लघु प्लेट कौन-कौन सी है ? minor plates of the world in hindi names earth नाम क्या है ?
minor plates of the world in hindi names earth लघु प्लेट कौन-कौन सी है नाम क्या है ?
लघु प्लेट (Minor Plates) :
(1) अरेबियन प्लेट (2) बिस्मार्क प्लेट, (3) केरीबियन प्लेट (4) केरोलिना प्लेट (5) कोकोस प्लेट (6) जुआन डी फूका प्लेट (7) नज्का या पूर्वी प्रशांत प्लेट (8) फिलीपींस प्लेट तथा (9) स्कोशिया प्लेट।
प्लेटों की संख्या के बारे में वर्तमान समय में मतभेद है क्योंकि ऊपर वर्णित प्लेटों की संख्या के विरुद्ध जहां मोर्गन महोदय ने 6 बड़ी तथा 20 लघु प्लेटें बताई हैं वहीं नेशनल ज्याग्राफिक सोसाइटी, वाशिंगटन डी.सी. के कार्टोग्राफिक विभाग के अप्रेल 1995 में प्रकाशित एक प्रतिवेदन के अनुसार वृहद प्लेटों की संख्या 7 है तथा लघु प्लेटों की संख्या 16 है। सन 1980 तक विभिन्न शोध कार्यों के उपरान्त लगभग 24 छोटीबड़ी प्लेटों की स्वतंत्र रूप से पहचान करके मानचित्रण किया जा चुका है। इसी विश्लेषण के आधार पर पृथ्वी पर निम्नांकित बड़ी प्लेटों की पहचान की गई है।
1. प्रशांत प्लेट – इसका अधिकांश विस्तार अलास्का से अण्टार्कटिक प्लेट तक प्रशान्त महासागर के नितल पर है।
2. उत्तरी अमेरिकी प्लेट– वह प्लेट केलिफोर्निया के सान एण्डियाज भ्रंश तथा सम्बन्धित संरचना के सहारे प्रशान्त प्लेट से मिलती है तथा इसमें उत्तरी अमेरिका भूभाग स्थित है।
3. युरेशियन प्लेट – इसकी पश्चिमी सीमा मध्य अटलांटिक कटक के उत्तरी भाग में 35° उत्तरी अक्षांश से प्रारम्भ होती है जहाँ से उत्तरी अमेरिकी प्लेट की पूर्वी सीमा प्रारम्भ होती है।
4. अफ्रीकन प्लेट – इसकी विस्तार मध्य अटलांटिक कटक से 35° से 55° दक्षिणी अक्षांशों के मध्य है। इसमें अफ्रीका महाद्वीप तथा मेडागास्कर द्वीप सम्मिलित हैं।
5. दक्षिणी अमेरिकी प्लेट – इसका विस्तार मध्य अटलांटिक कटक के पश्चिम में 20° उत्तरी अक्षांश में पाया जाता है, जो दक्षिण-पश्चिम में अण्टार्कटिक प्लेट से मिलती है।
6. आस्टेलियन-भारतीय प्लेट – इसमें आस्ट्रेलिया तथा भारतीय उपमहाद्वीप दोनों सम्मिलित है। यह यूरेशियन प्लेट से हिमालय के पास तथा प्रशान्त प्लेट से न्यूजीलैण्ड के पास मिलती है। न्यूजीलैण्ड भी हिमालय की तरह सीमा पर स्थित है।
7. आटार्कटिक प्लेट – अण्टार्कटिक प्लेट अण्टाकाटका भूभाग को सीमाबद्ध करती है जो दक्षिणी महासागरों के मध्य स्थित है। ये उत्तर में आस्ट्रेलियन-भारतीय प्लेट, प्रशान्त प्लेट, नज्का लघु प्लेट, दक्षिणी अमेरिका प्लेट, स्कोशिया लघु प्लेट तथा अफ्रीकन प्लेट से मिलती है।
प्रारम्भ में पृथ्वी पर इन सात स्थलमण्डलीय प्लेटों की ही पहचान की गई थी लेकिन बाद में कुछ लघु प्लेटों की खोज भी की गई। लघु प्लेटों में जन्का प्लेट सबसे बड़ी है जो दक्षिणी अमेरिका प्लेट तथा पश्चिमी में प्रशान्त प्लेट से मिली हुई है। इनमें बड़ी केरीबियन प्लेट है, जो मध्य अमेरिका तथा दक्षिणी केरीबियन प्रदेश में स्थित है। दूसरी कोकोस प्लेट है, जो इसके पश्चिम में तथा नज्का के उत्तर में स्थित है। इसका उत्तरी पश्चिमी विस्तार पश्चिमी तथा मध्य मेक्सिको में है जिसे परिवेश प्लेट करते है। रिवेरा तथा कोकोज दोनों, की सम्पूर्ण पर्पटी सागरीय है। दक्षिणी अमेरिका के दक्षिण-पूर्व में केरीबियन प्लेट के सदृश्य ही ‘स्कोशिया प्लेट’ स्थित है। इसी प्रकार उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट पर प्रशान्त महासागर में ‘जुआन डी फूका प्लेट’ स्थित है। इसके दक्षिण में ओरेगन तथा उत्तरी केलिफोर्निया में गोर्डी नामक एक लघु प्लेट तथा प्रशान्त प्लेट के मध्य स्थित है तथा अरेबियन प्लेट प्रमुख है। यह प्लेट अब प्रायद्वीप को सहारा देती है जबकि फिलिपिन्स प्लेट पर्वी एशिया के द्वीपीय चाप को सीमाबद्ध करती है। ये द्वीपीय चाप इसकी पश्चिमी सीमा क्षेत्र बनाते है जो भूपटल के अत्यधिक सक्रिय भाग हैं। अरेबियन प्लेट इसकी तुलना में स्थिर है यद्यपि इसके किनारों पर पटल क्रिया होती रहती है। इनके अतिरिक्त न्यूगिनी एवं पापुआ के उत्तर में स्थित बिस्मार्क प्लेट इसके उत्तर में केरीलोना प्लेट अरेबियन प्लेट के दक्षिण पश्चिम में सोमाली गौण प्लेट अरेबियन प्लेट एवं काला सागर के मध्य ‘अनातोलियन प्लेट‘ तथा चीनी गौण प्लेट आदि महत्वपूर्ण प्लेटों की पहचान की गई है। प्लेटों के विश्व वितरण से स्पष्ट है भविष्य में स्थलमण्डलीय प्लेटों को पुनः संशोधन होगा क्योंकि अब भी कुछ ऐसी महत्वपूर्ण गौण प्लेटों हैं जिनकी पहचान नहीं की गई है।
प्लेट विवर्तनिकी सिद्धान्त में प्लेटों की प्रकृति के बारे में यह बताया गया है कि पृथ्वी का सम्पूर्ण धरातल आन्तरिक रूप में ठोस है लेकिन सापेक्षिक रूप से पतली (100-150 किमी.) हैं। ये प्लेटें सतत् रूप से परस्पर एक दूसरे से तथा पृथ्वी के घुर्णन अक्ष के सन्दर्भ में गतिशील है। वास्तविक रूप से सभी भूकम्पीय तथा ज्वालामुखी क्रियायें व विवर्तनिक गतियाँ प्लेट किनारों के सहारे अवस्थित हैं। प्लेटों का क्षेत्रफल उनकी गहराई तथा सघनता की तुलना में विशाल है। यह भी माना गया है कि प्लेटों की गहराई महासागरीय पर्पटी के नीचे महाद्वीपों की तुलना में कम पायी जाती है।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics