राजस्थान के राज्यपाल नोट्स डाउनलोड पीडीएफ download pdf in hindi governor of rajasthan notes in hindi pdf
governor of rajasthan notes in hindi pdf राजस्थान के राज्यपाल नोट्स डाउनलोड पीडीएफ download pdf in hindi ?
- राज्यपाल को 1956 से पहले राजप्रमुख नाम से जाना जाता था |
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 के तहत राज्यपाल के पद की व्यवस्था की गयी है |
- 7 वें संविधान संशोधन के तहत यह प्रावधान किया गया कि दो या दो से अधिक राज्यों का एक राज्यपाल हो सकता है |
राजस्थान के राज्यपाल नोट्स डाउनलोड पीडीएफ
अनु. 153 à राज्यपाल के पद की व्यवस्था
अनु. 154 à राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होंगी |
राज्यपाल अनु. 155 à राज्यपाल की नियुक्ति (केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा)
अनु. 156 à राज्यपाल की पदावधि (राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत)
अनु. 157 à राज्यपाल पद की योग्यताएं
अनु. 158 à राज्यपाल पद के लिए शर्तें
अनु. 159 à राज्यपाल की शपथ
अनु. 160 à राज्यपाल कुछ आकस्मिकता में कार्यों का निर्वहन करेगा
अनु. 161 à क्षमादान की शक्तियां
अनु. 163 à राज्यपाल की शक्तियां
नोट : अनुच्छेद 213 à राज्यपाल की अध्यादेश की शक्ति
अनुच्छेद 153 : प्रत्येक राज्य में एक राज्यपाल पद का प्रावधान किया गया है और राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है |
नोट : 7 वें संविधान संशोधन 1956 के अनुसार राज्यपाल एक से अधिक राज्यों का एक राज्यपाल बन सकता है |
अनुच्छेद 154 : राज्यपाल राज्य की कार्यपालिका का प्रमुख होता है |
राज्यपाल की नियुक्ति : अनुच्छेद 155
- चयन – केंद्र सरकार द्वारा |
- नियुक्ति – राष्ट्रपति द्वारा केंद्र द्वारा निर्देशित या चयनित व्यक्ति को |
- अर्थात प्रधानमंत्री और मंत्रीपरिषद की सलाह पर |
राज्यपाल की पदावधि : अनुच्छेद 156
- सामान्यतया 5 वर्ष |
- अनुच्छेद 156 के तहत राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है |
नोट : राज्यपाल को समय से पूर्व हटाने संबंधी प्रावधान का उल्लेख संविधान में नहीं किया गया है |
इस्तिका : राष्ट्रपति को |
निष्कासन : राष्ट्रपति द्वारा |
नोट : राज्यपाल का अन्य राज्य में स्थानान्तरण किया जा सकता है |
राज्यपाल की योग्यताएँ : अनुच्छेद 157
- भारत का नागरिक हो |
- 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो |
परम्परा :-
- राज्यपाल उस राज्य का निवासी नहीं होना चाहिए जहाँ उसे नियुक्त किया जा रहा है |
अपवाद – 1. सरदार उज्जवल सिंह – पंजाब
- H.C. मुखर्जी – पश्चिम बंगाल
राज्यपाल पद की शर्तें : अनुच्छेद 158
- 158(1) संसद या विधानमंडल का सदस्य न हो |
- 158(2) लाभ या सरकारी पद पर कार्यरत न हो |
- 158(3) राज्यपाल सरकारी आवास , वेतन भत्तों का हकदार होगा |
- 158(3)(a) यदि राज्यपाल एक से अधिक राज्यों के राज्यपाल का पद धारण करता है तो उसे वेतन उसी अनुपात में दिए जायेगा जो राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया जाए |
- 158 (4) नियुक्ति के बाद राज्यपाल की सेवा शर्तों में अलाभकारी परिवर्तन नहीं किये जायेंगे |
राज्यपाल की शपथ : अनुच्छेद 159
- राज्य के मुख्य न्यायाधीश द्वारा |
- मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त होने की स्थिति में उच्च न्यायालय के ज्येष्ठतम न्यायाधीश शपथ दिलवाते है |
