खनिज किसे कहते हैं इसका महत्व समझाइए , खनिज की परिभाषा बताइए minerals in hindi definition
minerals in hindi definition खनिज किसे कहते हैं इसका महत्व समझाइए , खनिज की परिभाषा बताइए ?
खनिज एवं ऊर्जा संसाधन
(Minerals and Energy Resources)
परिभाषा : भूगर्भ से खोदकर निकाली जाने वाली वस्तुओं को खनिज कहते हैं। ‘खनिज‘ वे प्राकृतिक रासायनिक तत्व या यौगिक हैं, जो मुख्यतः अजैव क्रियाओं से बनते हैं। ये अपने भौतिक तथा रासायनिक गुणों से जाने जाते हैं। जिन स्थानों से खनिज निकाले जाते हैं, उन्हें ‘खान‘ कहते हैं।
आज के वैज्ञानिक युग में किसी भी देश का आर्थिक विकास वहाँ पर पनपे हुए उद्योग-धंधों पर निर्भर करता है और अधिकांश उद्योग-धंधे खनिजों पर आधारित हैं। भारत जैसे विकासशील देश में खनिजों का विशेष महत्व है। हमारे देश के प्रमुख खनिज निम्नलिखित हैं:
लौह-अयस्क (Iron Ore)
देश में निकाले जा सकने योग्य हैमेटाइट लौह अयस्क का भंडार 14,630 मिलियन टन है जिसमें 13,916 मिलियन टन अर्थात् 95% मुख्यतः झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक तथा गोवा में है। हैमेटाइट लौह-अयस्क के भंडार 10,619 मिलियन टन है, जो मुख्यतः कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, असम, बिहार, झारखंड, नागालैण्ड, राजस्थान तथा केरल में संचित हैं।
तालिका 2.5 को देखने से विदित होता है कि भारत में लोहे के उत्पादन में निरंतर वृद्धि हो रही है।
तालिका 2.6 से स्पष्ट होता है कि भारत का लगभग 99 प्रतिशत लोहा उड़ीसा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, गोवा तथा झारखंड में उत्पन्न होता है। इसका अर्थ यह है कि, भारत में लोहे का वितरण बहुत ही असमान है। उच्च कोटि का लोहा अपेक्षाकृत कम मिलता है। ऐसी स्थिति में औद्योगिक विकेंद्रीकरण में बाधा उत्पन्न होती है।
– तालिका 2.5 भारत में लोहे का उत्पादन (हजार टन में)
वर्ष 1994-95 1996-97 1997-98 1998-99 1999–00 2000-01 2001-02 2002-03 2003-04 2004-05 2005-06 2006-07 2007-08
उत्पादन 64507 68161 75773 72230 77604 80587 86226 99072 1228.38 142711 154436 180917 206919
स्त्रोत: (प) ैजंजपेजपबंस ।इेजतंबज व िप्दकपं 2007ए चण् 209(पप) भारत 2010. वार्षिक संदर्भ ग्रंथ, पृ. 743
तालिका 2.6 भारत में लौह अयस्क का वितरण 2005-06
राज्य उत्पादन (हजार टन) भारत के कुल
उत्पादन का प्रतिशत
1. उड़ीसा 49880 32.30
2. कर्नाटक 33669 21.80
3. छत्तीसगढ़ 24750 16.03
4. गोवा 23744 15.37
5. झारखंड 17435 11.29
6. आंध्र प्रदेश 3956 2.56
7. महाराष्ट्र 517 0.34
8. मध्य प्रदेश 465 0.30
9. राजस्थान 18 0.01
अखिल भारत 154436 100.00
स्त्रोत: Data Computed from Statistical Abstract of India 2007, p. 209.
