वृद्धि नियामक पदार्थ , growth Regulating substances in hindi , वृद्धि प्रवर्धक हार्मोन , Auxin (औक्सिन) की खोज
वृद्धि प्रवर्धक हार्मोन
वर्तमान समय में समान गुण वाले कृत्रिम औक्सिन हॉर्मोन की खोज तथा निर्माण किया जा चूका है जिन्हें आवश्यकतानुसार पादपो में वृद्धि हेतु उपयोग किया जाता है।
Auxin (औक्सिन) की खोज : पादपो मे वृद्धि की खोज सर्वप्रथम चार्ल्स डार्विन नामक वैज्ञानिक के द्वारा की गयी तथा इन्होने पादप वृद्धि की खोज कनेरी घास पर की।
इस वैज्ञानिक के द्वारा प्रांकुल चोल पर कार्य किया तथा यह सिद्ध किया की पादप का प्रांकुल चोल प्रकाश की ओर मुड़ता है।
चार्ल्स डार्विन के इस प्रयोग को बॉयसेन जेनसन के द्वारा आगे बढाया गया तथा इनके द्वारा यह प्रयोग जई नामक पादप पर किया गया।
इनके अनुसार पादप का प्ररोह शीर्ष प्रकाशानुवर्तन होता है अर्थात प्रकाश के प्रति क्रिया दर्शाता है तथा पादप के शीर्ष भाग को काटे जाने पर प्ररोह के द्वारा प्रकाशानुवर्तन क्रिया नहीं दर्शायी जाती है अर्थात उपरोक्त वैज्ञानिको ने सिद्ध किया की पादप के शीर्ष भाग में वृद्धि को प्रेरित करने हेतु एक विशिष्ट पदार्थ पाया जाता है। परन्तु उन्होंने इस पदार्थ का पता नहीं लगाया जा सका। यह प्रयोग 1910-13 के मध्य किया।
बॉयसेन तथा जेनसन के प्रयोग के पश्चात् सन 1916 में एक अन्य वैज्ञानिक Pall इस विशिष्ट रासायनिक पदार्थ को पहचाना तथा ज्ञात किया कि ऐसा पदार्थ जल में विलेयित अर्थात घुलनशील होता है।
सन 1926 से लेकर 1928 के मध्य Fow . went द्वारा औक्सिन नामक हॉर्मोन की खोज की गयी तथा यह वैज्ञानिक इस हॉर्मोन को पादप के शीर्ष भाग से पृथक करने में सफल रहे। इस हेतु इस वैज्ञानिक के द्वारा जई के शीर्ष भाग को काटकर अगार के टुकड़े पर कुछ समय के लिए रख तत्पश्चात उपचारित अगार के टुकड़े से छोटे छोटे अगार के टुकड़े निर्मित किये।
निर्मित अगार के टुकड़े को पुनः काटे गए प्ररोह पर स्थानांतरित किया जिससे प्ररोह के द्वारा पुनः वृद्धि दर्शायी गयी अत: उपरोक्त क्रियाकलाप से went द्वारा सिद्ध किया कि शीर्ष भाग को अगार पर स्थानान्तरित करने पर शीर्ष भाग में उपस्थित विशिष्ट पदार्थ अगार में स्थानांतरित हुआ तथा प्ररोह में पुनः वृद्धि को प्रेरित किया।
इसके अतिरिक्त F.W. went द्वारा यह सिद्ध किया कि पादप के अप्रकाशिक भाग में उपरोक्त हॉर्मोन की अधिक सांद्रता होने से हॉर्मोन भाग प्रकाश की ओर मुड़ता है। इस हेतु शीर्ष भाग को कुछ समय के लिए दो अभार के टुकडो के मध्य रखा गया तत्पश्चात हुए टुकडो पर दोनों प्रकार के खण्ड स्थापित किये परन्तु अप्रकाशित भाग में लगभग 65% सांद्रता के स्थानांतरित होने के कारण पादप का शीर्ष भाग प्रकाश की ओर मुड गया।
F.W went की खोज के पश्चात् कुछ अन्य वैज्ञानिको के द्वारा पादप के शीर्ष भाग के बारे में कई तथ्य बताये जिसके कारण शीर्ष भाग विकृत हो जाता है वही मूल की कोशिकाओ में यह हॉर्मोन वृद्धि को संदमित करता है इसलिए मूल का शीर्ष भाग निचे की ओर विकृत होता है।
प्रश्न 1 : Auxin को परिभाषित कीजिये।
उत्तर : ऐसे कार्बनिक पदार्थ जिनकी 0.01 मोलर से कम सान्द्रता पादप के प्ररोह भाग में विवर्धन को अभिद्द्धित करती है।
Auxin की रासायनिक प्रकृति
पादपों में यह IAA के अतिरिक्त अन्य रूपों में भी पाया जाता है तथा पादपो में पाए जाने वाले कुछ प्राकृतिक औक्सिन निम्न है –
IAA (Indole-3-acetic acid)
2. कृत्रिम Auxin : पादपो में पाए जाने वाले प्राकृतिक औक्सिन के अतिरिक्त कुछ औक्सिन कृत्रिम रूप से तैयार करते है जो निम्न है –
IBA (Indole-3-Acetic acid)
नोट : एक पादप में Auxin हॉर्मोन का संश्लेषण विभज्योत्कीय उत्तक में होता है तथा इसका गमन ऊपर से नीचे की ओर होता है तथा एक कोशिका से दूसरी कोशिका में इसका गमन विसरण की क्रिया के द्वारा होता है।
पादप की कार्यिकी पर औक्सिन हॉर्मोन का प्रभाव
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