डिग्री सेंटीग्रेड व केल्विन पैमाने में सम्बन्ध celsius to kelvin fahrenheit convert in hindi , सेल्सियस और फारेनाइट पैमाना में सम्बन्ध , फारेहाइट :-
द्रव के तापीय गुण :
ऊष्मा : ऊष्मा एक प्रकार की
ऊर्जा होती है अर्थात ऊष्मा ऊर्जा का एक रूप है।
ऊष्मा वस्तु की ऊष्मा को व्यक्त करती है।
ऊष्मा का स्थानान्तरण एक निकाय से दुसरे निकाय की ओर अथवा निकाय से उसके चारों ओर के परिवेश में होता है।
ऊष्मा का स्थानान्तरण उच्च
ताप से निम्न ताप की ओर होता है।
ऊष्मा का SI मात्रक जूल होता है।
तथा ऊष्मा का अन्य मात्रक कैलोरी होता है।
तापमान : तापमान वस्तु की उष्णता को व्यक्त करता है अर्थात जो वस्तु जितनी अधिक गर्म होती है उस वस्तु का तापमान उतना ही अधिक होता है।
तापमान का मात्रक डिग्री सेंटीग्रेट होता है।
तापमान के अन्य मात्रक फारेनाइट व केल्विन होते है।
पानी का हिमांक 0 डिग्री सेल्सियस और 32 डिग्री फारेनाईट होता है।
जल का क्वथनांक का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस और 212 डिग्री फारेनाईट होता है।
तापमान के मात्रक डिग्री सेंटीग्रेट पैमाना सौ बराबर खाने में बंटा होता है जबकि फारेनाईट पैमाना 180 समान खानों में बंटा होता है।
सेल्सियस और फारेनाइट पैमाना में सम्बन्ध –
(फारेनाइट पैमाना – हिमांक) / (क्वथनांक – हिमांक) = (सेल्सियस पैमाना – हिमांक)/(क्वथनांक – हिमांक)
(F – 32)/(212 – 32) = (C – 0)/(100 – 0)
(F-32)/180 = C/100
(F-32)/9 = C/5
प्रश्न : 0 डिग्री सेल्सियस तापमान को फारेनाइट में बदलिए।
उत्तर : (F-32)/9 = C/5
F – 32 = 0
F = 32
प्रश्न : 100 डिग्री सेल्सियस को फारेनाइट में बदलिए।
उत्तर : (F-32)/9 = C/5
(F-32)/9 = 100/5
F – 32 = 180
F = 212 डिग्री फारेनाईट
प्रश्न : 40 डिग्री सेल्सियस को फारेनाइट में बदलिए |
उत्तर : (F-32)/9 = C/5
(F-32)/9 = 40/5
F – 32 = 72
F = 104
प्रश्न : 64 डिग्री सेल्सियस को फारेनाइट में बदलिए |
उत्तर : (F-32)/9 = C/5
(F-32)/9 = 64/5
F = 147.2 फारेनाइट
डिग्री सेंटीग्रेड व केल्विन पैमाने में सम्बन्ध :
K = C + 273.15
प्रश्न : 0 डिग्री सेल्सियस को केल्विन में बदलो ?
उत्तर : K = C + 273.15
K = 0 + 273.15
K = 273.15 केल्विन (जल का
हिमांक)
प्रश्न : 100 डिग्री सेल्सियस को केल्विन में बदलिए ?
उत्तर : K = C + 273.15
K = 100 + 273.15
तापमापी : ताप को मापने के लिए (थर्मामीटर) का उपयोग किया जाता है।
तापमापी में पारा या एल्कोहल भरा होता है। तापमापी ताप के साथ द्रव के आयतन में प्रसार के सिद्धांत पर कार्य करती है।
आदर्श गैस अवस्था समीकरण : यदि किसी आदर्श गैस का दाब p आयतन V गैस मोलो की संख्या n तथा ताप T हो तो इनके मध्य पाया जाने वाले निम्न सम्बन्ध को
आदर्श गैस समीकरण कहते है।
PV = nRT
यहाँ P = आदर्श गैस का दाब
V = आदर्श गैस का आयतन
n = मोलो की संख्या
R = गैस नियतांक
R = 8.2 जूल/मोलxकेल्विन
T = ताप (केल्विन में)
1. बॉयल का नियम : इस नियम के अनुसार किसी आदर्श गैस का दाब उसके आयतन के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
आदर्श गैस अवस्था समीकरण से –
यदि T = नियत
PV = नियत
P ∝ 1/V
2. चार्ल्स का नियम : यदि किसी आदर्श गैस का दाब स्थिर हो तो उसका आयतन ताप के समानुपाती होता है।
आदर्श गैस समीकरण –
P = नियत
V = nRT
अत: V ∝ T
3. गेलुसेक का नियम : यदि किसी आदर्श गैस का आयतन नियत हो तो गैस का दाब उसके ताप के समानुपाती होता है।
आदर्श गैस समीकरण से –
यदि V = नियत
P ∝ T
गेलुसेक ने बताया कि जब किसी आदर्श गैस का स्थिर आयतन पर ताप बढाया जाता है तो उसके ताप में वृद्धि होती है तथा ताप का मान कम करने पर दाब के मान में कमी होती है लेकिन यदि स्थिर आयतन पर गैस का ताप 0 डिग्री सेल्सियस कर दिया जाए तो दाब का मान शून्य नहीं होता है बल्कि दाब का मान -273.15 डिग्री सेल्सियस ताप पर शून्य होता है। इस ताप को परम शून्य ताप कहते है।