एंजाइम या जैव रासायनिक उत्प्रेरण विशेषताएं व क्रियाविधि Enzyme Bio-chemical catalyst
Enzyme Bio-chemical catalyst in hindi एंजाइम या जैव रासायनिक उत्प्रेरण विशेषताएं व क्रियाविधि
एंजाइम उत्प्रेरण : नाइट्रोजन के जटिल कार्बनिक पदार्थो को एन्जाइम कहते हैं।
एन्जाइम उच्च अणुभार वाले प्रोटीन है ये पेड़ पौधों व जीव जन्तुओ में होने वाली क्रियाओं को उत्प्रेरित करते है अतः इन्हे जैव रासायनिक उत्प्रेरण भी कहते है।
एन्जाइम से होने वाली क्रियाएँ निम्न है :
इसु शर्करा का प्रतिलोमन :
(1) (sucrose)C12H22O11 + H2O = C6H12O6 (glucose) + C6H12O6(fructose) (इंवर्टेस एन्जाइम )
(2) (maltos)C12H22O11 + H2O = 2C6H12O6 (glucose) (माल्टेस एन्जाइम )
(3) C6H12O6 = 2C2H5OH + 2CO2 (एथिल एल्कोहल) (जाइमेस एन्जाइम )
(4) NH2CO NH2 + H2O = 2NH3 +CO2 (युरियेस एन्जाइम )
(5) प्रोटीन = पेप्टाइड (पेप्सिन एन्जाइम )
(6) प्रोटीन = ऐमिनो अम्ल (ट्रिसिन एन्जाइम )
(7) दूध = दही (लैक्टोबेसिलस एन्जाइम )
(8) डायस्टेज नामक एन्जाइम स्टार्च को माल्टोस में बदल देता है।
2(C6H10O5)n + nH2O = n C12H22O11 (डायस्टेज एन्जाइम )
एन्जाइम उत्प्रेरण की विशेषताएं :
- एक विशेष अभिक्रिया के लिए विशेष एन्जाइम काम में आता है अतः ये अति विशिष्ठ होते है।
- एन्जाइम का एक अणु एक मिनट में क्रियाकारक के दस लाख अणुओं को क्रियाफल में बदल देते है अर्थात ये सर्वोत्तम दक्ष होते हैं।
- एन्जाइम 25 से 37 डिग्री सेंटीग्रेट ताप पर अधिक प्रभावशाली होती है इस ताप को इष्टतम ताप कहते हैं।
- एन्जाइम 4 से 7 ph पर सबसे अधिक क्रियाशील होते है इसे इष्टतम ph कहते है।
- वे पदार्थ जो एन्जाइम की क्रियाशीलता को बढ़ा देते है उन्हें सक्रीय कारक या सह एन्जाइम कहते है।
- Na+, CU2+ , Mn2+, CO2+आदि सह एन्जाइम है।
नोट : Na+ ऐमिलेस की क्रियाशीलता को बढ़ा देता है।
- वे पदार्थ जो ऐन्जाइम की क्रियाशीलता को कम कर देते है उन्हें सन्दमक या विष्कारक कहते है।
एन्जाइम उत्प्रेरण की क्रियाविधि :
एन्जाइम के अणुओं में अनेक कोटरे होती है ये कोटरे विशेष आकृति की होती है। इन कोटरो में सक्रीय समूह जैसे NH2 , COOH , OH , -SH स्थित रहते है। जहाँ ये समूह होते है उसे सक्रीय केंद्र कहते है।
एन्जाइम के सक्रीय केंद्र से परिपूर्वक आकृति के क्रियाकारक के अणु उसी प्रकार से फिट हो जाते है जिस प्रकार से एक ताले में विशेष चाबी फिट होती है इसलिए इसे ताला-चाबी सिद्धांत कहते है।
एन्जाइम तथा सब्सट्रेट (क्रियाकारक) के अणु मिलकर एन्जाइम क्रियाकारक(सब्सट्रेट) का निर्माण करते है।
E + S = [E-S]
एन्जाइम सब्सट्रेट संकुल टूटकर एन्जाइम तथा क्रियाफल या उत्पाद में परिवर्तित हो जाता है।
E-S = [E+P ]
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