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हार्डवेयर क्या है , कंप्यूटर हार्डवेयर की परिभाषा , हार्डवेयर के नाम , प्रकार computer hardware in hindi

computer hardware in hindi हार्डवेयर क्या है , कंप्यूटर हार्डवेयर की परिभाषा , हार्डवेयर के नाम , प्रकार :
हार्डवेयर : हार्डवेयर कंप्यूटर के ये पार्ट्स होते है जिन्हें यूजर छु सकता है,महसूस कर सकता है |जिस प्रकार से मानव शरीर के भाग ( हाथ,पैर,नाक आदि) ,उसी प्रकार हार्डवेयर भी कंप्यूटर के महत्वपूर्ण भाग है |उदाहरण के लिए CPU,मेमोरी,माउस,मॉनिटर आदि|

हार्डवेयर के प्रकार :

हार्डवेयर को कई भागो मे बाटा गया है ||

1.प्रोसेसर :

प्रोसेसर कंप्यूटर का दिमांग है | जिस तरह मानव शरीर द्वारा किये जाने वाली साडी गतिविदियो पर मानव मस्तिक कण्ट्रोल करता है उसी प्रकार कंप्यूटर द्वारा किये जाने व्काली सारी PROCESSING CPU करता है | इनपुट देवीचे से डाटा लेकर ,दिए गये निर्देशो को पेर्फ्रोम करता है , उन्हें उचित डिवाइस को भेज देता जो आगे की कायवाही करते है |दूसरी भाषा में,CPU यूजर द्वारा दिए निर्देशो का पालन करवाता है |CPU यूजर द्वारा दिए गये निर्देशो के क्रम को भी DECIDE करता है |

प्रोसेसर कैसे काम करता है

जब कोई यूजर किसी प्रोग्राम को सेलेक्ट करता है , तब RAM में STORE PROGRAME( ग्रुप ऑफ़ निर्देशो ) को मेमोरी कंट्रोलर ( सर्किट डिज़ाइन इनसाइड CPU )की सहयता से प्रोसेसर में लोड हो जाता है | जहा पर यूजर द्वारा चुना गया PROGRAM प्रोसीड होता है |आगे होने वाली गातिविदी यूजर द्वारा सेलेक्ट किये प्रोग्राम पर निर्भर करती है | अगर प्रोग्राम में कुछ कंटेंट डिस्प्ले करने का कमांड होगा तो डिस्प्ले पर आ जायेगा |

2.MOTHERबोर्ड
MOTHERBOARD एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है जो कंप्यूटर के प्रत्येक पार्ट्स मे तालमेल बनता है |मदर बोर्ड से कनेक्ट सभी डिवाइस आपस में कम्युनिकेशन ( डाटा का आदान-प्रदान ) कर सकते है |मदर बोर्ड पर कई साडी BUS-LINES होती है जो डाटा के कम्युनिकेशन के जिमेदार होती है |मदर बोर्ड पर BUSलाइन के अलावा CPU,PCI SLOTS,GRAPHIC CARDSBIOS ,MEMORY,SERIAL IN OUT LINES भी होती है
|

मदर बोर्ड की सरंचना:

मदर बोर्ड  के सरचना मानव मस्तिक की तरह होती है |इसमें दो सर्किट होते है : दाया भाग CPU,MEMORY और ग्राफ़िक कार्ड में कम्युनिकेशन करता है और बाया भाग बाकि सभी भागो केता है  बीच कम्युनिकेशन करता है |दाया भाग CPU से डायरेक्ट कनेक्ट होता है इसलिए यह बाया भाग और CPU के बिच पुल की तरह्ह कार्य करता है|

३.HARD DISK CONTROLER  :

हार्डडिस्क कंट्रोलर कंप्यूटर के प्रोसेसर भाग मई लगा होता है |IDE CONTROLLER ,SCSI कंट्रोलर , SAS TECNOLOGY आदि सभी हार्ड डिस्क कंट्रोलर है | IDE कंट्रोलर सबसे प्रसिद हार्डडिस्क कंट्रोलर है |
सभी कंप्यूटर में मुखत दो IDE कंट्रोलर होते है | प्राइमरी आईडीई कंट्रोलर हार्ड डिस्क से सीधे कनेक्ट रहता है |
सेकेंडरी IDE कंट्रोलर CD DRIVE से कनेक्ट रहता है |सभी IDE RIBBON जो इन में से किसी डिस्क के साथ कनेक्ट रहता है ,ये दो ड्राइव की तरह कार्य कर सकती है |

3.i :MASTER ड्राइव :
मास्टर ड्राइव IDE कंट्रोलर पर आने वाले सभी लोड को कण्ट्रोल करता है |यह अपने डाटा को रख कर बाकी डाटा को SALVE ड्राइव को भेज देता है |

3.ii SALVE ड्राइव :
SALVE ड्राइव MASTER ड्राइव द्वारा भेजे गये डाटा को सिर्फ देख सकता है | और अपने पास SALVE ड्राइव नहीं होने पर सिर्फ एक ड्राइव ही इस RIBBON या SALVE ड्राइव से कनेक्ट हो सकती है |

4.MEMORY

मेमोरी का कंप्यूटर में दो मुख्य कार्य होते है (i) प्रोग्राम ( ग्रुप ऑफ़ निर्देशो ) को स्टोर करना (ii) यूजर द्वारा दिए गये डाटा को स्टोर करना | मेमोरी दो प्रकार की होती है |

4.i RAM (RADOM ACCESSS MEMORY ):

