एक घनीय ठोस दो तत्वों P और Q से बना है। घन के कोनों पर Q परमाणु और अन्त: केंद्र पर P परमाणु स्थित है।
a cubic solid is made up of two elements p and q in hindi एक घनीय ठोस दो तत्वों P और Q से बना है। घन के कोनों पर Q परमाणु और अन्त: केंद्र पर P परमाणु स्थित है। इस यौगिक का सूत्र क्या है ? P और Q की उप सहसंयोजन संख्या क्या है ?
प्रश्न 1 : निम्नलिखित के लिए धातु के क्रिस्टल में संकुलन क्षमता की गणना कीजिये –
(i) सरल घनीय
(ii) अन्त: केन्द्रित घनीय
(iii) फलक केन्द्रित घनीय (यह मानते हुए कि परमाणु एक दुसरे के सम्पर्क में है। )
उत्तर : (i) सरल घनीय
(ii) अन्त: केन्द्रित घनीय
(iii) फलक केन्द्रित घनीय
प्रश्न 2 : चाँदी का क्रिस्टलीकरण एफसीसी (fcc) जालक में होता है। यदि इसकी कोष्ठिका के कोरों की लम्बाई 4.077 x 10-8 cm और घनत्व 10.5 g cm-3 हो तो चाँदी का परमाण्विक द्रव्यमान ज्ञात कीजिये।
उत्तर : हम जानते है कि p = Z x M/a3 x NA x 10-30
या
M = p x a3 x NA x 10-30/Z
उपलब्ध आकंड़ो के अनुसार
कोर की लम्बाई (a) = 4.077 x 10-8 cm
= 4.077 x 10-8 x 10-10 = 407.7 pm
प्रति एकक कोष्ठिका परमाणुओं की संख्या (Z) = 4
चूँकि एफसीसी संरचना
सिल्वर का घनत्व = 10.50 g cm-3
आवोगाद्रो संख्या (NA) = 6.022 x 1023 mol-1
मान रखकर हल करने पर –
अत: तत्व का परमाणु द्रव्यमान (M) = 107.09 g mol-1
प्रश्न 3 : एक घनीय ठोस दो तत्वों P और Q से बना है। घन के कोनों पर Q परमाणु और अन्त: केंद्र पर P परमाणु स्थित है। इस यौगिक का सूत्र क्या है ? P और Q की उप सहसंयोजन संख्या क्या है ?
उत्तर : घन के आठों कोनों पर उपस्थित Q परमाणु का योगदान = 1/8 x 8 = 1
घन के अन्त: केंद्र में उपस्थित P परमाणु का योगदान = 1
अत: P और Q , 1 : 1 के अनुपात में उपस्थित है।
P तथा Q की उप सहसंयोजन संख्या 8 है।
प्रश्न 4 : नायोबियम का क्रिस्टलीकरण अन्त: केन्द्रित घनीय संरचना में होता है। यदि इसका घनत्व 8.55 g cm-3 हो तो इसके परमाण्विक द्रव्यमान 93u का प्रयोग करके परमाणु त्रिज्या की गणना कीजिये।
उत्तर : पद-I . एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई की गणना –
एफसीसी एकक कोष्ठिका में कणों की संख्या (Z) = 2
तत्व का परमाणु द्रव्यमान (M) = 93 g mol-1
एकक कोष्ठिका का द्रव्यमान = Z x M/NA
मान रखकर हल करने पर –
30.89 x 10-23 g
एकक कोष्ठिका का घनत्व (p) = 8.55 g cm-3
एकक कोष्ठिका का आयतन (a3) = एकक कोष्ठिका का द्रव्यमान/एकक कोष्ठिका का घनत्व
= (30.89 x 10-23 g)/(8.55 g cm-3) = 3.163 x 10-23 cm3 = 36.13 x 1024 cm3
एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई (a) = (36.13 x 10-24 cm3)1/3 = 3.31 x 10-8 cm3
पद-II . एकक कोष्ठिका की त्रिज्या की गणना –
एफसीसी संरचना हेतु ,
r = √3a/4
मान रखकर हल करने पर –
1.43 x 10-8 cm = 143 pm
प्रश्न 5 : यदि अष्टफलकीय रिक्ति की त्रिज्या r और निबिड़ संकुलन में परमाणुओं की त्रिज्या R हो तो r तथा R के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिये।
उत्तर : अष्टफलकीय छिद्र की त्रिज्या (r) तथा गोले की त्रिज्या (R) में सम्बन्ध ज्ञात करना
चित्र में एक अष्टफलक का अनुप्रस्थ काट दर्शाता गया है। यहाँ काला गोला अष्टफलकीय छिद्र को प्रदर्शित करता है। गोलों के केंद्र A , B , C , D एक वर्ग बनाते है। जिसकी प्रत्येक भुजा = a है।
चित्र में –
AC = √AB2 + BC2 = √a2 + a2 = √2a
AC = 2r + 2R
अत: 2r + 2R = √2a
चित्र में AB = 2R अथवा a = 2R
अत: 2r + 2R = √2.2R
या r = R (√2 – 1)
या r/R = 1.414 – 1 = 0.414
अत: r = 0.414 R
प्रश्न 6 : कॉपर fcc जालक रूप में क्रिस्टलीकृत होता है जिसके कोर की लम्बाई 3.61 x 10-8 cm है। यह दर्शाइये कि गणना किये गए घनत्व के मान और मापे गए घनत्व 8.92 g cm-3 में समानता है।
उत्तर : एकक कोष्ठिका का घनत्व p = Z x M/a3 x NA x 10-30
उपलब्ध आँकड़ो के अनुसार –
कोर की लम्बाई = 3.61 x 10-8 cm = 361 pm
Cu का परमाणु द्रव्यमान = 63.5 g mol-1
प्रति एकक कोष्ठिका परमाणु की संख्या = 4
आवोगाद्रो संख्या = 6.022 x 1023 mol-1
मान रखकर हल करने पर –
एकक कोष्ठिका का घनत्व –
p = 8.97 cm-3
गणना द्वारा प्राप्त घनत्व का मान उसके मापे गए मान के लगभग समान है।
प्रश्न 7 : विश्लेषण द्वारा ज्ञात हुआ कि निकैल ऑक्साइड का सूत्र Ni0.98O1.00 है। निकेल आयनों का कितना अंश Ni2+ तथा Ni3+ के रूप में विद्यमान है ?