1. उड़ीसाः उड़ीसा भारत का 32 प्रतिशत से अधिक लोहा पैदा करके प्रथम स्थान पर है। यहाँ पर हैमेटाइट तथा मैगनेटाइट जाति का उत्तम लोहा मिलता है। प्रमुख उत्पादक जिले क्योंझर, मयूरभंज, संभलपुर, कटक तथा सुंदरगढ़ हैं। बरसुआ, बोनाई, किरूबरू, दैतारी, बादाम पहाड़, गुरुमहिसानी तथा सुलेपत प्रमुख खानें हैं। इन क्षेत्रों से राउरकेला, बोकारो तथा जमशेदपुर के लोहा-इस्पात केंद्रों को लोहा भेजा जाता है।
2. कर्नाटकः यह राज्य भारत का लगभग 22% लोहा पैदा करता है। नवीनतम अनुमानों के अनुसार लोहे के सबसे अधिक भंडार कर्नाटक में ही हैं। यहाँ बेल्लारी तथा चिकमंगलूर प्रमुख उत्पादक जिले हैं। बेल्लारी जिले में हैमेटाइट उत्तम किस्म का लोहा मिलता है, जिसमें 60% से 70% लोहांश है। इस जिले में 127 करोड़ टन लोहे के भंडार आँके गए हैं। बेल्लारी जिले का हास्पेट क्षेत्र अग्रण्य है। चिकमंगलूर जिले में बाबाबूदान पहाड़ी, कालाहाड़ी, केमानगुंडी तथा कुद्रेमुख महत्वपूर्ण उत्पादक क्षेत्र हैं। इसके अतिरिक्त चित्रदुर्ग, शिमोगा, धारवाड़ तथा तुमकुर जिलों से भी लोहा प्राप्त किया जाता है। चिकमंगलूर के कुद्रेमुख क्षेत्र का लोहा ईरान को निर्यात किया जाता है। केमानगुंडी का लोहा भद्रावती लौह-इस्पात केंद्र को भेजा जाता है।
3. छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बस्तर तथा दुर्ग जिले सबसे अधिक महत्वपूर्ण लोहा उत्पादक जिले हैं। अकेला बस्तर जिला भारत का लगभग 11% लोहा पैदा करता है जबकि छत्तीसगढ़ के सभी क्षेत्र मिलकर भारत का लगभग 16 प्रतिशत लोहा पैदा करके तृतीय स्थान पर हैं। बस्तर जिले की बैलाडिला पहाड़ी की खान एशिया की सबसे बड़ी यंत्र सुसज्जित खान है। बैलाडिला का लोहा विशाखापट्टनम भेजा जाता है जहाँ से इसे जापान तथा अन्य देशों को निर्यात किया जाता है। दुर्ग जिले में धल्ली-राजद्वारा पहाड़ियाँ महत्वपूर्ण उत्पादक हैं। छत्तीसगढ़ के अन्य महत्वपूर्ण उत्पादक क्षेत्र बिलासपुर, रायगढ़ तथा सरगुजा जिलों में हैं।
4. गोवा : गोवा में लोहे का उत्पादन अन्य राज्यों की अपेक्षा देर से शुरू हुआ। पहले गोवा का लोहा उत्पादन लगभग नगण्य था परन्तु हाल के कुछ वर्षों में गोवा के लोहा उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। गोवा में लोहे के विशाल भंडार हैं। परन्तु यहाँ पर पाया जाने वाला लोहा घटिया लिमोनाइट तथा सिडेराइट जाति का होता है, जिनमें शुद्ध लोहे का अंश 40ः से 60ः होता है। उत्तरी गोवा, मध्यवर्ती गोवा तथा दक्षिणी गोवा में लगभग 315 खानों से लौह-अयस्क निकाला जाता है। उत्तरी गोवा में पिरना-अदोल, पाले-ओनडा, कुडनेम- पिसरूलेम तथा कुदनेम-सुरला प्रमुख क्षेत्र हैं।
गोवा में लोहे की खानें खुली व मशीनीकृत हैं। यहाँ लोहा सस्ते नदी-मार्गों अथवा विद्युत द्वारा नियंत्रित रज्जु मार्गो (त्वचमूंले) द्वारा ढोया जाता है। यहाँ का लोहा मर्मगाव बन्दरगाह द्वारा जापान, कोरिया तथा अन्य पूर्वी एशियाई देशों को निर्यात किया जाता है।
5. झारखंडः यह राज्य भारत का 11% लोहा पैदा करके पांचवें स्थान पर है। झारखंड की लौह उत्पादक पेटी उड़ीसा की लौह उत्पादक पेटी से जुडी हुई है। यहाँ उच्च कोटि का हैमेटाइट तथा मैग्नेटाइट लोहा मिलता है। इस राज्य में सिंहभूम सबसे प्रमुख उत्पादक जिला है। इस जिले से नोटूबुरू, नाआमुंडी, पनासिरावुड. बुदावुड तथा सासगडा क्षेत्रों में हैमेटाइट लोहा प्राप्त किया जाता है। पलामू जिले के डाल्टन गंज क्षेत्र से भी लोहा प्राप्त किया जाता है। इन जिलों के अतिरिक्त धनबाद, हजारीबाग तथा राँची जिलों में मैगनेटाइट लोहा मिलता है। झारखंड के लोहा-इस्पात केन्द्रों को इन्हीं क्षेत्रों से लोहा प्राप्त होता है। कुछ लोहा निर्यात भी कर दिया जाता है।
6. आंध्र प्रदेशः इस राज्य में कृष्णा, करनूल, गुंटूर, कुडप्पा, अनन्तपुर, खम्मान, नेल्लोर आदि जिलों में लोहे के भंडार पाए जाते हैं। विशाखापट्टनम के इस्पात कारखाने से इन स्थानों का महत्व बढ़ गया है।
