अनुलेखन किसे कहते हैं | डीएनए ट्रांसक्रिप्शन इन हिंदी का अर्थ क्रियाविधि transcription in hindi meaning
transcription in hindi meaning definition अनुलेखन किसे कहते हैं | डीएनए ट्रांसक्रिप्शन इन हिंदी का अर्थ क्रियाविधि ?
अनुलेखन (Transcription)
सर्वप्रथम आनुवंशिक सूचनाओं का डीएनए से उत्छ। में स्थानान्तरण, अनुलेखन (Transcription) कहलाता है। आनुवंशिक सूचनाएँ डीएनए से उत्छ। में अनुलेखन (Transcription) द्वारा स्थानान्तरित होती है। यह प्रक्रिया एन्जाइम आरएनए पॉलिमरेज की उपस्थिति में ही सम्पन्न होती है। सर्वप्रथम डीएनए के अणु के दोनो सूत्र अकुडंलित होते हैं, उसमें एक सूत्र टेम्पलेट के समान कार्य करता है। इस पर न्यूक्लिोओटाइड का वही क्रम स्थित होता है जो उत्छ। के अणु पर होता है।
प्. प्रोकेरियोट में अनुलेखन (Transcription in Prokaryotes)
बेक्टीरिया में एन्जाइम त्छ। पॉलीमरेज एक ही प्रकार का होता है जो विभिन्न प्रकार के RNAS जैसे mRNA, rRNA तथा tRNA के द्वारा अनुलेखन (Transcription) में भाग लेता है।
(1) यह सम्पूर्ण आरएनए पॉलिमरेज एन्जाइम, डीएनए पर प्रमोटर विस्थल, जहाँ पर अनुलेखन का प्रारम्भन होता है उसे पहचानने
में मदद करता है।
(2) डीएनए टेम्पलेट के अनुसार आरएनए के संवर्धन में जो एन्जाइम आरएनए पालिमरेज भाग लेता है उसे होलोएन्जाइम
(holoeæyme) कहते हैं।
(3) इस होलोएन्जाइम (RNA polymerase) में दो भाग होते हैं।
(A) क्रोड एन्जाइम (The core eæymम)
(ठ) सिग्मा (σ) कारक (The sigma factor) जो क्रोड एन्जाइम के साथ जुड़कर डीएनए के सवंर्धन का समारम्भ (start)
करता है।
(A) क्रोड आरएनए पालिमरेज (The core RNA polymerase)
यह चार प्रकार के पालिपेप्टाइड से निर्मित होता है।
(प) दो 𝛂 – श्रृंखलाएँ- इस 𝛂 पॉलिपेप्टाइड की दो शृंखलाएँ क्रोड आरएनए पॉलिमरेज में उपस्थित होती है जो प्रमोटर डीएनए के साथ बन्ध बनाते हैं।
(पप) एक β- श्रृंखला- यह आरएनए संवर्धन के लिए उपलब्ध न्यूक्लियोटाइड को बांधती हैं।
(पपप) एक β- शृंखला- यह टेम्पलेट डीएनए के साथ बन्ध बनाकर अनुलेखन की प्रक्रिया में मदद करती है।
क्रोड एन्जाइम किसी भी स्थल पर अनुलेखन का प्रारम्भन नहीं कर सकता है परन्तु यह आरएनए के संवर्धन के लिए आवश्यक हैं । यह डीएनए के टेम्पलेट की सहायता से आरएनए का संवर्धन करता है। इसकी सक्रियता सिग्मा कारक से जुड़ने के पश्चात् ही आरम्भ होती है।
(ठ) सिग्मा कारक (Sigma Factor)
सिग्मा कारक क्रोड आरएनए पॉलिमरेज के साथ जुड़कर इसे सक्रिय बनाता है। यह क्रोड आरएनए पॉलिमरेज को डीएनए के प्रमोटर विस्थल को पहचान कर उसके साथ जोड़ता (bind) है। और इस तरह अनुलेखन के आरम्भन में भाग लेता है।
जीवाणुओं में आरएनए पॉलिमरेज mRNA के संश्लेषण में निम्न चरणों द्वारा भाग लेता है
(1) क्रोड आरएनए पॉलिमरेज का सिग्मा कारक से बन्धन बनाकर सक्रिय होना।
(2) सिग्मा युक्त आरएनए पॉलिमरेज का प्रमोटर विस्थल (Promoter site) पर बन्धन
(3) विकुण्डल (नदूपदकपदह) द्वारा डीएनए अणु के दोनों सूत्रों का पृथक्कीकरण (अलग होना)
(4) सिग्मा कारक का आरएनए पॉलिमरेज एन्जाइम से पृथक होना
(5) रो (तीव, P) कारक की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति द्वारा m-RNA संश्लेषण का समापन (termination).
