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प्रोटॉन की खोज कब और किसने की थी ? (who invented proton in hindi) proton ki discovery

(who invented proton in hindi) proton ki discovery kab aur kisne ki  प्रोटॉन की खोज कब और किसने की थी ?: चूँकि सामान्य अवस्था में इलेक्ट्रॉन उदासीन अवस्था में पाया जाता है अर्थात इस पर कोई आवेश नही पाया जाता।  जब 1897 में जे.जे. थोमसन ने इलेक्ट्रान की खोज की और बताया की इलेक्ट्रॉन पर ऋणावेश पाया जाता है तो सभी वैज्ञानिक सोचने लगे की यदि इलेक्ट्रान पर ऋणात्मक आवेश है और परमाणु उदासीन पाया जाता है तो इसका मतलब यह है की परमाणु में धनावेश भी उपस्थित है जो इलेक्ट्रान के आवेश के बराबर धनावेश रखता होगा और परमाणु को उदासीन रखा होगा।

इस मत में कई वैज्ञानिको ने कई मत दिए।

अर्नेस्ट रदरफोर्ड , जो उस समय रेडियो सक्रीय के सन्दर्भ में कई प्रयोग कर रहे थे , 1911 में कई प्रयोगों के बाद उन्होंने अपने प्रयोगों के निष्कर्ष निकालते हुए कहा की परमाणु के बीचो बीच एक धनात्मक केन्द्र पाया जाता है , इस केन्द्र में ही परमाणु का अधिकतर भार होता है। इस केन्द्र (नाभिक) में धनात्मक कण पाये जाते है , इन धनात्मक कणों को ही रदरफोर्ड ने “प्रोटोन” नाम दिया। रदरफोर्ड ने इन कणों (प्रोटोन) को 1920 में खोजा और पहली बार इन कणों को प्रोटोन नाम दिया गया |

proton एक ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है “first” .

अत: प्रोटॉन की खोज अर्नेस्ट रदरफोर्ड द्वारा 1920 में की गयी

रदरफोर्ड ने बताया की हर परमाणु के नाभिक में भिन्न भिन्न संख्या में प्रोटोन पाये जाते है , हाइड्रोजन के नाभिक में प्रोटोन की संख्या एक पायी जाती है इसलिए हाइड्रोजन को प्राथमिक कण (एलेमेंट्री पार्टिकल) कहा गया।