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केशनली अथवा केशिकत्व क्या है , परिभाषा , उदाहरण , घटना का कारण (capillarity in hindi)

(capillarity in hindi) केशनली अथवा केशिकत्व क्या है , परिभाषा , उदाहरण , घटना का कारण : केशनली एक अत्यंत सूक्ष्म अनुप्रस्थ क्षेत्रफल वाली नली होती है जिसे जब किसी द्रव में डुबोया जाता है तो केशनली का तल कुछ ऊपर उठ जाता है या निचे गिर जाता है , केशनली में तल का ऊपर उठना या गिरना , द्रव की प्रकृति पर निर्भर करता है जिसमे इसे डुबोया जा रहा है।
जब केशनली को को ऐसे द्रव में डुबोया जाए जो ठोस को भिगोता है तो केश नली में द्रव का तल या स्तर ऊपर उठ जाता है।
जब केशनली को ऐसे द्रव में डुबोया जाए जो ठोस को नही भिगोता है तो ऐसे द्रव में डुबोने पर केश नली में द्रव का तल निचे गिर जाता है।

केशिकत्व या केशिकात्व : केशनली में द्रव के तल या स्तर का ऊपर उठना या नीचे गिरने की प्रक्रिया को केशिकत्व या केशिकात्व कहा जाता है।
केशिकत्व प्रक्रिया का कारण : इसका कारण केशनली में उपस्थित द्रव की सतह के ऊपर तथा द्रव की सतह के नीचे के दाब मे अंतर के कारण होता है। जैसा की हमने आधिक्य दाब में पढ़ा था कि वक्र पृष्ठ चाहे वह अवतल पृष्ठ हो या उत्तल पृष्ठ के ऊपर ऊपर तथा निचे के दाब में अंतर होता है और इस दाब में अंतर के कारण ही केशिकत्व की घटना घटित होती है।

 

जब अवतल पृष्ठ होती है तब नीचे दाब का मान वायुमंडलीय दाब P से 2T/R कम होता है तथा उत्तल पृष्ठ होने पर नीचे का दाब मान वायुमंडलीय दाब P से 2T/R अधिक होता है।
केशनली में इस दाब में अन्दर को संतुलित करने के लिए द्रव तल से ऊपर उठता है या निचे गिर जाता है और इसके कारण केशिकत्व की घटना घटित होती है।

केशिकत्व के उदाहरण

1. पेड़ो में : क्या अपने कभी सोचा है कि पेड़ों में पानी जड़ों से ऊपर तक तथा हर भाग में कैसे पहुँचता है ? इसका उत्तर है केशिकत्व के कारण।
पेड़ों में बहुत ही बारीक केशनलिकाएं होती है जिनसे द्रव केशिकत्व की प्रक्रिया द्वारा ऊपर उठता है और पानी जड से पौधे के ऊपर तक पहुच जाता है।
2. लालटेन में : आपने देखा होगा की लालटेन या तेल वाले स्टोव में तेल निचे भरा होता है और उसमें बत्ती लगी हुई होती है , इसमें तेल ऊपर कैसे चढ़ता है ? यहाँ भी केशिकत्व की प्रक्रिया द्वारा ही तेल बत्ती केशनली की भांति व्यवहार करती है और इससे तेल ऊपर की ओर चढ़ता है।