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अपने ही भार के कारण टूटने के लिए आवश्यक तार की न्यूनतम लम्बाई (minimum length of wire for breaking)

(minimum length of wire for breaking due to its own weight) अपने ही भार के कारण टूटने के लिए आवश्यक तार की न्यूनतम लम्बाई : इस प्रकार के प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूंछे जाते है जैसे IIT-JEE या NEET इत्यादि।

एक वैज्ञानिक एक बहुत बड़ा तार लेता है और इस तार को खड़ा लटका देता है और इसकी लम्बाई को बढाता जाता है , तार की एक लम्बाई ऐसी आती है जब यह तार खुद ही टूट जाता है।  यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि यहाँ कोई बाह्य कोई बल आरोपित नही किया जा रहा है फिर भी तार कैसे टूट गया ?

उत्तर है कि तार अपने खुद के भार के कारण टूट गया।

हम यहाँ तार की उस न्यूनतम लम्बाई का मान ज्ञात करते है तो टूटने के लिए आवश्यक है और इसके लिए सूत्र की स्थापना करते है –

माना तार का भंजक प्रतिबल का मान P है।

तार की L लम्बाई होने पर यह टूट जाता है और इस तार का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल A है।

तार का घनत्व का मान d है।

तब तार टूटने की स्थिति में तार का भार = ALdg होगा , यहाँ g = गुरुत्वीय त्वरण है।

तार के भंजक बल का मान = P X A होगा।

जब तार अपने खुद के भार के कारण टूटता है तो इसका अभिप्राय यह है कि उस स्थिति में तार का भार , तार के भंजक बल के बराबर होगा।

P x A = ALdg

अत: तार की न्यूनतम लम्बाई जिस पर वह स्वयं के भार के कारण टूट जायेगा

L = P/dg

अपने ही भार के कारण तार की लम्बाई में वृद्धि (increase in length of a wire due to its own weight)

अब बात करते है जब किसी तार को खड़ा लटकाया जाता है तो इसके खुद के वजन या भार के कारण उसकी लम्बाई में कुछ वृद्धि हो जाती है , लम्बाई में उस वृद्धि के मान को हम यहाँ ज्ञात करने वाले है।
जब एक तार को खड़ा लटकाया जाता है तो स्वयं के भार के कारण इस तार की लम्बाई बढ़ जाती है , हम यहाँ इसकी लम्बाई में वृद्धि का मान ज्ञात करने के लिए सूत्र की स्थापना करेंगे।
माना तार का द्रव्यमान M है तथा लम्बाई L है।
तार का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल A तथा तार के पदार्थ का यंग प्रत्यास्थता गुणांक का मान Y है।
तार को लटकाने पर इसके भार का मान F = Mg होगा जहाँ g = गुरुत्वीय त्वरण है। तार का भार उसके केंद्र पर क्रियाशील होगा अत: तार की वह लम्बाई का मान जिसमे वृद्धि होगी L/2 है।
तार की लम्बाई में स्वयं के कारण वृद्धि l = Mg(L/2)/2AY