण कम होने के कारण उसकी विद्युत ऋणता कम होती है।

जिससे प्रोटोन का निष्कासन आसानी से नहीं होता।  साथ ही H+ आयन त्यागने के बाद बना ऑक्साइड आयन कम स्थायी होता है अतः एल्कोहल दुर्बल अम्लीय स्वभाव के होते है।

आवश्यक बिंदु :

  1. अम्ल की प्रबलता Pkaके व्युत्क्रमानुपाती होता है।
  2. जब फिनॉल में इलेक्ट्रॉन आकर्षि समूह जैसे –NO2जुड़ा है तो फीनोल की अम्लीय प्रवृत्ति बढ़ जाती है जबकि इलेक्ट्रॉन देने वाले समूह CH3– , CH3-O- जुड़ा हो तो अम्लीय प्रवृत्ति कम हो जाती है।