आरएनए पालिमरेज की डीएनए से अनुलेखन (Transcription) द्वारा आरएनए के संवर्धन में मुख्य भूमिका इस प्रकार समझी जा सकती हैं-
डीएनए → डीएनए के प्रमोटर क्षेत्र का →सिग्मा कारक द्वारा
सिग्मा कारक से बन्धन समारम्भ (intiation)
विस्थल (site) की
पहचान (recognition)
आरएनए पॉलिमरेज एन्जाइम→ (2𝛂 श्रृंखला ़ एक β श्रृंखला
की उत्पत्ति ़ एक β श्रृंखला ़ σ
(sigma) कारक
सिग्मा कारक का स्वतंत्र ⟵ सिग्मा कारक का पॉलिमरेज ⟵सिग्मा कारक के जुड़ने
क्रोड पॉलिमरेज द्वारा पुनः से विमुक्त होकर अलग हो से आरएनए के संवर्धन का
बन्धन जाना प्रारम्भन (start)
स्वतंत्र क्रोड पॉलिमरेज ⟵ आरएनए की लम्बाई में
डीएनए वृद्धि
आरएनए
समापन (termination)
अनलेखन में त्छ। पोलीमिरेज के क्रोड विकर के कार्य
प्प्.यूकेरियोट में अनुलेखन (Transcription in Eukaryotes)
यूकेरियोरट के त्छ। पॉलिमरेज (RNA Polymerase in Eukaryotes) यूकेरियोट में प्रोकेरियोट के एकमात्र आरएनए पॉलिमरेज के स्थान पर निम्नलिखित तीन प्रकार के.आरएनए पॉलिमरेज पाए जाते हैं जो विभन्न प्रकार के आरएनए संश्लेषण में भाग लेते हैं।
विस्थल (Site) एन्जाइम RNA संश्लेषण
1. केन्द्रक (Nucleus) आरएनए पालिमरेज i~ r&RNA संश्लेषण में भाग लेता है।
2. न्यूक्लियोप्लाज्म आरएनए पालिमरेज Ii~ Hn&RNA (विषमांग RNA) के संश्लेषण में भाग लेता है। यूकेरियोट में Hn-RNA से mRNA बनता है अतः यह mRNA का पूर्ववर्ती (precursor) कहलाता है।
3. न्यूक्लियोप्लाज्म आरएनए पालिमरेज IIi~ 5 s&RNA तथा t-RNA के संश्लेषण में भाग लेता है।
यूकेरियोट में Hn-RNA से mRNA का संश्लेषण
(Synthesis of m-RNA from Hn-RNA in Eukaryotes)
डीएनए के दो सूत्रों में से एक के उपयोग से m-RNA संश्लेषण की जा सकती है। यह प्रक्रिया उत्प्रेरक (catalyst) पॉलिमरेज की उपस्थिति द्वारा सम्पन्न होती है। संश्लेषण 5श्सिरे से 3श्सिरे की ओर होता है। संरचनात्मक जीन या डीएनए सिस्ट्रॉन (DNA cistron) के प्रारम्भ स्थल (initiator site) या वर्धक (promotor) सिरे पर आरएनए पॉलीमरेज (RNA Polymerase) एन्जाइम से संलग्न होकर mRNA संश्लेषण को उत्प्रेरित (catalyze) करता है। डीएनए से m-RNA की संश्लेषण प्रक्रिया की अनुलेखन (transcription) कहलाती है। उच्च अणु भारयुक्त आरएनए अथवा Hn RNA, mRNA का पूर्ववर्ती (precursor) होता है अर्थात् mRNA, Hn RNA से बनता है। Hn-RNA का संश्लेषण एन्जाइम आरएनए पॉलिमरेज प्प् द्वारा सम्पन्न होता है।
यूकेरिओटिक कोशिकाओं में केन्द्रक के अन्दर m-RNA का संश्लेषण विषमांग केन्द्रकीय आरएनए (heterogenous nuclear RNA (Hn-RNA) से होता है। ये अणु m-RNA के अणुओं से काफी बड़े होते हैं। Hn-RNA के3′ सिरे पर पॉलीएडीलिक अम्ल या PolyA के लगभग 200 न्यूक्लियोटाइडं जुड़ जाते हैं। तुरन्त ही इस Hn-RNA का 5श्सिरा विघटित होकर च्वसल।(़़) m-RNA मुक्त करता है जिसके एक सिरे 3श् पर पॉलीएडीलिक अम्ल (Poly-Adelyic acid) है दूसरा सिरा 5’v चिन्हित रहता है। ये च्वसल।(़़) m-RNA अणु केन्द्रक से निकलकर कोशिकाद्रव्य में विसरित (कपििनेम) हो जाते हैं।
कोशिका द्रव्य में दूसरे सिरे 5′ पर भी 7′ मिथाइल गुआनोसीन जुड़ जाता है अतः कोशिकाद्रव्य में m-RNA के 3′ श्सिरे पर Poly-A क्रम तथा 5′ श्सिरे पर 7-मिथाइल ग्वानोसीन (7-methyl guanosine) पाया जाता है।
mRNA का एक सिरा पुच्छ (tail) तथा छोर 3श्जिस पर पॉली -A तथा दूसरा सिरा मिथाइलेटड (methylated) 5′ केप (cap) कहलाता है जो 7-मिथाइल ग्वानोसिन (M’G) से निर्मित होता है। यह mRNA के अस्तित्व के लिए अत्यन्त आवश्यक है परन्तु यह अनुलेखन के लिए आवश्यक नहीं है।
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