- राज्यपाल संविधान व विधि का परिरक्षण , संरक्षण , प्रतिरक्षण की शपथ लेते है |
वेतन भत्ते : 3.5 लाख रुपयें |
- राज्य की संचित निधि द्वारा |
पेंशन : केंद्र की संचित निधि द्वारा |
वेतन भत्तों का निर्धारण à संसद द्वारा |
सर्वोच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णय :-
- रघुकुल तिलक केस (1979) : राज्यपाल का पद केंद्र सरकार के अधीन रोजगार नहीं है |
- रामेश्वर प्रसाद केस (2006) : राज्यपाल पद की नियुक्ति हेतु एक निश्चित प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए
- P. सिंघल बनाम भारत सरकार (2010) : चूँकि राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है अत: केंद्र सरकार को जानबूझकर या मनमाने तरीके से राज्यपाल को निष्कासित नहीं करना चाहिए | (K.G. बालकृष्णन बैच)
राज्यपाल की शक्तियाँ या कार्य या भूमिका
- कार्यपालिक शक्तियाँ :
- मुख्यमंत्री व मंत्रियों की नियुक्ति (अनु. 164(1))
- महाधिक्ता की नियुक्ति (अनु. 165)
- राज्य प्रशासन के संचालन हेतु कार्यविधि और नियम बनाना (अनु. 166(2))
- जनजाति कल्याण मंत्री की नियुक्ति (छत्तीसगढ़ , झारखंड , मध्यप्रदेश , उड़ीसा)
- राष्ट्रपति को उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में सलाह देना |
- विभिन्न आयोगों में नियुक्तियाँ –
- RPSC के अध्यक्ष और सदस्य
- राज्य निर्वाचन आयुक्त
- राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्य |
- लोकायुक्त और उपलोकायुक्त
- राज्य सुचना आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति
- राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्य
- विभिन्न आयोगों और बोर्ड के प्रमुख के रूप में :
- अध्यक्ष – पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (उदयपुर) (महाराष्ट्र , गुजरात , राजस्थान (अध्यक्ष) , गोवा)
- अध्यक्ष – सैनिक कल्याण बोर्ड
- अध्यक्ष – अरावली विकास बोर्ड
- अध्यक्ष – राजस्थान रेड क्रोस सोसाइटी
- संरक्षक – राजस्थान स्काउट गाइड
- कुलाधिपति – राज्य विश्वविद्यालय , (राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित)
- अध्यक्ष – भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति
राज्यपाल की विधायी शक्तियाँ :
- विधानसभा में सत्राहूत और सत्रावसान करना | (अनु. 174)
- राज्य विधानसभा का विघटन करना | (174)
- विधानमंडल में राज्यपाल का अभिभाषण (175)
- विधान परिषद में 1/6 सदस्यों को मनोनीत करना | (अनु. 171(5))
- अनुच्छेद 180 à अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की पदरिक्ति में कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति |
- प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति (अनुच्छेद 180(1))
- सदस्यों की अयोग्यता संबंधी मामलों में निर्णय लेना (अनु. 192(1)) , भारत के निर्वाचन आयोग की सलाह से (अनु. 192 (2))
- अनुच्छेद 200 के तहत विधेयकों को अनुमोदित करना –
- अनुमति प्रदान करना |
- विधेयक को विधानमंडल को पुनर्विचार हेतु लौटाना |
- विधेयक को राष्ट्रपति हेतु आरक्षित करना (अनु. 201)
- जेबी वीटो अधिकार (पॉकेट वीटो) का प्रयोग |
- अध्यादेश जारी करने की शक्ति (अनु. 213)
वर्ष अध्यादेश विधेयक
2019 3 37
2020 8 37
2021 0 20
2022 0 21
2023 0 37 (अभी तक)
नोट : अध्यादेश की आयु अधिकतम 6 माह और 6 सप्ताह होती है |
- विधानसभा में विभिन्न प्रतिवेदन रखना (राज्य वित्त आयोग , RPSC , CAG)
राज्यपाल की वित्तीय शक्तियाँ :
- राज्यपाल के पूर्व अनुमोदन से विधानसभा में बजट रखना |
- राज्य की आकस्मिक निधि पर नियंत्रण |
- धन विधेयक को अनुमति प्रदान करना |
- राज्य वित्त आयोग का गठन (अनुच्छेद 243 आई और 243 वाई)
राज्यपाल की न्यायिक शक्तियाँ :
- क्षमादान की शक्तियाँ (अनु. 161)
लघुकरण (Commutation) à सज़ा की प्रकृति को बदलना जैसे मृत्युदंड को कठोर कारावास में बदलना।
परिहार (Remission) à सज़ा की अवधिको बदलना जैसे 2 वर्ष के कठोर कारावास को 1 वर्ष के कठोर कारावास में बदलना।
विराम (Respite) à विशेष परिस्थितियों की वजह से सज़ा को कम करना
नोट : राज्यपाल को राष्ट्रपति की भाँती मृत्युदंड और कोर्ट मार्शल के मामलों में अधिकार प्राप्त नहीं हैं |
- राज्य उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति को सलाह देना |
- जिला न्यायाधीशों को नियुक्ति प्रदान करना | (अनु. 233)
राज्यपाल की स्व विवेक की शक्तियाँ (अनुच्छेद 163 (2)) :
- मुख्यमंत्री की नियुक्ति – त्रिशंकु या गठबंधन सरकार में (अनु. 164(1))
- विधानसभा का विघटन – (अनु. 174)
- मंत्रीपरिषद को बर्खास्त करना |
- विधेयकों को अनुमति प्रदान करना (अनु. 200)
- विधेयकों को पुनर्विचार हेतु विधायिका को भेजना |
- राष्ट्रपति हेतु विधेयक को आरक्षित रखना (अनु. 201)
- राज्य में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करना (अनु. 356)
- मुख्यमंत्री के विरुद्ध FIR की अनुमति प्रदान करना |
- अनुच्छेद 371 के अंतर्गत कुछ राज्यों को प्राप्त विशेष शक्तियाँ
अनु. 371 महाराष्ट्र और गुजरात के सम्बन्ध में विशेष उपबंध
371 A नागालैंड
371 B असम
371 C मणिपुर
371 D आंध्रप्रदेश और तेलंगाना
371 F सिक्किम
371 g मिजोरम
371 H अरुणाचल प्रदेश
371 I गोवा
371 J कर्नाटक
नोट : RPSC
राज्यपाल à प्रतिवेदन à विधानसभा में à वित्त आयोग
CAG
राज्यपाल से संबंधित महत्वपूर्ण विभिन्न सिफारिशें –
- सरकारिया आयोग (9 जून 1983) :
अध्यक्ष : रणजीत सिंह सरकारिया
उद्देश्य : भारत के केन्द्र-राज्य सम्बन्धों से सम्बन्धित शक्ति-संतुलन पर अपनी संस्तुति देना |
सिफारिशें :
- राज्यपाल राज्य से बाहर का व्यक्ति होना चाहिए |
- राज्यपाल की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर की जानी चाहिए |
- राज्यपाल हेतु स्थायी कार्यकाल का प्रावधान किया जाना चाहिए |
- पुंछी आयोग (अप्रैल 2007) :
अध्यक्ष : श्री न्यायमूर्ति मदन मोहन पुंछी
उद्देश्य : केंद्र-राज्य संबंधों की नई चिंताओं की जांच
सिफारिशें :
- राज्यपाल की नियुक्ति एक समिति की सिफारिश पर की जानी चाहिए जिसके सदस्य प्रधानमंत्री , लोकसभा अध्यक्ष , गृहमंत्री , सम्बन्धी राज्य का मुख्यमंत्री होंगे |
- राज्यपाल को समय से पूर्व विधानसभा में महाभियोग द्वारा हटाया जाना चाहिए |
नोट : राज्यपाल को मनमाने ढंग से हटाने पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बालकृष्णन की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने रोक लगाई |
राज्यपाल से संबंधित विभिन्न समितियाँ –
- प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग (5 जनवरी 1966) à श्री मोरारजी देसाई
- तमिलनाडु की राजमन्नार समिति (1969) à डॉ. पीवी राजमन्नार
- जम्मू और कश्मीर की भगवान सहाय समिति (1970) à भगवान सहाय
