लवण किसे कहते है , लवण की परिभाषा , उपयोग , भौतिक गुण what is salt in chemistry in hindi
Point 2 :विलयन में हाइड्रोजन आयन (h+) के निर्माण के कारण ही पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है। अतः जिस विलयन मे हाइड्रोजन आयन (h+) होता है उसे अम्ल कहते है | विलयन मे OH- आयन के निर्माण से पदार्थ की प्रकृति क्षारकीय होती है।अतः जिस विलयन मे आयन (oh-) होता है उसे क्षारक कहते है |
Point 3 : जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस का उत्सर्जन होता है। लवण का निर्माण होता है। उदाहरन के लिए जब hcl की अभिकिया Na के साथ करई जाती है तब nacl बनता है |
Point 4 :जब क्षारक किसी धातु से अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस के उत्सर्जन होता है और एक लवण का निर्माण होता है उदहारण के लिए , NaOH की अभिक्य K के साथ किया जाता है तब KOH बनता है और Na अनु मिलता है
Point 5 : जब अम्ल किसी धातु कार्बोनेट या धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट से अभिक्रिया करता है तो यह संगत लवण ,कार्बन डाइऑक्साइड गैस एवं जल उत्पन्न करता है। उदाहरन के लिए HCL की अभिकिया Na2CO3 के साथ किया जाता है तब nacl , co2 और h2o बनता है |
Point 6 : जल में अम्लीय एवं क्षारकीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि ये एनोड पर हाइड्रोजन एवं कैथोड पर हाइड्रॉक्साइड आयन का निर्माण करते हैं।
Point 7 : अम्ल या क्षारक की प्रबलता की जाँच ph स्केल के उपयोग से की जा सकती है अम्लता विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता की माप होता है। विलयन मे जितना अधिक हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक होगी तब इसका ph भी अधिक होता है |
Point 8 : एक उदासीन विलयन के ph का मान 7 होता है जबकि अम्लीय विलयन के ph का मान 7 से कम एवं क्षारकीय विलयन के ph का मान 7 से अधिक होता है।
Point 9 : सभी जीवों में उपापचय की क्रिया ph की एक नुय्तम सीमा में होती है। इसकी minimum ph value 7 होती है |
Point 10 : सांद्र अम्ल या क्षारक को जल के साथ मिश्रित करना एक अत्यन्त ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है। इस अभिकिया मे प्राप्त ऊष्मा से हमेशा बचना चाहिए |
Point 11 : अम्ल एवं क्षारक एक-दूसरे को उदासीन करके लवण एवं जल का निर्माण करते हैं। उदासीन का मतलब है अम्लता का प्रभाव ख़त्म होजाता है और क्षारकता के प्रभाव को ख़त्म कर देता है |
Point 12 : लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन का जल कहते हैं। जैसे cuso4.h2o या Na2CO3.10H2o आदि |इस्सके अलावा कुछ महत्वपूर्ण लवण को discuss करेगे :-
प्लास्टर ऑफ पेरिस
प्लास्टर ऑफ पेरिस सबसे ज्यादा उपयोग मे आने वाले लवण होता है जिसका use भवन निर्माण मे किया जाता है इसके अलावा प्लास्टर ऑफ पेरिस का use मेडिकल मे किया जाता है |
प्लास्टर ऑफ पेरिस को जिप्सम को 373 ज्ञ पर गर्म करके बनाया जाता है | गर्म करने पर ,जिप्सम से जल के अणुओं का त्याग कर कैल्सियम सल्प़फ़ेट अर्धहाइड्रेट/हेमिहाइड्रेट ( CaSO4.1/2 H2O ) बनाता है। इसे प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते हैं। प्लास्टर ऑफ पेरिस एक सफ़ेद चूर्ण है जो जल मिलाने पर यह पुनः जिप्सम बनकर कठोर ठोस पदार्थ प्रदान करता है।
CaSO4.1/2 H2O + 3/2 H2O ———> CaSO4.2H O
इस पदार्थ का उपयोग डॉक्टर टूटी हुई BONES को सही जगह पर FIX करने के लिए करते हैं।
जल का केवल आधा अणु क्रिस्टलन के जल के रूप में जुड़ा होता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग खिलौना बनाने,सजावट का सामान एवं सतह को चिकना बनाने के लिए किया जाता है।
लवणों का प्रकार :
विज्ञानं मे लवणों को तीन प्रकारमे बाटा गया है :
Genral लवण :
एसे लवण जिसमे न की अम्ल और क्षार के गुण नहीं होते है उसे Genral लवण कहते है | अतः जब किसी लवण मे न तो हाइड्रोजन आयन और न ही हाइड्रोसाइड आयन होता है | उदाहरन के लिए Na2SO4 और K3PO4 भी Genral लवण है जिसका निर्माण निन्म अभिकिया से होता है :
1.H2SO4 और NaOH के बीच अभिकिया करनेपर Na2SO4 निर्माण होता है :-
H2SO4 + NaOH ———–> Na2SO4
2.H2PO4 और KOH के बीच अभिकिया करने पर K3PO4 मिलता है |
अम्लीय लवण :
जब किसी लवण का प्रकिती अम्लीय होती है | इस लवण मे क्षारक के द्वारा उदासीन नहीं होता है इसमें हाइड्रोजन अयन उपस्थित होता है | एसे लवण को अम्लीय लवण कहते है |
उदाहरन के लिए NaOH और H2SO4 से अभिकिया किया जाता है तब इसमें Na2SO4 का निर्माण होता है |
NaOH + H2SO4 ———–> NaHSO4
और
NaHSO4 + NaOH ———-> Na2SO4
इसके अलावा NaHSO4 , NaH2PO4 और Na2HPO4 अम्लीय लवण है |
क्षारक लवण
जिस भी लवण मे हाइड्रोसाइड आयन होता है उसे क्षारक लवण कहते है | इसकी प्रकिती क्षारकीय होती है | उदहारण के लिए निन्म अभिकिया की जाती है :-
जब Pb(OH)2 की अभिकिया HCL के साथ की जाती है तब निन्म क्षारक लवण प्राप्त होता है :-
Pb(OH)2 + HCL ————> Pb(OH)CL + H2O
द्विक लवण
जब किसी द्विक लवण मे दोनों अम्लीय और क्षारकीय लवण होता है उदाहरन के लिए डोलोमाइट CaCO3.MgCO3 मे दोनों पॉजिटिव Ca+ और Mg+2 है इसलिए इसे द्विक लवण कहते है |
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