WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

अणु संख्यक गुण वाष्पदाब का आपेक्षिक अवनमन क्या है Molecular Colligative numerical properties in hindi

अणु संख्यक गुण किसे कहते हैं Molecular Colligative numerical properties in hindi (अणु संख्य गुण) relative depression of vapor pressure वाष्पदाब का आपेक्षिक अवनमन in hindi परिभाषा क्या है ? वाष्प दाब में आपेक्षिक अवनमन से क्या समझते हो ?

अणु संख्य गुण (Molecular numerical properties) : 

किसी विलयन के वे भौतिक गुण जो इकाई आयतन में उपस्थित विलेय के कणों की संख्या पर निर्भर करते है न की उनकी प्रकृति पर , उन्हें अणु संख्य गुण कहते है।

ये निम्न है।

  1. वाष्पदाब का आपेक्षिक अवनमन (relative depression of vapor pressure)
  2. क्वथनांक में उन्नमन (Upgradation in Boiling Point)
  3. हिमांक (Freezing point)
  4. परासरण दाब (osmotic pressure)
  5. वाष्पदाब का आपेक्षिक अवनमन (Vapor pressure relative depression)

जब किसी शुद्ध विलायक में अवाष्पशील विलेय घोला जाता है तो उसका वाष्प दाब कम हो जाता है , अर्थात विलयन का वाष्पदाब शुद्ध विलायक से कम होता है , इसे वाष्पदाब में अवनमन कहते है।

राउल्ट ने अवाष्पशील विलेय युक्त विलयनों के लिए राउल्ट नियम दिया , जिसके अनुसार

जब किसी शुद्ध विलायक में अवाष्पशील विलेय घोला जाता है तो वाष्पदाब का आपेक्षिक अवनमन विलेय के मोल अंश के बराबर होता है।

अवाष्पशील विलेय द्वारा शुद्ध विलायक के  वाष्पदाब में अवनमन तथा शुद्ध विलायक के वाष्पदाब के अनुपात – को वाष्पदाब का आपेक्षिक अवनमन कहते है।

माना शुद्ध विलायक व विलयन के वाष्पदाब क्रमशः P1तथा  Pहै। अतः

वाष्पदाब का आपेक्षिक अवनमन = (P1– P ) P1

माना किसी विलयन में विलायक व विलेय के मोलों की संख्या क्रमशः n1  व nहै।

तथा उनके मोल अंश क्रमशः X1 व  X2  है तो विलेय के मोल

x1  =   n2  / n1  + n

राउल्ट नियम से

(P1– P ) P1= n2  / n1  + n

तनु विलयन के लिए  n1  >> n2  ≃ n1

(P1– P ) P1= n2  / n1  

चूँकि  n1  = W1 / M1

n2   = W / M

अतः

(P1– P ) P10  =  W2M /W1M

प्रश्न 1 : जब शुद्ध विलायक में अवाष्पशील विलेय घोला जाता है तो उसका वाष्पदाब कम हो जाता है क्यों ?

उत्तर : जब किसी शुद्ध विलायक में अवाष्पशील विलेय घोला जाता है तो सतह पर जल (विलायक) के अणुओं संख्या कम हो जाती है जिससे वाष्प कम बनती है अतः वाष्प दाब भी कम हो जाता है अतः विलयन का वाष्पदाब शुद्ध विलायक से कम होता है।

प्रश्न 2 : 90 ग्राम जल में 18 ग्राम अवाष्पशील विलेय घोला गया यदि विलायक व विलयन के वाष्पदाब क्रमशः 200 व 150 MM है तो अवाष्पशील विलेय का अणुभार ज्ञात करो।

उत्तर : (P1– P ) P10  =  W2M /W1M

यहाँ P1= 200mm

P= 150mm

W= 90gm

M  = 18gm

W= 18gm

M= ??

(200-150) / 200 = (18 x 18 ) /(Mx 90  )

M=  72 / 5 = 14.4