कोशिका चक्र क्या है , (Cell Cycle in Hindi) अवस्था , प्रकार , परिभाषा ,अन्तरावस्था ,कोशिका चक्र किसे कहते है ?
कोशिका विभाजन : एक मातृ कोशिका से संतति कोशिकाओं के बनने को कोशिका विभाजन कहते है। कोशिका विभाजन के कारण ही जीवों के शरीर में वृद्धि होती है , कोशिका विभाजन के फलस्वरूप लैंगिक व अलैंगिक जनन संभव होता है। कोशिका विभाजन के बारे में सर्वप्रथम रुडोल्फ विरचोर्व ने बताया। इनके अनुसार नयी कोशिकाओ की उत्पत्ति पूर्ववृति कोशिकाओ से होती है।
कोशिका चक्र : घटनाओं का वह अनुक्रम जिसमे कोशिका अपने जीनोम का द्विगुणन एवं अन्य संघटको का संश्लेषण होता है और इसके बाद विभाजित होकर दो नयी संतति कोशिकाओं का निर्माण करती है , कोशिका चक्र कहलाती है।
यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें DNA का संश्लेषण कोशिका चक्र की किसी एक विशिष्ट अवस्था में होता है , सभी घटनाएं जीनो द्वारा नियंत्रित होती है। मनुष्य में कोशिका चक्र 24 घंटे का होता है , कोशिका चक्र की दो मूल प्रावस्थाएँ होती है।
1. अन्तरावस्था (Interphase) :
कोशिका चक्र का 95% समय अन्तरावस्था का होता है , कोशिकाओं का जीवन काल अधिकांशत अन्तरावस्था में ही होता है जिसमे कोशिका का आकार दोगुना होता है। इस अवस्था में तेजी से जैव संश्लेषण होता है , अन्तरावस्था की तीन उपप्रावस्थाएं होती है –
( i. )पश्च सूत्री अन्तरकाल प्रावस्था (G , Phase) : इसे प्रथम वर्धन काल भी कहते है , इस प्रावस्था में प्रोटीन एवं RNA का संश्लेषण होता है | DNA संश्लेषण की तैयारियां होती है | G काल का समय बदलता रहता है | स्थायी उत्तकों की कोशिकाओ में कोशिका विभाजन रुक जाता है | G अवस्था का परिवर्धन G0 अवस्था या विश्राम अवस्था में हो जाता है , ऐसी स्थिति में यह माना जाता है की वह कोशिका चक्र से हट गई है | परन्तु अनुकूल अवस्था आती है तो पुन: वृद्धि होती है और कोशिका पुन: G1 में प्रवेश करती है |
(ii)संश्लेषण प्रावस्था (S , phase) : इस प्रवस्था में डीएनए का निर्माण व डीएनए की प्रतिकृति होती है , इस दौरान DNA की मात्रा दुगुनी हो जाती है तथा गुणसूत्रों की संख्या 2n रहती है |
(iii) पूर्वसूत्री अंतरकाल अवस्था (G2 phase) : इस प्रवस्था में RNA , प्रोटीन व ATP का संश्लेषण होता है | इस प्रवस्था में कोशिका सूत्री विभाजन के लिए अपने आप को तैयार करती है |
2. सूत्री विभाजन / समसूत्री विभाजन प्रावस्था (m phase)
यह कोशिका चक्र की नाटकीय अवस्था होती है जिसमें कोशिका के सभी घटकों का पुन: घटन होता है , इस विभाजन से जनक व संतति कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या बराबर रहती है , इसलिए इसे समसूत्री विभाजन भी कहते है |
समसूत्री विभाजन को चार प्रवस्थाओं में विभाजित किया गया है |
पूर्वावस्था (pro phase)
- क्रोमेटिन पदार्थ जाल के रूप में न होकर पतले महीन धागे में रूपान्तरित हो जाता है , जिसे गुणसूत्र कहते है |
- गुणसूत्र संघनन की क्रियाविधि के कारण छोटे व मोटे होने लगते है |
- प्रत्येक गुणसूत्र में दो अर्द्ध गुणसूत्र स्पष्ट दिखाई देने लगते है , अर्द्ध गुणसूत्र सेन्ट्रोमियर से जुड़े रहते है |
- समसूत्री तर्कु सूक्ष्म नलिकाएँ बनने लगती है |