अन्य उत्पादक: अन्य उत्पादकों में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, केरल आदि सम्मिलित हैं। मध्य प्रदेश के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र बालाघाट, जबलपुर तथा मांडला जिलों में हैं। महाराष्ट्र के प्रमुख उत्पादक जिले चंद्रपुर तथा रत्नागिरि है। चन्द्रपुर जिले में लोहारा, पीपलगाँव, असोला, देवलागाँव तथा सूरजगढ़ क्षेत्र स्थित हैं। रत्नगिरि जिले के रेड़ी, सावंतवाड़ी, गुल्डूर, वेनगुरला प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं इन क्षेत्रों में 60 से 70% लौहांश वाला हैमेटाइट लौह-अयस्क मिलता है। तमिलनाडु में सलेम जिला सबसे अधिक महत्वपूर्ण है जहाँ कजामलाई, चितेरी, गोंडूमलाई, कोल्लामलाई व तीर्थमलाई पहाड़ियों में मैगनेटाइट लोहा मिलता है। घटिया किस्म का लोहा कोयम्बटूर, मदुरई, तिरुनेलवेली तथा रामनाथपुरम जिलों में मिलता है। राजस्थान में जयपुर, उदयपुर, अलवर, सीकर, बूंदी, तथा भीलवाड़ा जिलों में हैमेटाइट लोहा मिलता है। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में लोहे के भण्डार हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल, अल्मोड़ा तथा नैनीताल जिलों में लगभग एक करोड़ टन लोहे के भंडार होने का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और मण्डी जिलों में 60% लोहांश वाला मैगनेटाइट लोहा मिलता है। हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले में लगभग चार किलोमीटर लंबी पट्टी में मैगनेटाइट लोहे के लगभग 36 लाख टन भंडार हैं। पश्चिम बंगाल के बर्दवान, वीरभूमि, तथा दार्जिलिंग जिलों में लोहे के भंडार हैं। जम्मू-कश्मीर में जम्मू तथा ऊधमपुर जिलों में लिमोनाइट किस्म का घटिया लोहा पाया जाता है। गुजरात के भावनगर, नवानगर, पोरबन्दर, जूनागढ़, वडोदरा तथा खण्डेश्वर जिलों में घटिया किस्म का लोहा मिलता है। केरल के कोझीकोड जिले में भी लोहा होने के प्रमाण मिले है।
तालिका 2.7 भारत से लोहे का निर्यात कुल निर्यात
वर्ष कुल निर्यात निर्यात का मूल्य
(लाख टन) (करोड़ रुपये)
1960-61 32 17
1970-71 212 117
1980-81 224 303
1990-91 325 1,049
2000-01 20161.4 1634
2004-05 – 14726
2005-06 – 16829
2006-07 – 27311
स्त्रोतः Economic Survey, 2007-08, pp.A 86 to 88 and 2009 pp.A86 to 88
व्यापार: लोहा अपने मूल्य के अनुपात में एक भारी वस्तु है जिसके परिवहन पर अधिक व्यय होता है। अतः इसके व्यापार में बाधा आती है। परन्तु आज के औद्योगिक युग में लोहे को उत्पादक क्षेत्र से खपत के स्थान तक ले जाना अति आवश्यक है। इस प्रकार लोहे का व्यापार बड़े पैमाने पर किया जाता है।
भारत बड़ी तेजी से लोहे का प्रमुख निर्यातक देश बन रहा है। समय भारत विश्व का पाँचवाँ बड़ा लोहा निर्यातक देश है। लोहे की निर्यात से भारत को बहुत-सी विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। भारत में जो के निर्यात का विवरण तालिका 2.7 में दिया गया है।
तालिका 2.7 को देखने से पता चलता है कि हमारे लौह अयस निर्यात में बड़ी तेजी से वृद्धि हो रही है। भारत का लोहा अच्छी किरण का होता है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कम कीमत पर मिल जाता है। अतः इसकी विदेशों मे बड़ी माँग रहती है। जापान हमारे लोहे का सबसे बड़ा ग्राहक है। हमारे कुल लोहा निर्यात का 68.7% लोहा केवल जापान खरीदता है। इसके बाद हमारे लोहे के मुख्य ग्राहक दक्षिणी कोरिया (10.2%), रोमानिया (9.3%), तथा जर्मनी (2.9%) हैं। लोहे के अन्य ग्राहक चैक गणराज्य, स्लोवाकिया, पोलैण्ड, इटली, यूगोस्लाविया आदि देश हैं। हाल ही में खाड़ी के देशों को हमारे लोहे का निर्यात होने लगा है। भारतीय लोहा मुख्यतः मारमागाँव, विशाखापट्टनम, पाराद्वीप, मंगलौर तथा हल्दिया बन्दरगाहों से निर्यात किया जाता है। लोहे के निर्यात के लिए इन बन्दरगाहों का विकास एवं विस्तार किया जा रहा है।
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