Sedimentary rocks in hindi (अवसादी शैल) : पूर्व निर्मित शैलो के अनाच्छादन से प्राप्त पदार्थ के भौतिक , रासायनिक या जैविक विधियों से निक्षेपण पर अवसादी शैलों की उत्पत्ति होती है। अवसादी शैल पृथ्वी क्रोड़ के ऊपरी 6 किलोमीटर में ही पायी जाती है। भू सतह पर अनावृत शैलो का लगभग 75% भाग अवसादी शैलों का है।
अवसादी शैलों की उत्पत्ति (formation of Sedimentary rocks)
अवसादन की क्रिया भू सतह पर निरन्तर चल रही है। अवसादी शैलो की उत्पत्ति की निम्न लिखित प्रावस्थाएं होती है –
1. पूर्व निर्मित शैलो का विघटन , अपघटन एवं परिवहन (weathering and erosion)
2. निक्षेपण या अवसादन (sedimentation)
3. अवसाद का अश्मीभवन एवं डायजेनेसीस (Lithification and diagenesis of sediments )
1. पूर्व निर्मित शैलो का विघटन , अपघटन एवं परिवहन (weathering and erosion) : इस प्रक्रिया के दौरान पहले से निर्मित rock और उसमे उपस्थित मिनरल टूटकर गिर जाते है और इस प्रकार जो मेटेरियल प्राप्त होता है उसे अवसाद कहते है। ये अवसाद प्राकृतिक घटकों (जल , हवा , ताप , दाब द्वारा परिवहित एवं निक्षेपण से एक क्षेत्र एकत्रित हो जाते है। परिवहन के दौरान अवसाद रफली शॉर्टेड होते है और साइज के अनुसार निक्षेपित हो जाते है।
2. निक्षेपण या अवसादन (sedimentation) : अवसादो के संचय के दौरान अवसाद के निक्षेपण की दर अवसादन कहलाती है। अवसादन अवसादी शैल निर्माण की आंतरिक अवस्था है।
3. अवसाद का अश्मीभवन एवं डायजेनेसीस (Lithification and diagenesis of sediments ) : लिथिफिकेशन वह प्रक्रिया है जिसमे नरम एवं कमजोर अवसाद कठोर एवं स्थायी शैल में बदल जाते है। इस क्रिया को कनसोलीडेशन भी कहते है। इस क्रिया के दौरान अवसादों में भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन भी होते है। कुछ परिवर्तन डाइजेनेटिक होते है जो डाइजेनेसिस कहलाते है।
डाइजेनेसिस क्रिया तीन प्रकार से होती है –
1. compaction (संहनन)
2. cementation (संयोजन)
3. Recrystallization
अवसादी शैलो के वर्गीकरण (classification of Sedimentary rocks)
अवसाद जिससे की अवसादी शैल निर्मित होते है उसे मुख्यत: दो भागों में बांटा गया है –
1. Clastic sediments (exogenous rock ) (बहिर्जात शैल) : क्लास्टिक अवसाद पहले से निर्मित शैल के वे खंडित अंश है जो बहुत बड़े चिकने गोल पत्थरो के क्ले पार्टिकल्स के आकार के है। कणों के आकार के आधार पर क्लास्टिक अवसाद तीन ग्रुपों में बांटे जा सकते है –
a. Rudaceous rocks : यह रॉक बहुत बड़ी rock के खंडित अंशो से निर्मित होती है। यदि ये अंश गोलाकार हो तो ये conglomerate कहलाते है और यदि कोणीय हो तो breccia कहलाते है।
b. Arenaceous rocks : ये rocks पूर्णत: बालू कणों से मिलकर बनी होती है। यदि ये कण गोलाकार हो तो sandstone और यदि कोणीय हो तो grit कहलाते है।
c. argillaceous rocks : ये rocks बहुत छोटे कणों से मिलकर बनी होती है। इसका उदाहरण – शैल एवं पंकाश्म (mud stone).
ये क्ले आकार के अवसादो से निर्मित होते है।
2. Non clastic sediments (अन्तर्जात शैल) (Endogenous rock) : इसमें वे rocks आती है जो पानी द्वारा मिनरलो पर की गयी रासायनिक क्रिया द्वारा अथवा जानवरों व पौधों के शेष भागों के संग्रहण से निर्मित होती है इसे दो भागों में बांटा गया है –
a. रासायनिक क्रिया द्वारा निर्मित शैल – ये शैल पानी में खनिज पदार्थों के विलयन बनने से निर्मित होती है क्योंकि इससे पानी के तापमान में अथवा उसके रासायनिक संघटन में परिवर्तन हो जाता है।
रासायनिक रूप से निर्मित शैलो को उनके संघटन के आधार पर निम्न भागों में बाँटा गया है
i. carbonate rocks : example – Limestones and dolomites , ये समुद्री जल से केल्सियम कार्बोनेट की रासायनिक क्रिया द्वारा निर्मित होते है।
ii. salt rocks : ये मुख्यत: Na , K , Mg और Ca के क्लोराइड व सल्फेट डीपोजीशन से बनते है।
iii. Ferruginous rocks : इस समूह में वे शैल समाहित है जो आयरन ऑक्साइड की रासायनिक क्रिया द्वारा निर्मित हुए है। उदाहरण : Hematite , pyrite “iron stone”
iv. siliceous deposits : ये शैल सिलिका की जल से क्रिया द्वारा बनते है। उदाहरण – Flint , jasper and agate , chert .
b. कार्बनिक क्रिया द्वारा निर्मित शैल : ये शैल मुख्यत: जानवरों व पेड़ पौधों के रिमेनिंग पार्ट्स से बनती है।
यह शैल दो समूह में विभाजित की जा सकती है –
i. Biochemical rocks : ये शैल तब निर्मित होती है जब जीवित प्राणी व पेड़ पौधे पानी में दब जाते है इससे एक महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ केल्शाइट निष्कासित होता है जो इनके शैलस या अन्य कठोर भागों से प्राप्त होता है। इस प्रकार के शैलस समुद्री सतह पर अधिक पाए जाते है।
उदाहरण – shell limestone
ii. organic rocks : इस प्रकार की शैलो में कार्बनिक पदार्थ अधिक होते है जैसे coal में इसे कार्बोनेसियस rocks भी कहते है।