उत्तर : शुद्ध निकेल ऑक्साइड (NiO) में Ni तथा O परमाणुओं का अनुपात = 1 : 1
माना कि ऑक्साइड में Ni(III) परमाणुओं द्वारा विस्थापित Ni(II) परमाणुओं की संख्या x है।
अत: शेष Ni(II) परमाणुओं की संख्या = (0.98 – x)
चूँकि इस ऑक्साइड की प्रकृति उदासीन है ,
Ni परमाणुओं पर कुल आवेश = ऑक्सीजन परमाणुओं पर आवेश
2(0.98 – x) + 3x = 2
x = 0.04
निकेल ऑक्साइड में Ni(III) परमाणुओं की प्रतिशतता = Ni(III) परमाणुओं की संख्या x 100/Ni परमाणुओं की कुल संख्या
= 0.04 x 100/0.98 = 4.01%
निकैल ऑक्साइड में Ni(II) परमाणुओं की प्रतिशतता = 100 – 4.01 = 95.99%
प्रश्न 8 : अर्द्ध चालक क्या होते है ? दो मुख्य प्रकार के अर्द्ध चालकों का वर्णन कीजिये और उनकी चालकता क्रियाविधि में विभेद कीजिये ?
उत्तर : अर्धचालक
प्रश्न 9 : नॉन स्टाइकियोमीट्री क्यूप्रस ऑक्साइड Cu2O प्रयोगशाला में बनाया जा सकता है। इसमें , कॉपर और ऑक्सीजन अनुपात 2 : 1 से कुछ कम है। क्या आप इस तथ्य की व्याख्या कर सकते है कि यह पदार्थ p प्रकार का अर्द्ध चालक है ?
उत्तर : Cu2O में 2 : 1 से कम का अनुपात दिखाता है कि कुछ क्यूप्रस (Cu+) आयन क्यूप्रिक (Cu2+) आयनों द्वारा विस्थापित हो गए है। विद्युत उदासीनता बनाये रखने हेतु प्रत्येक दो Cu+ आयन एक Cu2+ आयन से विस्थापित होंगे जिससे बनी धनायन रिक्तिकाएँ धनात्मक छिद्र बनाती है। चूँकि विद्युत चालन धनात्मक छिद्रों के कारण होता है , अत: यह एक p प्रकार का अर्द्ध चालक है।
प्रश्न 10 : फेरिक ऑक्साइड , ऑक्साइड आयन के षट्कोणीय निबिड़ संकुलन में क्रिस्टलीकृत होता है जिसकी तीन अष्टफलकीय छिद्रों से दो पर फेरिक आयन होते है। फेरिक ऑक्साइड का सूत्र ज्ञात कीजिये।
उत्तर : षट्कोणीय निविड़ संकुलन में प्रत्येक परमाणु के लिए एक अष्टफलकीय छिद्र होता है।
यदि ऑक्साइड आयनों की प्रति एकक कोशिका संख्या 1 हो ,
तो Fe3+ आयनों की संख्या = 2/3 x अष्टफलकीय छिद्र
= 2/3 x 1 = 2/3
अत: यौगिक का सूत्र Fe2/3O अथवा Fe2O3 है।
प्रश्न 11 : निम्नलिखित को p प्रकार अथवा n प्रकार के अर्द्ध चालक में वर्गीकृत कीजिये –
(अ) In से डोपित Ge
(ब) Si से डोपित B
उत्तर : (अ) p प्रकार का अर्द्ध चालक
(ब) n प्रकार का अर्द्ध चालक।
प्रश्न 12 : सोना (परमाणु त्रिज्या = 0.144 nm) फलक केन्द्रित एकक कोष्ठिका में क्रिस्टलीकृत होता है। इसकी कोष्ठिका की कोर की लम्बाई ज्ञात कीजिये।
उत्तर : फलक केन्द्रित घनीय एकक कोष्ठिका (एफसीसी) के लिए
कोर की लम्बाई = 2 √2r = 2 x 1.4142 x 0.144 nm = 0.407 nm
प्रश्न 13 : बैण्ड सिद्धान्त के आधार पर –
(i) चालक और रोधी
(ii) चालक और अर्द्ध चालक में क्या अंतर होता है ?
उत्तर : (i) चालक और रोधी या कुचालक
(ii) चालक और अर्द्ध चालक में क्या अंतर होता है ?
प्रश्न 14 : उचित उदाहरणों द्वारा निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिये –
(i) शॉटकी दोष
(ii) फ्रेंकेल दोष
(iii) अन्तराकाशी दोष
(iv) F केंद्र
उत्तर : धातुओं में विद्युत का चालन इलेक्ट्रॉनों के गमन के कारण होता है। धातु ठोस तथा गलित दोनों अवस्थाओं में विद्युत का चालन करती है। धातुओं में चालकता को बैण्ड सिद्धांत द्वारा समझाया जा सकता है।
धातु परमाणुओं में उपस्थित संयोजकता कोष के परमाणुविक कक्षक आपस में मिलकर आणविक कक्षक बनाते है , जिनकी ऊर्जा में अंतर बहुत कम होता है अत: वे एक बैण्ड का निर्माण करते है जिसे संयोजकता बैण्ड कहते है। यदि संयोजकता बैंड पूरा भरा हुआ नहीं है अथवा एक उच्च ऊर्जा वाले रिक्त बैण्ड के साथ अति व्यापन करता है तो विद्युत क्षेत्र में इलेक्ट्रॉन सरलता से इस बैण्ड में प्रवाहित हो सकते है। यह बैण्ड चालकता बैंड कहलाता है। चित्र में धातु , चालक , अचालक तथा अर्द्ध चालक के बैंडों को दर्शाया गया है।
अचालकों में चालकता बैण्ड तथा पूरित बैंड की ऊर्जाओं में अंतर अधिक दाने के कारण इलेक्ट्रॉन उसमें नहीं जा सकते। अत: विद्युत का चालन नहीं हो पाता।
प्रश्न 14 : एल्युमिनियम घनीय निबिड़ संकुलित संरचना में क्रिस्टलीकृत होता है , इसका धात्विक अर्द्ध व्यास 125 pm है।
(i) एकक कोष्ठिका में कोर की लम्बाई ज्ञात कीजिये
(ii) 1.0 cm3 एल्युमिनियम में कितनी एकक कोष्ठिकाएँ होगी ?
उत्तर : प्रथम चरण – एकक कोष्ठिका की भुजा की लम्बाई की गणना –
fcc एकक कोष्ठिका के लिए a = 2√2r
= 2√2r (125 pm) = 354 pm
द्वितीय चरण – एल्युमिनियम के 1.00 घनसेमी3 में एकक कोष्ठिकाओं की संख्या की गणना –
एक एकक कोष्ठिका का आयतन = (354 pm)3 = (354 x 10-10 cm3)3 = 44174155 x 10-30 cc
Al धातु के 1.00 cc में एकक कोष्ठिकाओं की संख्या = 1 (cc)/44174155 x 10-30 (cc) = 2.26 x 1022
प्रश्न 15 : यदि NaCl को SrCl2 के 10-3 मोल % से डोपित किया जाता है तो धनायन रिक्तियों का सांद्रण क्या होगा ?
उत्तर : स्ट्रांशियम क्लोराइड (SrCl2) मिलाने पर Sr (स्ट्रांशियम ) का प्रत्येक आयन (Sr2+) सोडियम के दो आयनों (Na+) को प्रतिस्थापित करता है।
लेकिन Na+ आयन के स्थान पर जालक में मात्र एक बिंदु का ही स्थान ग्रहण करता है। इसके एक धनायन रिक्तिका का निर्माण होता है।
NaCl के 100 मोल में धनायन रिक्तिकाओं की संख्या = 10-3 मोल = 10-3/100 = 10-5 mol
धनायन रिक्तिकाओं की कुल संख्या = 6.022 x 1018
प्रश्न 15 : निम्नलिखित को उचित उदाहरणों से समझाइये –
(अ) लौह चुम्बकत्व
(ब) अनु चुम्बकत्व
(स) फेरी चुम्बकत्व
(द) प्रतिलौह चुम्बकत्व
(य) 12-16 तथा 13-15 वर्गों के यौगिक
उत्तर : (अ) लौह चुम्बकत्व
(ब) अनु चुम्बकत्व
(स) फेरी चुम्बकत्व
(य) 12-16 तथा 13-15 वर्गों के यौगिक
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