उदाहरण , चित्र , परिभाषा सहित इंडक्शन के द्वारा चार्ज ?
charging by induction in hindi प्रेरण द्वारा आवेशन : जब अनावेशित वस्तु से स्पर्श कराये बिना ही अनावेशित वस्तु को आवेशित करने की विधि को प्रेरण द्वारा आवेशन कहते है , प्रेरण द्वारा आवेशन विधि में अनावेशित वस्तु पर आवेशित वस्तु का विपरीत आवेश उत्पन्न होता है।
प्रेरण द्वारा आवेशन : इस विधि में किसी आवेशित वस्तु को अनावेशित वस्तु से स्पर्श किये बिना विपरीत प्रकृति का आवेश उत्पन्न किया जा सकता है।
प्रेरण द्वारा आवेशन की घटना में आवेशित वस्तु A जब अनावेशित वस्तु B के समीप लायी जाती है तो दोनों के सम्पर्क के बिना अनावेशित वस्तु B में वस्तु A के पास वाले भाग पर विपरीत प्रकृति का कुछ आवेश उत्पन्न हो जाता है |
1. एक चालक गोला (B) एक अचालक स्टैंड पर स्थित है।
2. जब एक धनावेशित कांच की छड A गोले B के निकट लायी जाती है तो छड़ के पास वाले गोलीय पृष्ठ पर ऋण आवेश प्रेरित हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि छड A का धनावेश गोले B के मुक्त इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करता है जिससे गोले के दूर वाले पृष्ठ से इलेक्ट्रॉन A के निकट वाले पृष्ठ पर एकत्र होने लगते है और यह क्षणिक क्रिया जैसे ही गोले के इलेक्ट्रॉनों पर परिणामी बल शून्य हो जाता है तुरंत बंद हो जाती है | इस प्रकार गोले B का छड़ A के पास वाला पृष्ठ ऋण आवेशित एवं दूर वाला पृष्ठ धनावेशित हो जाता है।
3. जब गोले B को पृथ्वी से सम्बंधित कर देते है तो उसका समस्त धनावेश पृथ्वी में चला जाता है अर्थात पृथ्वी से इलेक्ट्रॉन आकर गोले के धन आवेश को उदासीन कर देते है। इस तरह अब गोले B पर A के पास वाला ऋण आवेश रह जाता है।
4. अब गोले B का संपर्क पृथ्वी से हटा देते है तो भी ऋणावेश A के पास वाले भाग पर ही रहता है।
5. जब कांच की छड को हटा लेते है तो गोले B का ऋण आवेश पूरे पृष्ठ पर समान रूप से फ़ैल जाता है अर्थात वितरित हो जाता है।
इसी तरह यदि गोले B को प्रेरण द्वारा धनावेशित करना है तो हमें उसके निकट ऋणावेशित छड लानी चाहिए।
आगे अब हम आवेशन की प्रेरण विधि द्वारा दो गोलों को आवेशित करने के बारे में अध्ययन करते है।
1. A व B दो चालक गोले परस्पर स्पर्श करते हुए दो अचालक स्टैण्ड पर रखे हुआ है।
2. अब एक अनावेशित काँच की छड गोले A के निकट लायी जाती है तो दोनों गोलों के मुक्त इलेक्ट्रॉन इस छड़ द्वारा आकर्षित होंगे। फलस्वरूप गोले A की बायीं ओर वाली सतह ऋण आवेशित और गोले B की दाई ओर वाली सतह धनावेशित होने लगेगी। इलेक्ट्रॉनों का यह क्षणिक स्थानान्तरण तब रुक जायेगा जब गोले A के इलेक्ट्रॉनों पर नेट बल शून्य हो जायेगा।
3. अब यदि दोनों गोलों को अलग कर दिया जाए तो काँच की छड की उपस्थिति में दोनों गोलों के आवेश पूर्ववत बने रहेंगे।
4. अब काँच की छड़ को हटा ले तो दोनों गोलों के आवेश पास वाले पृष्ठों पर आ जायेंगे।
5. यदि दोनों गोलों को अब काफी दूर हटा दिया जाये तो दोनों गोलों के आवेश उनके पृष्ठों पर समान रूप से फ़ैल जायेगा।
और इस तरह दोनों गोले प्रेरण विधि द्वारा आवेश से आवेशित हो जाते है।
याद रखिये कि यहाँ कांच की छड का आवेश कम नहीं होगा।
प्रेरण के द्वारा आवेशन : आवेशन की इस विधि को समझने के लिए एक निम्न प्रयोग करते है –
- एक उदासीन विलगित चालक लेते है।
- आवेशित छड़ इसके पास ले जाते है। आवेशित छड के कारण गोले पर आवेश प्रेरित हो जाता है।
- एक दूसरे उदासीन चालक गोले को इससे जोड़ते है। छड़ के आकर्षण के कारण मुक्त इलेक्ट्रॉन दाए गोले में बायीं तरफ जाएँगे और इलेक्ट्रोन की कमी के कारण दाए गोले पर धनात्मक आवेश आयेगा और बाएँ गोले पर दाए गोले से इलेक्ट्रॉन के स्थानान्तरण के कारण इलेक्ट्रॉन अधिक हो जायेंगे जिससे ऋणात्मक आवेश आएगा।
- अब जोड़ने वाले तार को काट देते है तथा छड को हटा देते है।
- इस तरह पहला गोला ऋणात्मक और दूसरा गोला धनात्मक आवेशित होगा।
- एक उदासीन विलगित चालक गोला लेते है।
- आवेशित छड इसके पास लाते है। आवेशित छड़ के कारण गोले पर प्रेरण उत्पन्न होगा।
- गोले को पृथ्वी से जोड़ देते है। इस प्रक्रिया को भू सम्पर्कित करना कहते है। छड के आकर्षण के कारण कुछ मुक्त इलेक्ट्रॉन पृथ्वी से चालक पर आयेंगे इसलिए चालक पर इलेक्ट्रॉन अधिक होंगे इसलिए चालक पर ऋणात्मक आवेश होगा।
- अब तार को काट दो व छड़ को हटा दो , अब गोले पर कुल ऋणात्मक आवेश होगा।
आप किसी धातु के गोले को स्पर्श किये बिना कैसे धनावेशित कर सकते है
हल :
बहुत ही लाभप्रद जानकारी।आभार
Bahut hi mastttttttttttt notes hai iske liye
Thanks
This is the most important knowledge for student life
Bahut hi super notes h
Thanks
apka bhut bhut dhanyawad sir jo apne students ki pareshanio ko samjha
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Thank you, sir
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bahut accha hai short bhi hai very
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