भूकम्प के क्षेत्र विश्व में , name any two earthquake zones of the world in hindi प्रशान्त महासागरीय पेटी
mention the important earthquake zones of the world class 8 भूकम्प के क्षेत्र विश्व में , name any two earthquake zones of the world in hindi ?
भूकम्प के क्षेत्र
(Earthquake zones)
विश्व में सभी जगह भूकम्प अनुभव किये गये हैं। इनका अध्ययन करने पर पाया गया कि कुछ क्षेत्रों में अधिक भूकम्प आते हैं। इसके साथ ही इनके वितरण में एक प्रतिरूप (Pattern) पाया जाता है।।
(1) भूकम्प प्रायः पर्वतीय क्षेत्रों (नवीन माडदार पर्वतों) में अधिक आते है तथा तटों के निकट वे अधिक अनुभव होते है।
(2) प्लेट टेक्टाॅनिक के आधार पर जो क्षेत्र प्लेट के किनारे पर स्थित हैं वहाँ भूकम्प अधिक आते है।
(3) जिन क्षेत्रों में ज्वालामुखी क्रिया होती है. उसके आस-पास के क्षेत्रों में भूकम्प अधिक अनुभव किये जाते है।
(4) इनके विश्व वितरण को ध्यान से देखने पर तीन पेटियाँ स्पष्ट रूप् से नजर आती है, जहाँ भूकम्प बार-बार आते हैं।
(i) प्रशान्त महासागरीय पेटी, (ii) मध्यवर्ती पेटी, (iii) भूकम्प शून्य क्षेत्र।
(i) प्रशान्त महासागरीय पेटी:- प्रशान्त महासागर के चारों ओर के समुद्रतटीय क्षेत्र भूकम्प पीड़ित क्षेत्र हैं। विश्व के 63ः भूकम्प इसी पेटी में आते हैं। यहाँ विश्व की सबसे ज्यादा ज्वालामुखी क्रिया भी होती है तथा यह प्रशान्त प्लेट के किनारे वाला क्षेत्र है, जहाँ स्तर भ्रंश भी पाये जाते है। पूर्व की तरफ अमेरिकी प्लेट पश्चिम की ओर सरकती है तथा पश्चिम में प्रसार से प्रभावित क्षेत्र है। जापान में विश्व में सबसे ज्यादा भूकम्प आते हैं मुख्य क्षेत्र हैं होन्शू द्वीप का पूर्वी तट, टोकियो के पूर्व एवं उत्तरी क्षेत्र, संगामी खादी व बोसो प्रायद्वीपी क्षेत्र। दूसरा क्षेत्र है अमेरिका का एलास्का तट एवं एल्यूशियन द्वीप समूह तथा केलिफोर्निया क्षेत्र। मैक्सिको के प. में सियरा मादो श्रेणी व प्लेसेंट घाटी में प्रायः भूकम्प अनुभव किये जाते है। इसी प्रकार एण्डीज के द.सिरे तथा न्यूजीलैंड में भी भूकम्प आते हैं।
(ii) मध्यवर्ती पेटी:- यह यूरेशिया महाद्वीप के बीच नवीन पर्वत श्रेणियों का क्षेत्र है, जिसमें पेरिनीज, आल्पस, काकेशस, हिन्दकुश से हिमालय तक का सम्पूर्ण क्षेत्र आता है। इस पेटी में स्तर भ्रंश के कारण अधिक भूकम्प आते हैं। विश्व के 21ः इस भाग में आते हैं। इस पेटी की एक शाखा जार्डन घाटी तक फैलती है, जो हिन्द महासागर तक जाती है। पूर्व में यह प्रशान्त पेटी से मिलती है। टर्की, जार्डन, ईरान, इराक, अफगानिस्तान तथा भारत में हाल ही में आये भूकम्प इसी पेटी में स्थित हैं।
अक्टूबर 2005 में पाकिस्तान, अफगानिस्तान व कश्मीर में भीषण भूकम्प (रिक्टर पैमाना 7.6) आया, जिसका केन्द्र मुजफ्फराबाद था। इसमें कुल 40000 लोग मारे गये व 75000 लोग घायल हुए। जम्मू-कश्मीर में लगभग 1500 जानें गईं व 32000 मकान व इमारतें क्षतिग्रस्त हुए।
(iii) भूकम्प शून्य क्षेत्र – कुछ क्षेत्र भूकम्प प्रभाव से मुक्त रहते हैं जैसे ब्राजील का पठार, अफ्रीका लरेशिया क्षेत्र, भारत का पठारी क्षेत्र, साइबेरिया क्षेत्र आदि। ये क्षेत्र प्राचीन अंगारालैंड व गोंडवाना लैंड के हिस्से हैं जो सन्तुलित होकर स्थिर हो चुके हैं।
भूकम्प का प्रभाव
भूकम्प आने पर भू-पृष्ठ पर कई परिवर्तन होते है। जब भूकम्प की तीव्रता सामान्य या कम होती है तो सिर्फ झटके के रूप् में भूकम्प का अनुभव होता है, परन्तु जब रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6 में अधिक होती है, तब भूपृष्ठ पर जन-धन की काफी हानि होती है। भूपटल पर तनाव से दरारें बन जाती है, निकटवर्ती भाग नीचे खिसक जाते है। कई बार खिंचाव के साथ संकुचन भी होता है, जिससे रेल की पटरियाँ मुड़ जाती है, जल प्रवाह में उलटफेर हो जाता है। 1950 में असम में भूकम्प आने पर डीहाँग नदी के के अवरोध उत्पन्न हो गया था। सुबसिरी नदी के बाँध का नीचे वाला भाग जलरहित हो गया तथा बाँध के फट जाने से 770 वर्ग किमी क्षेत्र जल प्लावित हो गया था। अर्जेन्टाइना की राजधानी मंडोजा में भूकम्प के कारण एक मिनट में 16000 व्यक्ति दबकर मर गये थे। 1986 में अल सल्वाडोर में पाँच घंटे तक भूकम्प के झटके आते रहे व 18000 व्यक्ति मारे गये। 1988 में भारत-नेपाल सीमा पर भूकम्प के कारण बहुत जन-धन की हानि हुई, 1993 में में लातूर महाराष्ट्र में भूकम्प के कारण 30 से 40 हजार लोगों की जाने गई। 2003 अक्टूबर में भुज गजरात में भूकम्प के कारण धन-जन की हानि हुई।
महासागरों की तली में जब भूकम्प आते है तो कई बार विनाशकारी हो जाते है। जनवरी 2005 में इण्डोनेशिया के समात्राद्वीप के निकट महासागर में तीव्र भूकम्प आया था, जिसमें हिन्द महासागर में इतनी हलचल हुई और ऊँची लहरे उठी, जिसने श्रीलंका व भारत तक तट प्रभावित हुए व अपार जन-धन की हानि हुई। भूकम्प के कारण उठी महासागर में अत्यधिक ऊँची लहरों को ‘सुनामी’ (ज्ेनदंउ) कहा जाता है। ये लहरे 100-200 मी. तक ऊँची उठ जाती हैं व इनकी गति बहुत तीव्र होती है।
भूकम्प के कारण धरातल पर दरार पड़ जाती है व कई बार प्रभावित क्षेत्र धंस जाता है। जापान में संगामी खाड़ी व भारत में कच्छ तट पर धंसाव हुआ है।
2004 में जापान टोकियो के उत्तर में 6.8 तीव्रता का भूकम्प निगाता राज्य में आया, जिसमें 1000 व्यक्ति हताहत हुए व 15 मारे गये तथा काफी आर्थिक हानि हुई।
3 दिसम्बर, 2004 में ईरान में आये भूकम्प में बाम नगर का 70ः क्षेत्र नष्ट हो गया तथा 40,000 से अधिक जानें गईं। सुमात्रा भूकम्प जो 26 दिसम्बर, 2004 में आया था, उससे उठी सुनामी लहर ने भारत, श्रीलंका, थाइलैड और इंडोनेशिया में लाखों की जान ली।
परन्तु इसके कुछ लाभकारी प्रभाव भी होते हैं। कई बार दरार पड़ने से भूमिगत जल सोते के रूप में बाहर आ जाता है। तटीय क्षेत्रों में धंसाव से समुद्र गहरा हो जाता है व प्राकृतिक बन्दरगाह बन जाते है। चट्टानों की उथल-पुथल से खनिज पदार्थ ऊपर आ जाते हैं और उनका दोहन आसान हो जाता है।
प्रायः भूकम्प द्वारा अत्यधिक विनाश कम्पन से अथवा धरातलीय परिवर्तन से नहीं होता, वरन् प्रभावित क्षेत्र की मानवीय भूलें इसका कारण हैं। जापान में प्रतिदिन चार भूकम्प आते हैं, परन्तु वहाँ इन झटकों से विनाश नहीं होता है, क्योंकि वहाँ भुकम्परोधी इमारतें बनायी जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी के मकान बनाये जाते है, व जीवन-यापन में परम्परायें ऐसी हैं जिससे जन-धन को अधिक नुकसान नहीं पहुँचता। भूकम्प की पूर्व सूचना का कोई हल अभी तक नहीं निकाला जा सका है। विद्वानों ने अति संवेदनशील भूकम्प क्षेत्रों को अवश्य निश्चित किया है। इन क्षेत्रों में इससे बचाव के उपाय किये जा सकते हैं। उन मानवीय क्रियाओं पर भी नियत्रंण करना होगा, जो प्राकृतिक असन्तुलन पैदा कर भूकम्प का जन्म देती है।
महत्वपूर्ण प्रश्न
दीर्घउत्तरीय प्रश्न
1. भूकम्प की अर्थ, परिभाषाएँ बताते हुए उसके कारणों का विस्तृत विवेचन कीजिए।
2. भूकम्प की व्याख्या करते हुए उसके विभिन्न प्रकार बताईए।
3. भूकम्प के क्षेत्र और उसके प्रभाव को विस्तार पूर्वक समझा।
लघुउत्तरीय प्रश्न
1. भकम्प का अर्थ बताकर उसकी परिभाषाएँ बताईए।
2. भूकम्प की प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
3. भूकम्प व भूकम्पीय तरंगों से तुम क्या समझते हो।
4. भूकम्प के प्रकारों की संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
5. भूकम्प के क्षेत्र को स्पष्ट कीजिए।
6. भूकम्प के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. भूगर्भिक शैलों के विक्षोभ से, स्त्रोत से उठने वाले लहरदार कम्पन को
(अ) भुंकप (ब) ज्वालामुखी (स) हिमपात (द) भूस्खलन
2. भूकंप की तरगें किस इकाई में मापी जाती है –
(अ) कि.मी. (ब) से.मी. (स) रिक्टर (द) लीटर
3. भूकम्पनीय तरंगों के प्रकार –
(अ) प्राथमिक तरंगे (ब) गौण तरंगे (स) धरातलीय तंरगे (द) सभी
4. विश्व के लगभग 63ः भूकंप किस पेटी मे आते हैं
(अ) मध्यवर्ती पेटी (ब) प्रशांत महासागरीय पेटी
(स) भूकंप शून्य (द) इनमें से कोई नहीं
5. जापान में सुनामी लहरें
(अ) 2008 (ब) 2009 (स) 2010 (द) 2011
उत्तरः 1. (अ), 2. (स), 3. (द), 4. (ब), 5. (द)
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics