WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

मैक्स प्लांक का क्वांटम सिद्धांत , प्रकाश का क्वाण्टम सिद्धान्त (max planck quantum theory in hindi)

(max planck quantum theory in hindi) मैक्स प्लांक का क्वांटम सिद्धांत , प्रकाश का क्वाण्टम सिद्धान्त : उन्नीसवी सदी तक न्यूटन के सिद्धांत के अनुसार प्रकाश को तरंग के रूप में माना जाता था , इसका कारण था की उस समय तक प्रकाश से सम्बन्धित सभी घटनाओं जैसे परावर्तन , अपवर्तन आदि की व्याख्या यह मानकर की जा सकती थी कि प्रकाश एक तरंग के रूप में होता है। लेकिन उसके बाद प्रकाश की कई घटनाएँ जैसे फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव , ब्लैक बॉडी विकिरण आदि की व्याख्या यह मानकर नहीं की जा सकती कि प्रकाश एक तरंग के रूप में होता है।

यह देखने के बाद जर्मनी के भौतिक वैज्ञानिक मैक्स प्लांक ने कई प्रयोग किये और अपने कई प्रयोगों के निष्कर्ष के आधार पर 1900 में प्रकाश के लिए क्वाण्टम सिद्धान्त का प्रतिपादन किया।

मैक्स प्लांक ने अपने क्वांटम सिद्धांत में में बताया कि किसी स्रोत से प्रकाश का उत्सर्जन सतत न होकर प्रकाश का उत्सर्जन ऊर्जा के छोटे छोटे बण्डल के रूप में होता है , ऊर्जा के इन छोटे छोटे बंडलों को क्वान्टा या फोटोन कहा जाता है।

फोटोन जब विराम अवस्था में होता है तब यह द्रव्यमानहिन रहता है लेकिन जब फोटोन (क्वान्टा) गति करता है तब इसमें द्रव्यमान व ऊर्जा दोनों निहित रहते है।

प्रत्येक फोटॉन की ऊर्जा को निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है –

फोटॉन की ऊर्जा (E) = hv

यहाँ  v = प्रकाश की आवृति है।

h = प्लान्क नियतांक कहते है जिसका मान (6.62606957(29) x 10-34 J s) होता है।

फोटॉन या क्वांटम को ऊर्जा का सबसे छोटा रूप माना जाता है और ऊर्जा का मान क्वान्टा या फोटोन के पूर्ण गुणज के रूप में होता है अर्थात ऊर्जा का मान 1hv , 2hv , 3hv ऐसा ही संभव है , इसका भिनात्त्मक मान आदि सम्भव नहीं है।

मैक्स प्लांक के क्वांटम सिद्धांत के आधार पर जिन प्रकाश की घटनाओं की व्याख्या न्यूटन के तरंग सिद्धांत से नहीं हो पायी थी वो इस सिद्धान्त से आसानी से हो रही थी।

अर्थात मैक्स प्लांक का क्वांटम सिद्धांत प्रकाश की घटना प्रकाश विद्युत प्रभाव , ब्लैकबॉडी विकिरण आदि को सरलतापूर्वक व्यख्या कर सकता है।