electron transport chain (ETC) in hindi , इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट सिस्टम या चैन , Kreb cycle का महत्व
पादपो की कोशिकाओ में संपन्न होने वाली श्वसन की क्रिया के फलस्वरूप कुल 36 या 38 ATP का उत्सर्जन होता है , जिनका विभाजन निम्न प्रकार से है –
I → ग्लाइकोलाइसिस → 6 ATP / 8ATP
II → पुरुविक अम्ल का एसिटिल CO-A में परिवर्तन → 6 ATP
III → Kreb चक्र → 24 ATP
ETC → केवल ऊर्जा का उत्सर्जन 36 ATP या 38 ATP
Kreb cycle का महत्व
electron transport chain (ETC)
निर्मित होने वाले उपरोक्त घटक इलेक्ट्रॉन स्थानान्तरण तंत्र के पूर्ण होने पर ओक्सिकृत होकर ATP का उत्सर्जन करते है।
माइटोकॉण्ड्रिया के क्रिस्टी भाग पर संपन्न होने वाली इलेक्ट्रॉन स्थानान्तरण तन्त्र की क्रिया के अंतर्गत एक इलेक्ट्रॉन एक निश्चित क्रम में श्रेणीबद्ध एक वाहक से दुसरे वाहक तक स्थानांतरित होता है।
इलेक्ट्रॉन का स्थानांतरण वाहको के उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर की ओर होता है।
माइटोकॉण्ड्रिया की आंतरिक क्रिस्टी पर पाए जाने वाले एंजाइम एक विशिष्ट समूह या घटक के रूप में पाए जाते है जिन्हें संकुल के नाम से जाना जाता है।
एक पादप की कोशिका के माइटोकॉण्ड्रिया पर पाँच प्रकार के संकुल एक श्रेणी बद्ध क्रम में पाए जाते है जो निम्न प्रकार से है –
1. संकुल – I : इसमें पाए जाने वाले अवयव FMN व FES है।
2. संकुल – II : इसमें केवल FES को सम्मिलित किया गया है।
3. संकुल – III : इसमें अवयव के रूप में Cytocrom-b व cytocrom-C1 सम्मिलित किया गया है।
4. संकुल – IV : इसमें cytocrom-a तथा cytocrom-a3 सम्मिलित किया गया है।
5. संकुल – V : इसमें केवल ATP synthetase नामक एंजाइम को सम्मिलित किया गया है।
नोट : माइटोकॉण्ड्रिया की cristi पर पाए जाने वाले संकुल में उपस्थित अवयव सामान्यत: इलेक्ट्रॉन ग्राही के नाम से जाने जाते है।
इलेक्ट्रॉन परिवहन तंत्र के अंतर्गत इलेक्ट्रानो का स्थानान्तरण निम्न चरणों में संपन्न होता है तथा इन चरणों में स्थानांतरित इलेक्ट्रॉन NADH2 तथा FADH2 से ऑक्सीकरण की क्रिया के फलस्वरूप उत्सर्जित होते है।
उपरोक्त चरण निम्न प्रकार से है –
1. पादप की कोशिका के माइटोकॉण्ड्रिया के आधारी भाग में उपस्थित NADH2 का NADH-dehydrogenase नामक एंजाइम की उपस्थिति में ऑक्सीकरण की क्रिया संपन्न होती है जिसके फलस्वरूप NADH2 – NAD में परिवर्तित हो जाता है तथा इस क्रिया में उत्सर्जित होने वाले इलेक्ट्रॉन संकुल-I के अवयवों के द्वारा ग्रहण कर लिए जाते है।
नोट : संकुल-II के अवयवों के द्वारा Kreb cycle के अंतर्गत निर्मित होने वाले syccinic acid के द्वारा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन ग्रहण किया जाते है।
2. संकुल-I तथा संकुल-II के द्वारा ग्रहण किये गए इलेक्ट्रॉन संकुल-III के अवयवो को स्थानांतरित कर दिए जाते है जो संकुल IV के अवयवों को स्थानान्तरित कर दिए जाते है।
3. संकुल – IV में इलेक्ट्रॉन के एकत्रित होने पर संकुल-V में उपस्थित ATP-synthathase नामक एंजाइम की सहायता से ADP तथा अकार्बनिक पदार्थ को ATP में परिवर्तित कर दिया जाता है।
4. माइटोकॉण्ड्रिया के इस परिवहन तंत्र में अंतिम इलेक्ट्रॉन इस ऑक्सीजन के द्वारा ग्रहण किये जाते है जिसके फलस्वरूप यह सम्पूर्ण क्रिया ऑक्सीकरण -फास्फोरिलीकरण के नाम से जानी जाती है।
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