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चालकता व मोलर चालकता को प्रभावित करने वाले कारक Conductivity & Molar Conductivity

Affecting Factors of Conductivity and Molar Conductivity चालकता व मोलर चालकता को प्रभावित करने वाले कारक :

(1) विधुत अपघट्य की प्रकृति :

वे पदार्थ जिनका आयनन अधिक होता है उन्हें प्रबल विधुत अपघट्य कहते है , इनके विलयनों में आयनों की संख्या अधिक होती है अतः चालकता का मान अधिक होता हैं।

उदाहरण : HCl , HNO3 , H2SO4, NaOH , KOH , KCL , NaCl , NH4Cl , CH3-COONa आदि

वे पदार्थ जिनका आयनन कम होता है उन्हें दुर्बल विधुत अपघट्य कहते है इनके विलयनों में आयनों की संख्या कम होती है अतः चालकता का मान कम होता हैं।

उदाहरण : CH3-COOH , NH4OH , HCN , H2CO3 , HCOOH आदि

(2) ताप :

ताप बढ़ाने से विधुत अपघट्य का आयनन अधिक होता है , आयनों की संख्या अधिक हो जाती है अतः चालकता का मान अधिक होता हैं।

(3) विलायक की श्यानता :

अधिक श्यानता वाले विलायक में आयनों की गति कम होती है अतः चालकता कम होती है।  कम श्यानता वाले विलायकों में विद्युत अपघट्य की चालकता अधिक होती हैं।

(4) सान्द्रता :

किसी सान्द्र विलयन में जल मिलाकर उसे तनु किया जाता है , तनुता बढ़ाने पर विद्युत अपघट्य का आयनन अधिक होता है , जिससे मोलर चालकता का मान बढ़ जाता है।  जैसे की निम्न सूत्र से स्पष्ट है।

Λm  = K * V

नोट : अनंत तनुता पर विधुत अपघट्य का पूर्ण रूप से आयनन हो जाता है तथा विलयन की मोलर चालकता का मान अधिकतम हो जाता है। मोलर चालकता के इस मान को सीमांत मोलर चालकता या अनंत तनुता पर मोलर चालकता हैं।  इसे Rmसे व्यक्त करते हैं।

तनुता बढ़ाने पर चालकता का मान कम होता है क्योंकि चालकता की परिभाषा के अनुसार 1 घन सेमी विलयन के चालकत्व को चालकता कहते हैं।

तनुता बढ़ाने पर 1 घन सेंटीमीटर विलयन में आयनो की संख्या कम हो जाती है अतः चालकता का मान कम हो जाता है।

डिबाई हकल व आनसागर ने मोलर चालकता पर सान्द्रता के प्रभाव का अध्ययन निम्न समीकरण द्वारा किया।

Λm = Λm0  – A √C

molar-conductivity

उपरोक्त ग्राफ से निम्न निष्कर्ष निकलते है

(1) सामान्य सांद्रताओं पर दुर्बल विधुत अपघट्य के लिए मोलर चालकता का मान कम होता है जबकि प्रबल विद्युत अपघट्य के लिए मोलर चालकता का मान अधिक होता है।

(2) प्रबल विधुत अपघट्यो के लिए बहिर्वेशन विधि द्वारा Λm0 का मान ज्ञात कर सकते है।

(3) दुर्बल विधुत अपघट्य के लिए बहिर्वेशन विधि द्वारा Λm0 का मान ज्ञात नहीं कर सकते।