मधुमक्खी का पाचन तंत्र क्या है , Digestive system honey bee in hindi , उत्सर्जी तन्त्र , परिसंचरण तंत्र
जीव विज्ञान में मधुमक्खी का पाचन तंत्र क्या है , Digestive system honey bee in hindi , उत्सर्जी तन्त्र , परिसंचरण तंत्र ?
पाचनतन्त्र (Digestive system) :
मधुमक्खी का पाचन तन्त्र अन्य कीटों के समान ही होता है। इसकी आहार नाल को तीन भागो के विभेदित किया जा सकता है- (i) अग्र आन्त्र (fore gut) (ii) मध्य आन्त्र (mid gut) (iii) पश्च आन्त्र (hind gut)। इनमें से अग्र व पश्च आन्त्र क्यूटिकल द्वारा आस्तरित रहती है।
अग्र आन्त्र की संरचना अन्य कीटों तरह की होती है जो मख (मखांगों से घिरा होता है जिनके वर्णन पूर्व में किया जा चुका है) मुख गुहा, ग्रसनी, ग्रसिका तथा अन्नपुट से मिलकर बनी होती है। अन्नपुट पतली भित्ति से बनी एक थैले समान संरचना होती है जो आधे उदर तक फैली रहती है। अन्नपुट के पीछे पेषणी (gizzard) पायी जाती है जिसकी भित्ति मोटी व पेशीय होती है तथा काइटिनी प्लेटों या दांतों द्वारा आस्तरित रहती है तथा इसमें एक कपाट पाया जाता है। ये संरचनाएँ परागकणों से मधु को पृथक करती है तथा कपाट अन्नपुट से पाचित भोजन को वापस जाने से रोकता है। अन्नपुट में पाये जाने वाले पदार्थों को मुख द्वारा पुनः बाहर निकाल कर छत्ते के प्रकोष्ठों में या अन्य मधुमक्खियों को पोषित करने के काम लिया जाता है। इस प्रकार छत्ते के प्रकोष्ठों में मधु एकत्रित किया जाता है।
मध्यआन्त्र आमाशय व आन्त्र द्वारा निरूपित की जाती है। मधुमक्खियों का आमाशय सक्रिय होता है व आन्त्र का अधिकांश भाग बनाता है। आमाशय व आन्त्र के संगम स्थल पर मेल्पिघियन नलिकाओं का समूह पाया जाता है। पश्च आन्त्र मलाशय के रूप में पायी जाती है जो अन्नपुट की तरह पतली भित्ति की बनी होती है, व क्यूटिकल द्वारा आस्तरित होती है तथा अन्नपुट की तरह फैली रहती है। मलाशय में अपाचित भोजन एकत्र किया जाता है जिसे कुछ महीनों के अन्तराल पर बाहर निकाल दिया जाता है। उदाहरण के लिए मिशिगन शहर में पायी जाने वाली मधुमक्खियों में अन्तिम बार अपाचित भोजन का निष्कासन नवम्बर माह में किया था तो अगली बार अपाचित भोजन का निष्कासन अगले वर्ष मार्च में किया गया।
उत्सर्जी तन्त्र (Excretory system):
मधुमक्खियों में उत्सर्जन अन्य कीटों की तरह मेल्पिघियन नलिकाओं द्वारा होता है मेल्पिघियन नलिकाएँ अन्ध नलिकाओं के समूह के रूप में मध्य व पश्च आन्त्र के संगम स्थल पर स्थित होती है तथा पश्च आन्त्र में खुलती है। ये नलिकाएँ हीमोलिम्फ से अपशिष्ट पदार्थों को एकत्रित कर उन्हें यूरिक अम्ल में बदल देती है तथा उसे पश्चआन्त्र में छोड़ देती है जहाँ से अपाचित भोजन के साथ ही इन्हें शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
श्वसन तन्त्र (Respiratory system):
मधुमक्खी में श्वसन तन्त्र अन्य कीटों की भांति ही होता है। इसके लिए इसमें श्वसन रन्ध्र पाये जाते हैं जिनसे वाय भीतर ली जाती है व पुनः बाहर निकाली जाती है। शरीर के भीतर अन्य की का तरह श्वास नलिकाओं का जाल बिछा रहता है जिनसे ऑक्सीजन विभिन्न ऊत्तकों तक पहुँचायी जाती है।
परिसंचरण तन्त्र (Circulatory system):
अन्य कीटों की भांति इसमें भी परिसंचरण तन्त्र खुले प्रकार का होता है। इसकी देह गड बहने वाला तरल हीमोलिम्फ कहलाता है। हीमोलिम्फ के परिसंचरण हेतु विभिन्न हीमोसील कोटर व धड़कने वाला बहप्रकोष्ठीय हृदय पाया जाता है।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics