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संकरित कक्षक , बंधी अणु कक्षक (σ या π) तथा प्रतिबंधी अणुकक्षक (σ* या π*) में अंतर ,

σ एवं π अणुकक्षको में अंतर :
1. σ अणु कक्षक नाभिको को जोड़ने वाली अक्ष पर स्थित होता है जबकि π अणुकक्षक अक्ष के लंबवत होते है।
2. σ या π बंधी अणु कक्षक दोनों परमाणुओं कक्षकों के आकर्षण से बनते हैं।
3. π अणुकक्षको के लिए नाभिकीय अक्ष पर Ψ का मान शून्य होता है , अत: Ψ2 यहाँ का मान भी शून्य होता है , जबकि σ अणुकक्षको में अन्तरनाभिकीय अक्ष पर Ψ2 एवं Ψ का मान उच्चतम होता हैं।
4. σ एवं π अणुकक्षको की सम्मिति एक दूसरे के विपरीत होती है , σg बंधी अणु कक्षक सममित (g) होते है , जबकि σ* अणुकक्षक असममित होते हैं।

बंधी अणु कक्षक (σ या π) तथा प्रतिबंधी अणुकक्षक (σ* या π*) में अंतर

1. σ या π बंधीअणुकक्षक दोनों परमाणु कक्षकों के आकर्षण से बनते है।  जबकि प्रतिबन्धी अणु कक्षक σ* या π* दोनों परमाणु कक्षको के अंतर या प्रतिकर्षण से बनते हैं।
2. बंधी अणुकक्षकों (BMO) की ऊर्जा दोनों परमाणु कक्षकों से कम होती है , जबकि ABMO σ* / π* की ऊर्जा परमाणु कक्षकों की तुलना में उतनी ही अधिक होती है , जितनी BMO की कम होती है।
3. बंधी अणुकक्षकों में दोनों नाभिकों के मध्य electron के पाए जाने की संभावना अधिकतम होती है जबकि प्रतिबंधी अणुकक्षकों में दोनों नाभिकों के मध्य electron के पाए जाने की संभावना शून्य होती है अत: इनके मध्य कोई बंध नही बनता।

संकरित कक्षक

किसी परमाणु के लगभग समान ऊर्जा व भिन्न आकृति के परमाण्वीय कक्षक आपस में संयोग करके नए कक्षक बनाते है जिनकी ऊर्जा एवं आकृति समान होती है , इन्हें संकरित कक्षक कहते है।
संकरित कक्षक अधिक दिशात्मक होने के कारण स्थायी या प्रबल बंध बनाते है जैसे : मेथेन अणु में कार्बन के संकरित कक्षकों को निम्न प्रकार प्रदर्शित करते है –
Ψsp3 = C1 Ψ1s
+ C2 Ψpx + C3 Ψpy + C4
Ψpz
यहाँ C1 , C2 , C3 , C4 मिश्रण गुणांक है जिनका मान प्रसामानिकरण तथा लम्बकोणियता की शर्तो के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
प्रसामानिकरण के लिए –
ΨiΨj dx =1  , i=j
लम्बकोणियता के लिए
ΨiΨj dx  =  0   , i  j

संकरित कक्षकों में प्रयुक्त परमाण्वीय कक्षक के गुणांको का परिकलन

संकरित कक्षकों के गुणांको के परिकलन के लिए निम्न शर्तों का पालन होता है –
1. समस्त संकरित तरंगफलन प्रसामानिकृत होते है।
2. ये तरंगफलन लम्बकोणिय होते है।
3. ये तरंगफलन परस्पर एक दूसरे के तुल्य होते है।