विशेष कार्बन यौगिको के गुणधर्म , कार्बनिक योगिक के भौतिक गुण , रासायनिक गुण और उपयोग
कार्बनिक योगिक के भौतिक गुण , रासायनिक गुण और उपयोग को discuss करेगे |
एल्कोहॉल (C2H5OH) है
को पीने से नशा आता है शुद्ध एथनॉल की थोड़ी सी भी मात्रा शरीर के लिए घातक सिद्ध
हो सकती है। काफी समय तक ऐल्कोहॉल का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएँ
उत्पन्न हो जाती हैं।
जाती है तो अल्कोहल बनता है। इस अभिकिया मे , तनु H2SO4 उत्प्रेरक की तरह
कार्य करता है | और H2O अनु से OH- आयन अलग होकर एल्कीन मे जुड़ जाता है |
को बनता जाता है| ग्रीन्यार अभिकर्मक CH3-O-Mg है इससे CH3COOH की अभिकिया Mg से
करके ग्रीन्यार अभिकर्मक को बनाया जाता है | ग्रीन्यार अभिकर्मक पर जब ऑक्सीज़न की
क्रिया की जाती है तो योगत्पाद बनता है, जिसका जल योजन करवाने पर अल्कोहल बनता है।
एथेनॉल (एथाइल एल्कोहॉल) के भौतिक गुण
कफ, सीरप, टॉनिक आदि जैसी
औषधियों में होता है।
सोडियम एथोक्साइड का उत्पाद बनता है
+ H2
पर एथेनॉल में से हाइड्रोजन का निर्जलीकरण होकर एथीन बनाता है
से जल को अलग कर देता है।
उपयोगिता इसकी अति विलेयक शक्ति के कारण है।
प्रदाथ को बना ने के लिए use किया जाता है | वार्निश, पालिश (नेल पोलिश ,कलर पेंट आदि ),
दवाओं के घोल,कृत्रिम
रंग, पारदर्शक
साबुन, इत्र तथा फल की सुगंधों का कत्रिम रसायन और अन्य रासायनिक यौगिक बनाने में
होता है।
प्रेय ड्रिंक के रूप में, घावों को धोने में जीवाणुनाशक के रूप में तथा
प्रयोगशाला में विलायक के रूप में इसका उपयोग होता है।
(खासी , दर्दनाशक आदि ) में भी एथेनॉल डाला जाता है
संरक्षित रखने में भी इसका उपयोग होता है।
के लिए use किये गये ऐसीटिक अम्ल की मांग की पूर्ति मैंगनीज़ पराक्साइड तथा
सल्फ़्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में ऐल्कोहल का आक्सीकरण करके होती है, क्योंकि यह अभिकिया
बहुत शीघ्र होती है और इससे ऐसीटिक अम्ल
तथा ऐसिटैल्डिहाइड प्राप्त होते हैं।
मोटर इंजनों में पेट्रोल के साथ इसको ईंधन के रूप में जलाते हैं।
कार्बोक्सिलिक अम्ल समूह से संबंधित है एथेनोइक
अम्ल को जल में 5%-8% तक घोलने पर सिरका का निर्माण होता है
है। इस कारण इसे ग्लैशल ऐसीटिक अम्ल कहते हैं।
पूरी तरहा आयनीकृत नहीं होता है।
की किसी अम्ल उत्प्रेरक की
उपस्थिति में एथनॉल से अभिक्रिया करवाते है तो
एस्टर का निर्माण होता है
स्वाद उत्पन्न करने वाले कारक के रूप में किया जाता है। एस्टर सोडियम
हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया द्वारा, जो एक क्षार है, ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल का
सोडियम लवण बनाता है। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहा जाता है क्योंकि इससे साबुन
का निर्माण किया जाता है। साबुन दीर्घ शृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम एवं पोटैशियम लवण होते हैं।
अम्ल सोडियम हाइड्रोक्सॉइड जैसे क्षारको के साथ अभिक्रिया करके लवण (सोडियम
एथेनोएट या सोडियम ऐसीटेट) तथा जल बनाता है।
करवाने पर लवण, कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल बनात है। इस
अभिक्रिया में बने लवण को सोडियम ऐसीटेट
कहते हैं।
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