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प्रोटोकॉर्डेटा या प्रोटोकॉर्डेट्स क्या है ? (protochordata in hindi) , प्रोटोकॉर्डेट्स का महत्व , किसे कहते है ?

(protochordata in hindi) प्रोटोकॉर्डेटा : सामान्य तथा तुलनात्मक (protochordata : general and comparative)

प्रोटोकॉर्डेट्स क्या है ?

जैसा कि हम पहले अध्ययन कर चुके है कि निम्न आद्य कॉर्डेट्स सामूहिक रूप से प्रोटोकॉर्डेट्स अथवा प्रोटोकॉर्डेटा कहते जाते है। इनमे तीन मुख्य उपविभाग – हेमीकॉर्डेटा यूरोकॉर्डेटा तथा सिफैलोकॉर्डेटा सम्मिलित है , जिन्हें उपसंघ की श्रेणी दी गयी है। यह विभाजन मुख्यतः तीन उपसंघों में पाए जाने वाले नोटोकॉर्ड की स्थिति पर आधारित है। हेमीकॉर्डेटा में नोटोकॉर्ड का अस्तित्व संदेहास्पद है। यह शुंड अथवा प्रो’बोसिस में निकले एक छोटे मुखपथिय अंधवर्ध अथवा स्टोमोकॉर्ड द्वारा निरुपित किया जाता है। इस कारण आजकल हेमीकॉर्डेटा एक स्वतंत्र अकशेरुकी संघ की तरह माना जाता है। यूरोकॉर्डेटा में नोटोकॉर्ड केवल भेकशिशु में टेडपोल लारवा की दुम में होता है। केवल सिफैलोकॉर्डेटा जीवनपर्यन्त शरीर की सम्पूर्ण लम्बाई में फैला स्थायी नोटोकॉर्ड होता है।

एक समय , प्रोटोकॉर्डेटा को एक पृथक संघ माना जाता था लेकिन अब इसे ऐसी अधिकृत मान्यता नहीं है। तब भी प्रोटोकॉर्डेटा पद को अध्ययन की सुविधा के लिए प्रयोग में लिया जाता है।

प्रोटोकॉर्डेट्स का महत्व

प्रोटोकॉर्डेट्स का आर्थिक महत्व नगण्य है लेकिन ये जन्तु शास्त्रियों के लिए अत्यंत जातिवृत्तीय महत्व के होते है। वे जीवित कशेरुकियों से अधिक बंधुत्व और संभवतः समान उद्गम प्रदर्शित करते है। वे जीवन पर्यन्त तीनो मौलिक कॉर्डेट लक्षणों (नोटोकॉर्ड , खोखली पृष्ठ तंत्रिका रज्जु और ग्रसनीय क्लोम छिद्र) को धारण किये रहते है। इस प्रकार उनको अत्यंत आद्य तथा जिस पूर्वज ने संभवतः कॉर्डेट्स के अंतिम और सबसे बड़े समूह कशेरुकियो को उत्पन्न किया , उसके निकटतर सीमा रेखीय कॉर्डेट माने जाते है।

तीनों प्रोटोकॉर्डेट उपसंघो की तुलना

प्रोटोकॉर्डेटा संघ नामकरण की वर्गीकरणात्मक मान्यता प्राप्त आरम्भिक व्यवस्था को अब त्याग दिया गया है क्योंकि इसके तीनो उपसंघ कोई घनिष्ठ पारस्परिक सम्बन्ध प्रदर्शित नहीं करते। निस्संदेह उन सब में तीनों मौलिक या आद्य कॉर्डेट लक्षण (नोटोकॉर्ड , पृष्ठ खोखली तंत्रिका रज्जु तथा ग्रसनीय क्लोम छिद्र ) होते है लेकिन अनेक प्रकार से वे एक दुसरे से भिन्न होते है।

उनके मुख्य विपर्यासी अथवा विरोधी अथवा अंतर लक्षण निम्नलिखित प्रकार तालिकाबद्ध सारांश रूप में आगे दिए गए है –

