caryophyllaceae family in hindi केरियोफिलेसी क्या है ? केरियोफीलेसी कुल के पौधे का नाम लक्षण गुण
(caryophyllaceae family in hindi) केरियोफिलेसी क्या है ? केरियोफीलेसी कुल के पौधे का नाम लक्षण गुण परिभाषा |
केरियोफिलेसी – कुल (caryophyllaceae family) :
केरियोफिलेसी कुल के विशिष्ट लक्षण (salient features of caryophyllaceae)
- प्राय: एकवर्षीय अथवा बहुवर्षीय शाक होते है।
- पर्ण सरल , अभिमुख और अननुपर्णी होती है।
- पुष्पक्रम प्राय: द्विशाखी ससीमाक्ष प्रकार का होता है।
- पुष्प सहपत्री , द्विलिंगी , पंचतयी और जायांगधर।
- पुंकेसर 10 , 5+5 के दो चक्रों में , पृथक पुंकेसरी , दलाभिमुख – द्विवर्तपुंकेसरी , अन्तर्मुखी।
- अंडाशय 2-5 अंडपी , युक्तांडपी , एककोष्ठीय , मुक्त अक्षीय बीजाण्डन्यास।
- फल एक कोष्ठीय सम्पुट।
वितरण और प्राप्तिस्थान (occurrence and distribution)
- प्रकृति – अधिकतर पौधे वार्षिक और कुछ पौधे बहुवर्षी शाक होते है।
- तना – उधर्व शाखित , हरा , शाकीय , ठोस और पर्वसंधियों पर फूला हुआ होता है रोयेदार या चिकना।
- पत्ती – सरल , अभिमुख , अछिन्नकोर और अननुपत्री होती है। कभी कभी पत्तियों का आधार कुछ सहजात , स्तम्भवेष्ठी होता है जैसे – डायन्थस में। पत्तियाँ आकृति में रेखाकार से भालाकार , जालिकावत शिरा विन्यास।
पुष्पीय लक्षणों का परास (range of floral characteristics) :
- पुष्पक्रम – यह ससीमाक्ष प्रकार का , प्राय: यह द्विशाखित ससीमाक्ष होता है जो बाद में एकल शाखित ससीमाक्ष में समाप्त होता है। ऐसे पुष्पचक्र को सिनसिनस कहते है। एरीनेरिया और गिथेगो में पुष्प एकल होते है।
- पुष्प – सवृंत , सहपत्री , सहपत्रकी , त्रिज्या सममित , उभयलिंगी , कभी कभी एकलिंगी जैसे – लिचनिस डायोका में , पूर्ण , पंचतयी , सेजाइना में चतुर्तयी , जायांगधर होता है।
- बाह्यदलपुंज : बाह्यदल 5 , कभी कभी 4 , पृथक बाह्यदली , डायन्यस में संयुक्त बाह्यदली और नलीकार होता है। कोरछादी। ये सामान्यतया चिरस्थायी होते है और उनके किनारे झिल्ली सदृश होते है।
- दलपुंज : दल 5 , फैले हुए जैसे – एरीनेरिया , स्परग्युला और अन्य एल्सिनोइडी के सदस्यों में या लम्बे नखर युक्त , फलक नखर के साथ समकोण पर स्थित होता है जो प्रारूपिक कैरियोफिलेसिअस दलपुंज बनाता है। साइलीन और डायन्थस में नखर और फलक के संधि स्थान पर द्विपालियुक्त उधर्व अथवा लिग्युल पायी जाती है। सेपोनेरिया , जिप्सोफिल्ला आदि में लिग्युल अनुपस्थित। दलविन्यास व्यावर्तित कोरछारी होता है।
- पुमंग : प्राय: 10 पुंकेसर , 5+5 के दो चक्करों में व्यवस्थित। पुंकेसरों का बाह्य चक्कर दल सम्मुख और भीतरी चक्कर बाह्यदल सम्मुख होता है। इस व्यवस्था को दलाभिमुख – द्विवर्तपुंकेसरी कहते है। वास्तव में इस कुल में आभासी दलाभिमुख – द्विवर्तपुंकेसी अवस्था पायी जाती है। परागकोषी द्विकोष्ठी , आधारनाल , अन्तर्मुखी और लम्बवत स्फुटन वाले होते है। पोलीकारपिया में भीतरी चक्कर के पाँच पुंकेसर ही पाए जाते है।
- जायांग : दो से पंचअंडपी , युक्तांडपी , एककोष्ठीय , मुक्त स्तम्भीय बीजाण्डन्यास और अनेक बीजाण्डयुक्त , उधर्ववर्ती अंडाशय होता है।
- फल : सामान्यतया एककोष्ठी संपुटिका होता है जैसे – स्टिलेरीया में , कुछ में एकिन या नट होते है।
- बीज – बीज छोटे और भ्रूणपोषी होते है। भ्रूण वक्र प्रकार का होता है।
- पुष्पसूत्र :
आर्थिक महत्व (economic importance)
- डायन्थस साइनेन्सिस।
- डायन्थस प्लूमेरियस।
- डायन्थस केरियोफिलस
- सैपोनेरिया वक्कोरिया।
- साइलीन पेंडुला।
- जिप्सोफिला पैनीक्यूलेटा।
केरियोफिलेसी कुल के प्रारूपिक पादप का वानस्पतिक विवरण (botanical description of representative plant of caryophyllaceae)
- डाइएन्थस कैरियोफिलस लिन.
- स्थानीय नाम – कार्नेशन।
- प्रकृति – वार्षिक , सजावटी शाक।
- जड़ – मूसला मूल।
- तना – शाकीय , वायवीय , उधर्वशीर्षी , बेलनाकार , ठोस , अरोमिल , पर्वसन्धियाँ फूली हुई।
- पत्ती – स्तम्भिक और शाकीय , अनअनुपर्णी , सरल , सम्मुख क्रासित , पर्णाधार आच्छादित , अवृन्त , रेखिक भालाकार , आच्छिनकोर , शीर्ष निशिताग्र , शिरा विन्यास एकशिरीय जालिकावत।
- पुष्पक्रम – कक्षीय अथवा अन्तस्थ द्विशाखी ससीमाक्ष।
- पुष्प : सहपत्री , सहपत्रिकी , सवृंत , पूर्ण , द्विलिंगी , नियमित , त्रिज्यासममित , पंचतयी , जायांगधर।
- बाह्यदलपुंज – बाह्यदल 5 , संयुक्त बाह्यदली , नलिकाकार , क्विनकन्शियल विन्यास।
- दलपुंज – दल 5 , पृथकदली , केरियोफिल्लेसिएस , नख और फलक में विभेदित , विन्यास व्यावर्तित प्रत्येक दल के उपांत कटे फटे।
- पुमंग – पुंकेसर 10 , पाँच-पाँच के दो चक्र , पृथक पुंकेसरी , दलाभिमुख – द्विवर्तपुंकेसरी , परागकोष द्विकोष्ठी , पृष्ठलग्न , अंतर्मुखी।
- जायांग – द्विअंडपी , युक्तांडपी , अंडाशय उधर्ववर्ती , एककोष्ठकी , मुक्त अक्षीय बीजाण्डन्यास , वर्तिका 2 , वर्तिकाग्र 2
- फल – सम्पुट।
- पुष्पसूत्र –
प्रश्न और उत्तर
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics