full form in hindi | का पूरा नाम क्या है ? APPPC , CPPC , COSAVE , PPPO , EPPO फुल फॉर्म हिंदी में
का पूरा नाम क्या है ? APPPC , CPPC , COSAVE , PPPO , EPPO full form in hindi फुल फॉर्म हिंदी में
क्षेत्रीय पादप सुरक्षा संगठन
एशिया तथा प्रशांत पादप सुरक्षा उपयोग अंतरा-अफ्रीकी पादपस्वच्छता परिषद
[Asia and Pacific Plant Protection Inter-African Phytosanitary council
Commision (APPPC), (IAPSC)
करिबियन पादप सुरक्षा आयोग उत्तर अमेरिका पादप सुरक्षा संघटन
[Caribbean Plant Protection [North American Plant Protection
Commision (CPPC), Organçation (NAPPO),
Comite Regional de Sanidad Vegetal Organism International Regional de
Para el Cono Sur (COSAVE) Sanidad Agropecuaria (OIRSA)
Comunidad Andina (CAN) प्रशांत पादप सुरक्षा संघटन
यूरोपीय तथा भूमध्यसागरीय पादप सुरक्षा [Pacific Plant Protection Organçation
संगठन (PPPO),
[European and Mediterranean Plant
Protection Organçation (EPPO),
अंतर्राष्ट्रीय नियमावली
गैर-स्वदेशी कीट प्रजातियों के लाने ले जाने संबंधी अंतर्राष्ट्रीय कानून ढीले हैं, क्योंकि पीड़क नियमन अनेक देशों में एक साथ किया जाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय पादप सुरक्षा सम्मेलन (International Plant Protection Convention, IPPC) की 1951 में स्थापना की गयी थी ताकि आवश्यक सहयोग किया जा सके। IPPC का एक मुख्य कार्य ऐसे अंतर्राष्ट्रीय पादप स्वच्छता सिद्धांतों को स्थापित करना है जो सभी सहभागी देशों को स्वीकार्य हों। 1995 में विश्व व्यापार संगठन (World Trade Centre, WTO) के द्वारा स्वच्छता एवं पादप स्वच्छता उपायों पर एक समझौता नियम बनाया गया। पादप संगरोध तथा पादपस्वच्छता प्रक्रमों से संबंधित समान हितों तथा आवश्यकताओं वाले अनेक सहवर्ती, देशों ने अपने क्षेत्रीय आयोग बना लिए हैं। (बॉक्स 16.1)
अंत में कुछ प्रश्न
1. विभिन्न देशों में लागू किए गए वैधानिक नियंत्रण की विभिन्न श्रेणियां क्या-क्या हैं?
2. भारत में लागू वैधानिक नियंत्रण की श्रेणियां क्या-क्या हैं?
3. पादपस्वच्छता प्रमाणपत्र क्या होता है?
4. पादप सुरक्षा एवं संगरोध का केंद्रीय निदेशालय कब स्थापित हुआ था और उसके क्या-क्या कार्य है?
5. कीटनाशी अधिनियम के लागू करने के क्या उद्देश्य हैं?
6. कीटनाशी निरीक्षकों के क्या-क्या कर्तव्य हैं?
7. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियां लिखिए रू
क) भारत का कीट नाशी अधिनियम
ख) केंद्रीय कीटनाशी बोर्ड
ग) पंजीकरण समिति
घ) केंद्रीय कीट नाशी प्रयोगशाला
ङ) पीड़क जोखिम विश्लेषण
उत्तर
अंत में कुछ प्रश्न
1. इस समय विभिन्न देशों में लागू वैधानिक उपायों को निम्नलिखत पांच श्रेणियों में विभाजित किया जाता है रू
प) विदेशीय पीड़कों, रोगों तथा खरपतवारों के प्रवेश को रोकने का विधान ।
पप) पूर्वतः स्थापित पीड़कों, रोगों तथा खरपतवारों को देश के भीतर ही अथवा किसी राज्य विशेष के भीतर फैलने को रोकने का कानून ।
पपप) पीड़कों के विरुद्ध चलाए जा रहे अधिसूचित नियंत्रण आंदोलनों के लिए कानून बनाना, अर्थात् ऐसे कानून बनाना जिनसे किसानों पर जिम्मेदारी डाली जाए कि वे पूर्ववत स्थापित पीड़कों, रोगों एवं खरपतवारों से होने वाली क्षति को रोकने हेतु प्रभावकारी नियंत्रण उपाय काम में लाएं।
पअ) पीड़कों के नियंत्रण हेतु इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशकों अथवा उपकरणों में मिलावट, भ्रामकब्रैड नामकरण तथा गलत छूना-उठाना को रोकने एवं खाद्य पदार्थों में उनकी अनुमत अवशेष सहनता को निर्धारित करने का कानून ।
अ) पीड़क नियंत्रण कार्यचालनों में लगे व्यक्तियों की गतिविधियों के नियमन तथा जोखिम भरे कीटनाशकों के अनुप्रयोग के नियमन के लिए कानून बनाना।
2. भारत में पीड़कों, रोगों तथा खरपतवारों के नियंत्रण हेतु काम में लाए जा रहे उपायों के दो वर्ग इस प्रकार हैं– पादप संगरोध के
द्वारा किए जाने वाले कानूनी उपाय, तथा राज्य कृषि पीड़क एवं रोग अधिनियम के द्वारा कानूनी उपाय ।
3. देखिए भाग 16.5
4. देखिए भाग 16.5
5. कीटनाशक अधिनियम को देश में निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लागू किया गया है रू
प) केवल सुरक्षित एवं प्रभावकारी पीड़कनाशकों का पंजीकरण करना
पप) यह सुनिश्चित करना कि पीड़कों को नष्ट करने हेतु कृषकोंध्उपयोगकर्ताओं को गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद मिले।
पपप) पीड़कनाशियों का जमीन और वायु दोनों से उपयोग करने की सलाह दी जाए और साथ ही उनके सही उठाने-संभालने एवं उपयोग हेतु महत्वपूर्ण सावधानियां बतायी जाएं।
पअ) पीड़कनाशियों के अवशेषों से संक्रमित आहार, जल और वायु द्वारा हो सकने वाले खतरों को न्यूनतम बनाया जाए।
अ) यह सुनिश्चित करना कि पीड़कनाशी उद्योग पीड़कों का निर्माण, परिवहन, वितरण, भण्डारन एवं विक्रय केवल निर्धारित नियमों के अनुसार ही करे और यदि ऐसा न हुआ तो कानूनी कार्यवाही की जाए।
अप) यह सुनिश्चित करना कि पीड़कनाशियों का सही-सही पैंकिग और लेबलिंग किया जाए ताकि लाने-ले जाने के दौरान खतरे वाले पीड़कनाशकों का रिसाव न हो और यह भी कि उनके छूने-संभालने तथा उपयोग हेतु पर्याप्त निर्देश दिए जाएं।
6. कीटनाशक निरीक्षकों के कर्त्तव्य रू केंद्र अथवा राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त कीटनाशक निरीक्षकों के निम्नलिखित दायित्व हैं रू
प) यह सुनिश्चित करना कि लाइसेंस की सभी शर्ते पूरी की जा रही हों।
पप) उसे लिखित में दी जाने वाली किसी भी शिकायत के बारे में तहकीकात करना।
पपप) अपने कार्य-क्षेत्र के भीतर कीटनाशकों की बिक्री करने वाले तमाम प्रतिष्ठानों का साल में कम से कम तीन बार निरीक्षण करना।
पअ) उसके द्वारा किए गए सभी निरीक्षणों एवं उठाए गए कदमों जिनमें नमूने उठाना, स्टाक कब्जे में लेना भी शामिल हैं, का रिकार्ड
रखना और इन रिपोर्टों की प्रतिलिपियां लाइसेंस अधिकारी तक को भेजना।
अ) निरीक्षण करना, अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत किसी भी कीटनाशक की बिक्री को पता लगाने हेतु आवश्यक समझी जाने वाली छान-बीन करना।
अप) अधिनियम के अंतर्गत किसी भी नियमों अथवा विनियमों के उल्लंघन के लिए स्थानीय न्यायालयों में अभियोग चलाना।
7. (क) देखिए भाग 16.8
(ख) देखिए भाग 16.8
(ग) देखिए भाग 16.8
(घ) देखिए भाग 16.8
(ङ) देखिए भाग 16.10
हिंदी माध्यम नोट्स
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