RAM एक VOLITILE ( EDITABLE ) मेमोरी है |यूजर द्वारा ओपन की गयी सभी फाइल की लोकेशन , प्रोग्राम और डाटा इसमें सबसे पहले स्टोर होते है | और कंप्यूटर द्वारा दिए गये आउटपुट भी यूजर को डिस्प्ले होने से पहले इसमें स्टोर होता है |CPU प्रोसेडिंग के दिए गये डाटा को यही से लेता है और प्रोसेडिंग के बाद , डाटा को उसके BUS ( ADDRESS कोड ) के साथ RAM को भेज देता है |

4.ii ROM (READ ONLY MEMORY )

ROM एक NON VOLETILE MEMORY (NON EDITABLE)है |ROM नका उपयोग छोटे प्रोग्राम को स्टोर करने के लिए किया जाता है |इसमें स्टोर प्रोग्राम स्थायी हो जता है | मुख्य रूप से , इसमें विंडोज प्रोग्राम ,BOOT के प्रोग्राम को स्टोर करते है |

(RAM और ROM में क्या अंतर है)

5.BIOS
BIOS का पूरा नाम बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम है |इसके द्वारा सॉफ्टवेर और हार्डवेयर आपस मई कम्युनिकेशन करते है | BIOS ROM में लगी होती है |BIOS का मुख्य काम ये है की जैसे यूजर कंप्यूटर स्टार्ट करता है ये कंप्यूटर के सभी पार्ट्स को चेक करता है की ये सब कार्यशील है या नहीं |

6.PORTS
PORTS कंप्यूटर के ये भाग जो कंप्यूटर के एक्स्ट्रा पार्ट्स को कंप्यूटर से कनेक्ट करते है | CPU के पीछे कई सारे पोर्ट्स होते है जो अलग-अलग कंप्यूटर डिवाइस को कनेक्ट करता है |पोर्ट्स दो तरह के होते है |

6.i SERIAL PORTS
SERIAL PORT SERIAL कम्युनिकेशन करते है मतलब ये PORT एक टाइम में कवेल एक बिट ट्रांसफर करते है |

6.ii PARALLEL  PORTS
PARALLEL PORTS PARALLEL कम्युनिकेशन करते है मतलब ये पोर्ट एक साथ एक से ज्यादा बिट ट्रान्सफर करता है  |प्रिंटर , USB आदि ये पोर्ट पर काम करते है |

7.NETWORK और GRAPHIC CARDS

NETWORK CARDS का मुख्य काम कंप्यूटर को किसी भी नेटवर्क से जोड़ना होता है |प्रत्येक NETWORK  एक MAC एड्रेस होता है  और जितने भी कंप्यूटर इस नेटवर्कसे जुड़े होते है उनका भी एक MAC कोड होता है |नेटवर्कCARD एक इलेक्ट्रिक और रेडियो सिग्नल नेटवर्क को भेजते है|

GRAPHIC CARDS का उपयोग HIGH QUALITY PICTURE को काम समय में बनाने मई किया जाता है |
ग्राफ़िककार्ड्स का अपना प्रोसेसर और कुलिंग सिस्टम  होता है|CPU ग्राफ़िककार्ड्सको डाटा भेजता है और ग्राफ़िक कार्ड इस डाटा से IMAGE बनाकर डिस्प्ले करता है |

8.PERIPHERAL : INPUT और OUTPUT DEVICE

8.i KEY-BORAD

की बोर्ड कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है|इसमें KEYS होती है जिस पर की वर्णमाला,गनती और विशेष कमांड्स के आइकॉन होते है | की -बोर्ड के द्वारा यूजर अपने डाटा और निर्देशो को टाइप कर सकता है |

8.ii MOUSE

माउस कंप्यूटर का अल्टरनेटिव इनपुट डिवाइस है जिससे हम कंप्यूटर में किसी भी प्रोग्राम को सेलेक्ट कर सकते है |इससे यूजर टाइप नहीं कर सकता है |

8.iii SCANNER

SCANNER एक इनपुट देवीचे जिस से यूजर किसी डाक्यूमेंट्स को को स्कैन करके एडिट कर सकता है |SCANER से यूजर अपने फोटो,पिक्चर्स को सेंड करके ईमेल या स्टोर करके रख सकता है |

8.iv PRINTER
प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है जिसमे प्रोसेडिंग के बाद आया डाटा को यूजर पप्रिंट कर सकता है |प्रिंटर से यूजर अपने द्वारा टाइप किया गया मेसेज या डाक्यूमेंट्स को भी प्रिंट निकाल कर स्टोर कर सकता है |

8.v SPEAKER
स्पीकर एक आउटपुट डिवाइस है जिससे आउटपुट को ऑडियो रूप में प्राप्त किया जा सकता है |यूजर स्पीकर पर गाने और MOTIVATIONAL लेक्चर भी सुन सकता है |

9.FAN ,HEAT SINK और COOLING SYSTEM

HEAT SINK मुख्य प्रोसेसर चिप से जुड़ा रहता है जिसका काम प्रोसेसर की HEAT को खत्म करना होता है |HEAT SINK ALUMININIUM से बना होता जिसमे TIN की मिलावट होती है |उसे HEAT से बचना के लिए|

FAN एक छोटा FAN होता है जो HEAT SINK कनेक्ट होता है जो HEAT SINK की HEAT को दूर करता है |
जब HEAT SINK गर्म होता है तब फेन की हवा से उसे ठंडा किया जाता है | ये दोनों कंप्यूटर में COOLING SYSTEM का काम करते है |