- सरकारिया आयोग (9 जून 1983) à रणजीत सिंह सरकारिया
- वेंकेटचेलैया आयोग (22 फरवरी, 2000) à मनेपल्ली नारायण राव वेंकटचलैया
- पुंछी आयोग (2007) à मदन मोहन पुंछी
राज्यपाल के पद से संबंधित महत्वपूर्ण कथन :
- भारत की पहली महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू (UP) ने कहा था – “सोने के पिंजरे में चिड़िया कैद है |”
- श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित ने कहा था – “जिसको वेतन का आकर्षण होता है वही इस पद को स्वीकार करता है |”
- श्री प्रकाश शाह ने कहा था – “राज्यपाल का काम केवल इतना है कि जहाँ शून्य स्थान है वहां हस्ताक्षर करने होते है |”
- एम.पी. पायली ने राज्यपाल के पद को महत्वपूर्ण मानते हुए लिखा – “राज्यपाल एक सूझबूझ वाला परामर्शदाता और राज्य में शांति का महत्वपूर्ण स्तम्भ है |”
- पट्टाभिसीतारमैया ने कहा था à अतिथि सत्कार करने वाला पद |
- मारग्रेट अल्वा ने कहा था à सिरदर्द वाला पद
राजस्थान के राज्यपाल से संबंधित मत्वपूर्ण तथ्य –
राजप्रमुख का पद à मानसिंह (30 मार्च 1948 से 31 अक्टूबर 1956 तक)
राजस्थान के प्रथम राज्यपाल à गुरुमुख निहाल सिंह (1956)
राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल à प्रतिभा पाटिल
राज्यपाल के पद पर रहते हुए राज्यपाल की मृत्यु – 4
- दरबारा सिंह – 1998
- निर्मल चंद जैन – 2003
- शिलेन्द्र कुमार सिंह – 2009
- श्रीमती प्रभा राव – 2010
राजस्थान में महिला राज्यपाल बनी है – 3
- प्रतिभा देवी पाटिल – 2004-2007
- श्रीमती प्रभा राव – 2010-2010
- श्रीमती माग्रेट आल्वा – 2012-2014
राजस्थान में अनुच्छेद 356 का प्रयोग –
राजस्थान में 4 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है |
- 13 मार्च 1967 से 26 अप्रेल 1967
राज्यपाल मुख्यमंत्री
डॉ. सम्पूर्णानन्द (1967) मोहनलाल सुखाडिया (1967)
+
सरदार हुकुम सिंह (1967)
- 30 अप्रेल 1977 से 21 जून 1977
राज्यपाल मुख्यमंत्री
रघुकुल तिलक (1977) या वेद पाल त्यागी हरिदेव जोशी (1977)
- 17 फरवरी 1980 से 5 जून 1980
राज्यपाल मुख्यमंत्री
रघुकुल तिलक (1980) भैरोसिंह शेखावत (1980)
- 15 दिसम्बर 1992 – 4 दिसम्बर 1993
राज्यपाल मुख्यमंत्री
डॉ. एम. चेन्नारेडी (1992-93) भैरोसिंह शेखावत (1992)
बलिराम भगत (1993)
राष्ट्रीय आपातकाल (1975)
राज्यपाल मुख्यमंत्री
सरदार जोगेंद्र सिंह हरिदेव जोशी
वे राज्यपाल जो संसद के दोनों सदनों के सदस्य रहे है –
- कलराज मिश्र
- मारग्रेट अल्वा
वे राज्यपाल जो लोकसभा अध्यक्ष भी रहे है –
- बलिराम भगत
- शिवराज पाटिल
- सरदार हुकम सिंह
वह राज्यपाल जो राज्यसभा का उपसभापति भी रहा है / रही है à प्रतिभा पाटिल
राज्यपाल जो किसी विधानसभा में स्पीकर रहा है à दरबारा सिंह
वह राज्यपाल जो किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे है –
- कल्याण सिंह
- मदनलाल खुराणा
- एम. चेन्नारेडी
- वसंतदादा पाटिल
- सम्पूर्णानन्द
- गुरुमुख निहाल सिंह
सर्वाधिक समय तक राज्यपाल à गुरुमुख निहाल सिंह
सबसे कम समय पर राज्यपाल रहे है à टि.वी. राजेश्वर
वे न्यायाधीश जो राज्य के कार्यवाहक राज्यपाल रहे है –
- नवरंग लाल टिबरेवाल
- वेदपाल त्यागी
- मिलाप चन्द्र जैन
- स्वरूप सिंह
वर्तमान राज्यपाल :
21 वाँ राज्यपाल à कलराज मिश्र (9 सितंबर 2019 से अब तक)
गतवर्षों में पूछे गए विभिन्न प्रश्न :
- किसी राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है?
(क) राष्ट्रपति
(ख) उपराष्ट्रपति
(ग) प्रधानमंत्री
(घ) भारत के मुख्य न्यायाधीश
- राज्यपाल की नियुक्ति कितने वर्ष के लिए की जाती है?
(क) चार वर्ष
(ख) पांच वर्ष
(ग) छह वर्ष
(घ) सात वर्ष
- मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
(क) विधानसभा
(ख) विधानपरिषद
(ग) राज्यपाल
(घ) राष्ट्रपति
- राज्य में किसके द्वारा अध्यादेश जारी किया जाता है?
(क) राज्यपाल
(ख) राज्य गृहमंत्री
(ग) मुख्यमंत्री
(घ) राष्ट्रपति
- किसकी सिफारिश पर राज्यपाल विधानसभा को भंग कर सकता है।
(क) राज्य का गृहमंत्री
(ख) उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
(ग) मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिपरिषद्
(घ) राष्ट्रपति
6 . निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- राष्ट्रपति चाहे तो वह राज्यपाल को 5 वर्ष पूरे हो जाने के बाद किसी अन्य राज्य या उसी राज्य में पुनः नियुक्ति दे सकता है।
- राष्ट्रपति 5 वर्ष की पदावधि पूर्ण होने से पहले ही बिना कारण बताए एवं सुनवाई का मौका दिए राज्यपाल को पद से हटा सकता है।
– उपर्युक्त में से सही कथन है।
[a] केवल 1
[C] 1 व 2 दोनों
[b] केवल 2
[d]इनमें से कोई नहीं
- निम्नलिखित में से राजस्थान में कार्यवाहक राज्यपाल के पद पर रहे हैं-
- जगत नारायण 2. वेदपाल त्यागी
- सुखदेव प्रसाद 4. मदन लाल खुराना
[a] केवल 1 व 2
[C] केवल 3 व 4
[b] केवल 2 व 3
[d] उपर्युक्त सभी
- राज्यपाल का राज्य विधायिका को संबोधित करने अथवा संदेश देने का अधिकार निम्नांकित में से किस अनुच्छेद में उल्लिखित है-
[a] अनुच्छेद 176 [b] अनुच्छेद 166
[C] अनुच्छेद 153 [d] अनुच्छेद 175
- राज्यपाल पर सिविल कार्यवाही शुरू करने हेतु निम्नलिखित में से कौन-कौन सी शर्तें पूर्ण होना आवश्यक हैं-
- यह सूचना लिखित में राज्यपाल को देनी होगी।
- ऐसी सूचना के बाद कम से कम 6 माह का समय देना होगा।
- सूचना में पक्षकार को अपना नाम, पता, कार्यवाही की प्रकृति तथा माँगे गए अनुतोष का विवरण देना होगा।
[a] केवल 1 व 2 [b] केवल 2 व 3
[C] केवल 1 व 3 [d] उपर्युक्त सभी
Hint : 2 महीने का समय दिया जाना चाहिए |
- यदि राज्यपाल एक से अधिक राज्यों में पद धारण करता है तो उसके वेतन का अनुपात कौन निर्धारित करता है-
[a] विधानसभा [b] उच्चतम न्यायालय
[C] राष्ट्रपति [d]संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री
- निम्नलिखित विशेषताओं से संबंधित मुख्यमंत्री का चयन कीजिए –
- संपूर्ण देश में एकमात्र विधायक, जिन्होंने प्रथम दस विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज की है।
- इनके नाम पर जयपुर में पत्रकारिता विश्वविद्यालय है। 3. ये तीन बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
[a] बरकतुल्ला खाँ [b] हरिदेव जोशी
[C] भैरोसिंह शेखावत [d] मोहनलाल सुखाड़िया
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics