भार-भार मात्रक किसे कहते हैं , भार-आयतन मात्रक की परिभाषा क्या है Weight-weight units in hindi
Weight-weight units in hindi भार-भार मात्रक किसे कहते हैं , भार-आयतन मात्रक की परिभाषा क्या है ?
विलयनों की सान्द्रता दर्शाने की विधियां (METHODS OF EXPRESSING CONCENTRATIONS OF SOLUTIONS) : किसी विलयन मे कौन-कौन से अवयव कितनी-कितनी मात्रा में घुले हुए हैं, यह विलयन के संघटन से प्रदर्शित होता है। किसी विलयन के प्रमुख अवयव को विलायक व शेष अवयवों को विलेय कहते हैं। किसी विलयन में विलायक की एक निश्चित मात्रा में विलेय की कितनी मात्रा घुली हुई है उसे विलयन की सान्द्रता (concentration) कहा जाता है। किसी विलयन की सान्द्रता को दो प्रकार की इकाइयों द्वारा व्यक्त किया जाता है:
(i) भार-भार मात्रक (Weight-weight units) : ये विलयनों की सान्द्रता को प्रदर्शित करने वाले इस प्रकार के मात्रक हैं जिनमें विलेय तथा विलायक (या विलयन) दोनों की मात्राओं को भार के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। किसी पदार्थ का भार या द्रव्यमान चंकि ताप से प्रभावित नहीं होता अतः किसी विलयन के लिए भार-भार मात्रकों में व्यक्त किए गए सान्द्रताओं के मान ताप से प्रभावित नहीं होते हैं। विलयनों की सान्द्रता को प्रदर्शित करने वाले प्रमुख भार-भार मात्रक निम्न है (1) मोललता (Molality) किसी विलयन की मोललता विलेय पदार्थ के उन मोलों की संख्या है जो विलायक के 1000 ग्राम में विद्यमान हों। अतः किसी विलेय के एक मोल को लेकर यदि हम उसे 1000 ग्राम विलायक में घोलें तो बना हआ विलयन मोलल विलयन कहलाता है अथवा यह कह सकते हैं कि इस विलयन की मोललता (molality) एक है। यहां एक मोल, पदार्थ की ग्रामों में उस मात्रा को कहते हैं जिसका आंकिक मान (numerical value) उसके अणु भार के बराबर हो। दसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि किसी पदार्थ के अणु भार की तो कोई इकाई नहीं होती लेकिन यदि उसे ग्रामों में प्रकट किया जाये तो उसे ग्राम अणु भार (gram molecule weight) अथवा ग्राम अणु (gm molecule) अथवा एक मोल (mole) कहते है।
(2) प्रतिशत भार (Weight percent) : कई स्थानों पर पदार्थों की सान्द्रता को प्रतिशत भार में भी प्रकट किया जाता है। किसी पदार्थ के 100 ग्राम विलयन में उस पदार्थ की ग्रामों में जो मात्रा घुली हुई है वही उसका प्रतिशत भार है। उदाहरणार्थ, यदि 10 ग्राम पदार्थ लेकर उसका 100 ग्राम विलयन बनाया जाये तो उस विलयन की सान्द्रता 10% कहलाती है।
(3) मोल भित्र (Mole fraction) : किसी पदार्थ की मोल भिन्न उस अनुपात को प्रदर्शित करती है जो उस पदार्थ के मोलों की संख्या व उस विलयन के कुल मोलों की संख्या के मध्य होता है। उदाहरणार्थ, यदि किसी विलेय के n मोलों को विलायक के N मोलों में घोला जाये तो उस विलयन के कुल मोलों की संख्या हो जायेगी n + N और विलेय की मोल भिन्न हो जायेगी n/(n + N) अर्थात् ।
विलेय के मोलों की संख्या = n
विलायक के मोलों की संख्या = N
विलयन के कुल मोलों की संख्या = n + N
विलेय की मोल भिन्न = ‘ n+N
विलायक की मोल भिन्न = n/n+N
गैसीय अवस्था में पदार्थों की आपेक्षिक मात्राओं को उनके आंशिक दाबों के रूप में व्यक्त किया जाता है, अतः किसी गैसीय मिश्रण में किसी अवयव की मोल भिन्न उस गैस का आंशिक दाब (p) गैसीय मिश्रण का कुल दाब (P)
(ii) भार-आयतन मात्रक (Weight-volume units) : इस प्रकार के मात्रकों में विलेय की मात्रा तो भार के रूप में प्रदर्शित किया जाता है जबकि विलायक (या विलयन) की मात्रा को आयतन कर प्रदर्शित करते हैं। मोलरता, नॉर्मलता, फॉर्मलता, आदि इस प्रकार के मात्रकों के उदाहरण हैं। हम जानते है कि पदार्थों के आयतन ताप से प्रभावित होते हैं, ताप वद्धि से द्रवों के आयत सामान्यतया वृद्धि होती है और विलयन के आयतन में वृद्धि से उसमें विद्यमान विलेय की आपेक्षिक मात्रा ही कम हो जाएगी। अतः भार-आयतन मात्रकों में व्यक्त किये गये सान्द्रताओं के मान ताप से प्रभावित हा विलयनों की सान्द्रताओं को व्यक्त करने वाले विभिन्न भार-आयतन मात्रक निम्न है
- मोलरता (Molarity) : किसी विलयन की मोलरता विलेय के उन मोलों (moles) की सख जो विलयन के एक लिटर (one litre or dm’) में विद्यमान हों। अतः किसी विलेय के एक माल का यदि एक लिटर विलयन को बनाया जाये तो ऐसे विलयन को मोलर विलयन (molar solution) कर दमको इस प्रकार भी कह सकते है कि इस विलयन की मोलरता (molarity) एक हा मालरता व मालकता मा गुलत स शब्द लगते हैं लेकिन हमें यह स्मरण रखना है कि मोलरता मग विलयन के कल आयतन का बात करते है, विलायक कितना भी लें, लेकिन विलयन का कुल आयतन एक लिटर बनाते हैं। इसके विपरीत, मोललता में हम विलायक की मात्रा की बात करते हैं, विलयन का कुल आयतन कितना बन रहा है उससे कोई मतलब नहीं है विलायक की मात्रा हम 1000 ग्राम लेते हैं।
(2) नॉर्मलता (Normality) : आयतनात्मक अनुमापनों (volumetric titrations) में विलयनों का सान्द्रता को हम अधिकांशतः नॉर्मलता के रूप में प्रकट करते हैं। किसी विलयन की नॉर्मलता से यह प्रकट होता है कि उस विलयन के एक लिटर आयतन में विलेय पदार्थ के कितने ग्राम तुल्यांक घुले हुए हैं। हम जानते हैं कि तुल्यांकी भार की कोई इकाई नहीं होती लेकिन यदि तुल्यांकी भार को ग्रामों में प्रकट किया जाये तो उसे ग्राम तुल्यांकी भार अथवा ग्राम तुल्यांक कहा जाता है। अतः किसी विलेय के एक ग्राम तुल्यांक को लेकर यदि एक लिटर विलयन बनाया जाये तो उस विलयन को नॉर्मल विलयन (normal solution) कहते हैं अथवा यह कह सकते हैं कि इस विलयन की नॉर्मलता (Normality) एक है।
(3) फॉर्मलता (Formality) – कुछ आयनिक पदार्थों के विलयन बनाने के लिए इस पद का उपयोग किया जाता है। किसी विलयन की फॉर्मलता से तात्पर्य यह है कि उस पदार्थ के एक लिटर विलयन में उसका कितना ग्राम सूत्र भार (gram formula weight) घुला हुआ है। उदाहरणार्थ, NaCl का सूत्र भार 58.5 (23 + 35.5) है अतः यदि 58.5 ग्राम सोडियम क्लोराइड को लेकर एक लिटर विलयन बनाया जाये तो उस विलयन को फॉर्मल विलयन (formal solution) कहेंगे अथवा कहेंगे कि इस विलयन की फॉर्मलता (formality) एक है।
उदाहरण 9.1. 25 ग्राम Na2CO3.10H2O को पानी में घोलकर विलयन बनाया गया जिसका आयतन 200 cm3 व घनत्व 1.04 g cm-3 है। इस विलयन में सोडियम कार्बोनेट की (i) मोलरता व (ii) मोललता का परिकलन करो।
हल : दिये गये हैं,
(i)- विलेय की संहति W = 25g
(ii) विलेय का ग्राम अणु भार MB = 286 g/mol (सूत्र से)
(iii) विलयन का आयतन V = 200 cm’ = 0.2 dm’
(iv) विलयन का घनत्व = 1.04g/cm3
(1) विलयन के आयतन व घनत्व से विलयन की संहति (m) का परिकलन m = V x p = 200×1.04 = 208g
(2) विलेय की संहति व विलयन की संहति से विलायक (जल) की संहति (0) का परिकलन 0 = m -W = 208-25 = 183g उपर्युक्त आंकड़ों से,
(i) मोलरता का परिकलन सोडियम कार्बोनेट के मोलों की संख्या = ग्रामों में मात्रा/ ग्राम अण भार W/ Mb = 25/286 विलेय के मोलों की संख्या विलेय सोडियम कार्बोनेट की मोलरता = ” आयतन (dm’)
W/MB x 1/v
= 25/286 x 1/0.2 = 0.437
M= 0.437
(ii) मोललता का परिकलन
विलेय सोडियम कार्बोनेट की मोललता = विलेय के मोलों की संख्या | विलायक की ग्रामों में मात्रा x 1000
= 25/286 x 1/183 x 1000 = 0.478
m=0.478
उदाहरण 9.2. एक सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन है जिसमें 100 मिलि विलयन में 10 g लवण घुला हुआ है। इस विलयन का घनत्व 1.05 oim है। इसकी सान्द्रता (a) मोल भिन्न व (b) फार्मलता में। व्यक्त करो।
हल : दिये गये हैं
(i) NaCl की मात्रा = 10g
(ii) NaCl का सूत्र भार = 58.5g
(iii) विलयन का घनत्व = 1.05 gm/ml
(iv) विलयन का आयतन = 100 ml = 0.1 L या dm’
(v) विलायक का ग्राम अणु भार = 18g
(1) अतः विलयन की मात्रा (संहति) = 1.05X100 = 105g आर
(2) विलायक की संहति = 105 -10 = 95g
(a) NaCl की मोल भिन्न का परिकलन
NaCl के मोलों की संख्या, n= =0.1 71 ” 58.5
H2O के मोलों की संख्या, N=95 = 5.278
NaCl की मोल भिन्न = n+N 0.171 _0.171 = 0.03 0.171+5.278-5.449 =U.05
(b) NaCl की फॉर्मलता का परिकलन _
फॉर्मलता = NaCl की ग्रामों में मात्रा/ NaCl का सूत्र भार x 1/ विलयन का आयतन (L)
= 10/58.5 x 1/0.1
=1.709
उदाहरण 9.3. सक्सिनिक ऐसिड के जलीय विलयन का, जिसमें 100 ml विलयन में 1.77 g ऐसिड घला हआ है, घनत्व 1.0077 ग्राम/मिलि है। इसकी सान्द्रता (i) नॉर्मलता, (ii) भार प्रतिशत, (iii) मोलरता, (iv) मोललता, (v) मोल भिन्न, व (vi) फॉर्मलता में ज्ञात कीजिए।
हल : दिये गये हैं
(a) सक्सिनिक अम्ल की मात्रा = 1.77g
(b) विलयन का आयतन = 100 ml = 0.1 L
(c) विलयन का घनत्व = 1.0077 g/ml
(d) सक्सिनिक अम्ल (CH.COOH)2 का ग्राम अणु भार = 118g
(e) विलयन की संहति = 1.0077×100 = 100.77g
(f) विलायक की संहति = 100.77 – 1.77 = 99.0g
(i) अम्ल की नॉर्मलता का परिकलन इसका अणु भार
अम्ल का तु. भार = क्षारकता= 118/2 = 59
अम्ल की नॉर्मलता = अम्ल की मात्रा / ग्राम तु. भार x 1/आयतन (L)
1.77/59 x 1/0.1
N= 0.3
(ii) अम्ल के भार प्रतिशत का परिकलन
अम्ल का प्रतिशत भार = अम्ल का भार/ विलयन का भार x 100
= 1.77 /100.77 x 100
1.756%
(iii) अम्ल की मोलरता का परिकलन
अम्ल की मोलरता= अम्ल की मात्रा/ उसका अणु भार x 1/आयतन (L)
1.77/118 x 1/0.1
M= 0.15
(iv) अम्ल की मोललता का परिकलन
अम्ल की मोललता = पदार्थ की मात्रा /अणु भार x विलायक की मात्रा x 1000
= 1.77/ 118 x100.770 x1000
m = 0.1489
(v) अम्ल की मोल भिन्न का परिकलन
अम्ल के मोलों की संख्या, n= अम्ल की मात्रा /अणु भार
1.77 /118 = 0.098
जल के मोलों की संख्या, N = जल की मात्रा /अणु भार
99/18 = 5.5
अम्ल की मोल भिन्न, xA= n/n+N 0.098/ 0.098 +5.5 = 0.098/5.598
XA = 0.0175
(vi) अम्ल की फॉर्मलता का परिकलन
अम्ल की फॉर्मलता, F = अम्ल की मात्रा/ सूत्र भार 1/ विलयन का आयतन (L)
= 1.77/118 x 1/0.1
F= 0.15
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