सारणी 1 : तीनों प्रोटोकॉर्डेट उपसंघो की सामान्य तुलना –

लक्षण उपसंघ 1. हेमीकॉर्डेटा

बैलैनोग्लोसस

उपसंघ 2. यूरोकॉर्डेटा

हर्डमेनिया

उपसंघ 3. सिफैलोकॉर्डेटा

ब्रैंकिओस्टोमा

1.       वितरण सागरीय , विश्वव्यापी सागरीय , विश्वव्यापी सागरीय , सर्वदेशीय
2.       स्वभाव तथा आवास एकाकी अथवा निवही , अधिकतर नालवासी स्वतंत्र प्लावी
3.       आकार लम्बा , बेलनाकार , कृमिवत अपहासित , थैले की भाँती मछली जैसा , पाशर्वो से दबा , संपीडित
4.       शरीर के भाग सिर , ग्रीवा तथा धड़ बिना सिर तथा दुम के , खंडरहित केवल धड और दुम , सिर अस्पष्ट
5.       पश्च गुदिय दुम अनुपस्थित अनुपस्थित उपस्थित
6.       पंख अनुपस्थित अनुपस्थित मध्यवर्ती पंख उपस्थित
7.       चोल अनुपस्थित उपस्थित अनुपस्थित
8.       प्रगुहा आंत्रगुहिका |

देह के 3 प्रदेशो में विभाजित

अनुपस्थित , परिकोष्ठ गुहिका द्वारा विस्थापित परिकोष्ठ गुहिका द्वारा लघुकृत
9.       परिकोष्ठ गुहिका अनुपस्थित अत्यधिक विकसित भलीभांति विकसित
10.    पृष्ठरज्जु अनुपस्थित , उसके स्थान पर स्टोमोकॉर्ड उपस्थित केवल लारवा की दुम में , वयस्क में अनुपस्थित जीवनपर्यन्त स्थायी शलाका समान
11.    मांस पेशियाँ अखंडित अखंडित विखंडित खंडित आदिपेशीखंड
12.    पाचन नली पूर्ण , सीधी या कुंडलित पूर्ण , कुंडलित पूर्ण , सीधी
13.    मुखछद अनुपस्थित अनुपस्थित उपस्थित
14.    ग्रसनीय उपकरण बड़ा , सरल , क्लोम छिद्रों की दो पृष्ठ रेखीय पंक्तियों सहित बड़ा , जटिल , पाशर्व क्लोम छिद्रों के 2 अथवा अनेक युग्मों से युक्त बड़ा , जटिल , पाशर्व क्लोम छिद्रों के अनेक युग्मो से युक्त
15.    अशन साधन पक्ष्माभी अथवा निस्यंदक पक्ष्माभी पक्ष्माभी
16.    श्वसन अंग अनुपस्थित , श्वसन शरीर तल द्वारा अनुपस्थित , श्वसन शरीर तल द्वारा अनुपस्थित , श्वसन शरीर तल द्वारा
17.    ह्रदय एक पृष्ठ ह्रदय वर्तमान भलीभांति विकसित पेशीय ह्रदय ह्रदय अनुपस्थित
18.    उत्सर्जी अंग शुंडीका में केशिका गुच्छ तंत्रिका ग्रंथि , पाइलॉरिक ग्रंथि तथा वृक्क केशिकाएं आदिवृक्कक
19.    तंत्रिका तंत्र अंत: अधिचर्मीय
20.    लिंग पृथक संयुक्त पृथक
21.    जनद एक से अनेक युग्म संयुक्त , एक युग्म विखंडीय व्यवस्थित अनेक युग्म
22.    जनद नलिकाएँ अनुपस्थित उपस्थित अनुपस्थित
23.    परिवर्धन प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष , कायान्तरण द्वारा अथवा उसके बगैर परोक्ष , प्रतिगामी कायान्तरण द्वारा कायान्तरण द्वारा , परोक्ष