- पूर्वावस्था के अन्त तक केन्द्रक झिल्ली व केंद्रिका लुप्त होने लगती है |
मध्यावस्था (meta phase)
- गुणसुत्र कोशिका की मध्य रेखा पर व्यवस्थित होकर मध्यावस्था पट्टियां बनाते है |
- गुणसुत्र के अर्द्धगुणसुत्र तर्कु तन्तुओ से गुणसूत्र बिन्दु जुड़े रहते है |
- गुणसूत्रों के गुणसूत्र बिन्दु पट्टिका पर एवं भुजाएँ ध्रुवों की ओर होने लगती है |
- इस अवस्था में गुणसुत्र सर्वाधिक स्पष्ट दिखाई देते है क्योंकि इनमे सर्वाधिक संघनन होता है |
पश्चावस्था (Anaphase)
- इस अवस्था में अर्द्धगुणसुत्र अलग हो जाते है |
- गुणसूत्र विपरीत ध्रुवो की ओर गति करने लगते है |
- गुणसूत्रों के गुणसूत्र बिन्दु ध्रुवों की ओर तथा भुजाएँ पीछे की ओर रहती है |
- यह सूत्री विभाजन की सबसे छोटी अवस्था होती है |
अंत्यावस्था (telophase)
- संतति गुणसूत्रों के समूह विपरीत ध्रुवों पर पहुँच जाते है |
- तर्कु तन्तु विलुप्त हो जाते है |
- प्रत्येक गुणसूत्र समूह के चारो ओर केन्द्रक झिल्ली का निर्माण हो जाता है |
- गुणसूत्र पुन: क्रोमेटिन जाल में बदलने लगते है |
कोशिका चक्र के विभिन्न चरण या अवस्थाएं
ऽ पूर्वावस्थाः यूकेरिओटिक केंद्रकों में बहुत सारे डीएनए अणु प्रोटीनों (हिस्टोन और ना-हिस्टोन) के साथ जुड़े रहते हैं। हर डीएनए अणु और उसके साथ लगे प्रोटीन को गुणसूत्र कहते हैं। ये गुणसूत्र पूर्वावस्था के शुरू में लंबे, पतले धागे-सी संरचना होती है, जैसे-जैसे विभाजन बढ़ता है संघनन के कारण छोटे और मोटे होते जाते हैं। केन्द्रक भी शुरू में साफ दिखता है लेकिन बाद में नष्ट हो जाता है। एक स्पष्ट केन्द्रक झिल्ली ही पूर्वावस्था का लक्षण है। पूर्वावस्था के अंत में केंद्रक झिल्ली टूट जाती है।
ऽ मध्यावस्थाः इसमें गुणसूत्र कोशिका के मध्य भाग में मध्यवर्ती पट्टी पर पंक्तिबद्ध होकर व्यवस्थित हो जाते हैं द्य केंद्रक झिल्ली के विघटन से समसूत्री तओ बनते हैं जो पूर्व केंद्रक वाले क्षेत्र की जगह से लेते हैं। इस स्थिति में गुणसूत्र तश् के ठीक बीच में पंक्तिबद्ध होकर तश् की सूक्ष्मनलिकाओं के गुच्छों से बंध जाते हैं। इस अवस्था को मध्यावस्था कहते हैं । इस समय गुणसूत्र संघनन के कारण सबसे मोटे और छोटे हो जाते हैं।
ऽ पश्चावस्थाः मध्यावस्था के अंत में गुणसूत्र, गुणसूत्रबिन्दु के विभाजन द्वारा लंबाई में विभाजित हो जाते हैं और दो आधे भाग (अर्द्धगुणसूत्र) विपरीत ध्रुवों की ओर बढ़ना शुरू करते हैं। जिस अवस्था में अर्द्धगुणसूत्र (क्रोमोटिड) अलग होकर विपरीत ध्रुवों की ओर बढ़ने लगते हैं, उसे पश्चावस्था कहते हैं। यह अवस्था तब समाप्त होती है जब गुणसूत्र ध्रुवों पर पहुंच जाते हैं। इस गति के दौरान माइक्रोट्यूब्युल छोटे होते चले जाते हैं।
ऽ अंतावस्थाः पश्चावस्था के अंत में ही अंतावस्था शुरू हो जाती है जब अर्द्धगुणसूत्र (अब गुणसूत्र) ध्रुवों पर पहुंच चुके होते हैं। इस दौरान, गुणसूत्र असंघनित होकर लम्बे और पतले हो जाते हैं, केंद्रक झिल्ली के खंड वापस किनारों पर आने लगते हैं जो धीरे-धीरे बढ़कर पूरी केंद्रक झिल्ली बना देते हैं। इस अवधि के दौरान केंद्रक फिर से विकसित हो जाता है और तश् समाप्त हो जाते हैं।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics