PIEZO ELECTRIC FREQUENCY CONTROL in hindi piezoelectric दाब विद्युत आवृत्ति नियंत्रण
दाब विद्युत आवृत्ति नियंत्रण क्या होता है समझाइये PIEZO ELECTRIC FREQUENCY CONTROL in hindi piezoelectric ?
दाब – विद्युत आवृत्ति नियन्त्रण ( PIEZO-ELECTRIC FREQUENCY CONTROL)
पिछले अनुच्छेद में दिये गये ट्रॉजिस्टर दोलित्रों की आवृत्ति ताप, अभिनति विभव या धारा में परिवर्तन से स्थिर नहीं रह पाती हैं तथा दोलित्र की आवृत्ति का स्थायित्व सम स्वरित ( tuned) परिपथ के विशेषता गुणांक Q पर निर्भर करता है। हार्टले या कॉल्पिट दोलित्रों के L-C परिपथ के Q का मान 40-50 के लगभग होता है। अतः दोलित्रों से स्थिर आवृत्ति के दोलन प्राप्त करने के लिए समस्वरित परिपथ में दाब-विद्युत क्रिस्टलों का उपयोग करते हैं क्योंकि इनका Q लगभग 10,000 से अधिक होता है। रोशेल लवण (rochelle salt) तथा क्वार्ट्ज क्रिस्टल (quartz crystal) दाब’विद्युत प्रभाव (piezo electric effect) प्रदर्शित करते हैं। जब इनके किसी अभिमुख फलकों पर प्रत्यावर्ती विद्युत विभव लगाया जाता है तो क्रिस्टल के अन्य अभिमुख फलकों पर यान्त्रिक कम्पन (mechanical vibration) प्रारम्भ हो जाते हैं। विलोमतः अभिमुख फलकों पर दाब आरोपित करने पर दूसरे अभिमुख फलकों पर विपरीत प्रकृति के आवेश उपस्थित हो जाते हैं। इस प्रकार दाब विद्युत क्रिस्टल में वैद्युत- यांत्रिकी युग्मन (electro mechanical coupling) होता है। दाब वैद्युत प्रभाव से कम्पनों की आवृत्ति क्रिस्टल के विस्तार ( dimensions) तथा काटने के तरीके पर निर्भर करती है।
षट्कोणीय (hexagonal) आकृति के क्वार्ट्ज क्रिस्टल में से दाब – विद्युत क्रिस्टल की प्लेटें इस प्रकार बनायी जाती हैं कि इसकी स्वाभाविक आवृत्ति पर ताप परिवर्तन का प्रभाव न्यूनतम तथा इच्छित स्वाभाविक आवृत्ति उत्पन्न हो जाये। दाब विद्युत क्रिस्टल के अभिमुख फलकों पर इलेक्ट्रोड विद्युत लेपन द्वारा लगा दिये जाते हैं तथा इन पर उचित प्रत्यावर्ती विभव लगाते हैं। क्रिस्टल यांत्रिक रूप से कम्पन करने लगता है। जब प्रत्यावर्ती विभव की आवृत्ति क्रिस्टल की स्वाभाविक आवृत्ति के बराबर हो जाती है तो क्रिस्टल में उत्पन्न यान्त्रिक कम्पनों का आयाम अधिकतम् हो जाता है। 10 किलो हर्ट्ज से 10 मेगाहर्ट्ज तक की अनुनादी आवृत्तियाँ सरलता से प्राप्त हो जाती हैं। प्रत्यावर्ती विभव द्वारा प्रेरित कम्पन कर रहे क्रिस्टल को श्रेणीबद्ध LCR परिपथ से प्रदर्शित कर सकते हैं जिसको क्रिस्टल इलेक्ट्रोडों के मध्य धारिता C’ द्वारा पार्श्व पथित ( shunted) कर दिया जाता है जैसा कि चित्र (6.5-2) में दर्शाया गया है। यहाँ प्रेरकत्व L क्रिस्टल के द्रव्यमान, धारिता C क्रिस्टल के यान्त्रिक प्रत्यास्थता (elasticity) तथा प्रतिरोध R यान्त्रिक घर्षण (friction) को प्रदर्शित करते हैं। धारिता C’ क्रिस्टल इलेक्ट्रोडों से बने संधारित्र की वास्तविक धारिता है। उदाहरणस्वरूप 90 किलो हर्ट्ज अनुनादी आवृत्ति के क्रिस्टल का विस्तार 30 x 4 1.5mm होता है व इसके लिये L = 137 H, C = 0.0235 pF, R = 15 k व C’ ~ 3.5 pF.
चित्र (6.5-2 ) में प्रदर्शित तुल्य परिपथ की प्रतिबाधा Z हैं तो
क्वार्ट्ज क्रिस्टल में अवमन्दन अत्यल्प होता है जिससे Q का मान अत्यधिक होता है। प्रतिरोध R को उपेक्षणीय माना जा सकता है।
चित्र में प्रदर्शित तुल्य परिपथ में दो अनुनादी आवृत्तियाँ प्राप्त होती हैं। उनमें से एक अनुनादी आवृत्ति (0, श्रेणीबद्ध L-C परिपथ के प्रतिघात के शून्य होने से प्राप्त होती है। अर्थात्
दूसरी अनुनादी आवृत्ति (0p, समान्तर L-C’ परिपथ के प्रतिघात के अनन्त होने से प्राप्त होती है। अत: जब
क्रिस्टल में सामान्यतः धारिता C’ धारिता C से कई सौ गुना अधिक होती है अतः (C+ C) में C’ के सापेक्ष C की उपेक्षा करने पर
समस्वरित-परिपथ युक्त दोलित्रों में आवृत्ति के अस्थायित्व का मुख्य कारण सक्रिय युक्ति (ट्रॉजिस्टर) के प्राचलों के परिवर्तन के कारण अथवा लोड में परिवर्तन के कारण मिलर प्रभाव – धारिता (Miller effect capacitance) में परिवर्तन होना है। यह प्रभावी धारिता ट्रॉजिस्टर में आधार संग्राहक व आधार उत्सर्जक के मध्य धारिता के कारण उत्पन्न होती है। ट्रॉजिस्टर की यह प्रभावी धारिता Cd क्रिस्टल इलेक्ट्रोड धारिता C’ के समान्तर कार्य करती है जिससे क्रिस्टल की परिणामी धारिता
C का मान अत्यल्प होने से व उपरोक्त संबंध में C गुणक के रूप में उपस्थित होने से Cd के परिवर्तन का प्रभाव नगण्य हो जाता है। दाब विद्युत क्रिस्टल द्वारा नियन्त्रित दोलन उत्पन्न करने के लिए अनेक प्रकार के परिपथ प्रयुक्त किये
जा सकते हैं। सरलता के लिये कॉलपिट दोलित्र के समस्वरित परिपथ में प्रेरक कुण्डली के स्थान पर क्रिस्टल लगा दिया जाता है जैसा कि चित्र (6.5-3) में दर्शाया गया है।
इस प्रकार के दोलित्र की आवृत्ति क्रिस्टल के पैरामीटर पर निर्भर करती है और क्रिस्टल का Q अत्यधिक होने के कारण दोलित्र से स्थाई आवृत्ति के दोलन प्राप्त होते हैं।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics