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भास्कराचार्य प्रथम द्वारा किये गये दो महत्वपूर्ण कार्य लिखिए ? two works by bhaskaracharya 1 in hindi

प्रश्न 16 : भास्कराचार्य प्रथम द्वारा किये गये दो महत्वपूर्ण कार्य लिखिए ?

उत्तर : भास्कराचार्य प्रथम को भास्कर प्रथम भी कहा जाता है , इन्होने खगोलशास्त्र से सम्बंधित दो ग्रन्थ लिखे थे जो निम्न है –
1. महाभास्करीय
2. लघुभास्करीय
1. महाभास्करीय : भास्कराचार्य प्रथम द्वारा यह ग्रन्थ गणित और खगोल से सम्बन्ध रखता है , इस ग्रन्थ में अंतर्वेशन का सूत्र वही लिखा हुआ है जो हम वर्तमान समय में काम में लेते है जिसे हम ‘न्यूटन-गाउस’ अंतर्वेशन सूत्र कहते है।
2. लघुभास्करीय : भास्कर प्रथम द्वारा रचित यह ग्रन्थ गणित और ज्योतिष से सम्बंधित है , महाभास्करीय और लघुभास्करीय दोनों ही ग्रंथो में कुल आठ अध्याय है।
भास्कराचार्य प्रथम एक भारतीय महान गणितज्ञ थे , ऐसा मान जाता है कि इन्होने ही सबसे पहले गणित के अंको को (संख्याओं को) हिन्दू दाशमिक पद्धति में लिखा था। इन्होने हिंदी दाशमिक पद्धति (हिन्दू डेसीमल पद्धति) में वृत्त या गोले को शून्य के रूप में काम में लिया था।
भास्कराचार्य प्रथम का जन्म 7 वीं शताब्दी में हुआ था और ऐसा माना जाता है कि इनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और इनको खगोल विज्ञान का ज्ञान था। इनको खगोल विज्ञानी की शिक्षा इनको प्रारंभ में ही इनके पिता ने इनको दे दी थी , और यही कारण है कि आर्यभट्ट खगोलीय विद्यालय में वे एक सबसे महत्वपूर्ण पंडित के रूप में थे या इनको इस विद्यालय में खगोलशास्त्र का काफी अच्छा ज्ञान था इसलिए ये बहुत महत्वपूर्ण माने जाते थे। भास्कराचार्य प्रथम और ब्रह्मगुप्त दोनों ही भारतीय महान गणितज्ञ थे , इन दोनों गणितज्ञ ने ही गणित के अंश (फ्रैक्शन) के क्षेत्र में काफी अध्ययन किया और अपना काफी योगदान दिया , दोनों ही काफी महत्वपूर्ण और प्रसिद्द गणितज्ञ थे।
अत: भास्कराचार्य प्रथम द्वारा किये गये दो महत्वपूर्ण कार्य निम्न बता सकते है –
1. इन्होने दो ग्रन्थ महाभास्करीय और लघुभास्करीय की रचना की थी |
2. इन्होने गणित के अंको को हिंदी डेसीमल पद्धति में परिवर्तित किया और शून्य ने रूप में वृत्त का उपयोग किया |
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