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क्रिस्टल जालक , संरचना , एकक सैल ,अभाज्य कोष्ठिका , क्रिस्टल अक्ष (crystal lattice in hindi)

(crystal lattice in hindi) क्रिस्टल जालक , संरचना , एकक सैल ,अभाज्य कोष्ठिका , क्रिस्टल अक्ष क्या है , किसे कहते है , परिभाषा क्या है , चित्र बनायें |
क्रिस्टल जालक (crystal lattice) : किसी भी क्रिस्टल में अणुओं या अणुओं के समूह की व्यवस्थित व्यवस्था को क्रिस्टल जालक कहते है , किसी क्रिस्टल जालक में अणुओं को या अणुओं के समूह को बिंदु कहा जाता है।  अत: किसी क्रिस्टल जालक को इस प्रकार देखा जा सकता है कि इसमें बिन्दु एक विशेष क्रम पैटर्न में और उच्च सममितता में उपस्थित रहते है या व्यवस्थित रहते है। ये बिंदु कभी भी अणु की क्रिस्टल में स्थिति को व्यक्त नहीं करते है।

प्रत्येक क्रिस्टल के भीतर बिन्दुओं का एक त्रिविमीय व्यूह पाया जाता है और क्रिस्टल के अंतर स्थित प्रत्येक बिंदु अपने समीप अन्य बिन्दुओं से समान रूप से घिरा हुआ रहता है ,और बिन्दुओं के इसी व्यूह को त्रिविम जालक (space lattice) कहा जाता है , इसे ब्रेवाइस जालक भी कहते है।

क्रिस्टल जालक की संरचना

जब हम किसी क्रिस्टल जालक की संरचना को देखते है तो हमें बिन्दुओं की स्थितिओं के पैटर्न और इसकी सममितता पर ध्यान देना चाहिए ,किसी भी क्रिस्टल जालक  की साईट को केवल सूक्ष्मदर्शी के द्वारा ही देखा जा सकता है , नग्न आखों के द्वारा नहीं देखा नहीं जा सकता है। इनकी संरचना देखने के लिए किसी क्रिस्टल का एक टुकड़ा लेते है और इसे सुक्षमदर्शी में रखते है।
तो हमें क्रिस्टल जालक की संरचना कुछ ऐसी दिखाई देती है –
चित्र में जो सफ़ेद और काले रंग के बिंदु दिखाई दे रही है वे क्रिस्टल के अणु है , इसमें हम देख सकते है कि बिंदु एक निश्चित पैटर्न में व्यवस्थित है और जब इसे बिच में से काटा जाता है तो समान दो संरचना प्राप्त होती है अर्थात एक निश्चित अंतराल बाद इनकी संरचना का दोहरान हो रहा है , यह सममित भी है।

एकक सैल (unit cell)

किसी भी क्रिस्टल का वह सबसे छोटा भाग जिसकी पुनरावृत्ति करके उस क्रिस्टल का निर्माण होता है , अर्थात एकक सेल किसी क्रिस्टल का सूक्ष्मतम अंश होता है यदि इसकी पुनरावृत्ति सभी दिशाओं में की जाए तो हमें क्रिस्टल प्राप्त होता है , इसे ही एकक सेल कहते है।
अभाज्य कोष्ठिका (primitive cell) : वह सामान्य एकक कोष्ठिका जिसमें प्रत्येक कोने पर एक परमाणु या अणु उपस्थित रहता है , उसे अभाज्य कोष्ठिका कहा जाता है।
क्रिस्टल अक्ष : एकक कोष्ठिका की सतहों की परिच्छेद रेखाओं के समान्तर में खिची गयी रेखाओं को उस क्रिस्टल की क्रिस्टल अक्ष कहा जाता है।