सारणी 2 : प्रोटोकॉर्डेट्स : स्वभाव और आवास की तुलना

लक्षण हेमीकॉर्डेटा

बैलैनोग्लोसस

यूरोकॉर्डेटा

हर्डमेनिया

सिफैलोकॉर्डेटा

ब्रैंकिओस्टोमा

1.       उपस्थिति सागरीय सागरीय सागरीय
2.       वितरण विश्व भर में , सब सागरों में विश्व भर में , हिन्द , प्रशांत और विश्व भर में , सब सागरों में , कैरीबियन सागरों में
3.       आवास सागरीय , अन्तराज्वारीय क्षेत्रों के छिछले जल में सागरीय , चट्टानी तली वाले छिछले जल में सागरीय , रेतीली के छिछले जल में
4.       जीवन प्रणाली एकाकी , बिलकारी , रात्रिचर तथा मंद अथवा सुस्त एकाकी , चौड़े आधार द्वारा आधार वस्तु से संलग्न , दिनचर तथा मंद एकाकी , रेत में बिलकारी अथवा मुक्त प्लावी , रात्रिचर , चंचल अथवा सक्रीय
5.       बिल U-रुपी , कम से कम दो द्वार वाला , श्लेष्मा द्वारा जुड़े रेत कणों बिल नहीं बनाता अधिकतर रेत में दबा रहता है , शरीर का अग्रभाग रेत के ऊपर निकला हुआ
6.       भोजन सूक्ष्मजीव तथा रेत और जल में पाए जाने वाले कार्बनिक कण प्लवकी सूक्ष्मजीव प्लवकी सूक्ष्मजीव
7.       भोजन करने का स्वभाव सूक्ष्मभक्षी सूक्ष्मभक्षी सूक्ष्मभक्षी
8.       भोजन करने की विधि पक्ष्माभी निस्यन्दक भोजन विधि , साथ ही कीचड़ के साथ भक्षण छिद्रिल ग्रसनी कोश में चलती भोजन और श्वसन जलधारा से पक्ष्माभी निस्यन्दक भोजन विधि छिद्रिल ग्रसनी कोश में होकर चलती भोजन कणयुक्त जलधारा द्वारा पक्ष्माभी भोजन विधि
9.       जलधारा मुख से क्लोम कोश में प्रवेश करती है तथा सीधी क्लोम छिद्रों द्वारा बाहर निकल जाती है मुख से क्लोम कोश में प्रवेश करती है तथा परिकोष्ठ रन्ध्र द्वारा बाहर जाती है मुख द्वारा क्लोम कोश में प्रवेश कर क्लोम छिद्रों से परिकोष्ठीय गुहा में पहुंचकर परिकोष्ठ रन्ध्र से बाहर चली जाती है
10.    सुरक्षा उपाय आयोड़ोफॉर्म सदृश दुर्गन्धयुक्त पदार्थो का स्त्रावण , एक जाति स्फुरदीप्त है शरीर कोटेका युक्त एक जिलेटिनी चोल से आच्छादित
11.    जनन केवल लैंगिक , लिंग पृथक , पुनरुद्भवन की बड़ी शक्ति केवल लैंगिक , लिंग , संयुक्त , कुछ में मुकुलन द्वारा अलैंगिक जनन केवल लैंगिक , लिंग पृथक , अलैंगिक जनन नहीं

सारणी 3 : प्रोटोकॉर्डेट्स : आहारनालों और संलग्न ग्रंथियों की तुलना

लक्षण हेमीकॉर्डेटा

बैलोनोग्लोसस

यूरोकॉर्डेटा

हर्डमेनिया

सिफैलोकॉर्डेटा

ब्रैंकिओस्टोमा

1.       आहारनाल पूर्ण , मुख से गुदा तक सीधी और संकीर्ण नाल पूर्ण , आंत्रीय पाश युक्त वक्रनाल मुख से गुदा तक सीधी नाल
2.       मुखद्वार चौड़ा , गोल , स्थायी रूप से खुला , शुंडीका तथा कॉलर मध्य अधरीय स्थित क्लोम साइफन पर स्थित चार ओष्ठो से परिवेशित चार भुजीय क्लोम द्वार मुख छद तथा मुख कुरल की स्वतंत्र कोरों द्वारा परिवेशित चौड़ा अग्र अधर छिद्र
3.       मुखगुहा छोटी , स्पर्शको से रहित क्लोम स्पर्शको के वृत्तक सहित क्लोम साइफन की गुहा है चक्रांग से युक्त मुखछद का विस्तृत प्रघाण है