प्रादेशिक विषमताओं के उन्मूलन के उपाय measures to remove regional disparities in hindi
measures to remove regional disparities in hindi प्रादेशिक विषमताओं के उन्मूलन के उपाय ?
प्रादेशिक विषमताएँ और पंचवर्षीय योजनाएँ
भारत में आर्थिक नियोजन का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य प्रादेशिक विषमताओं को कम करके पिछड़े क्षेत्रों का तीव्र विकास करना है। एक के बाद दूसरी पंचवर्षीय योजनाओं ने इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट किया है तथा समानतावाद एवं सामाजिक न्याय के आदर्शों को व्यावहारिक रूप देने के क्रम में प्राथमिकता के आधार पर पिछड़े क्षेत्रों की विकास संभावनाओं के दोहन पर जोर दिया गया। पुनः जनसंख्या के निर्धनतम लोगों, जिनमें से अधिकांश पिछड़े क्षेत्रों में हैंय के जीवन स्तर को ऊपर उठाने पर दिए गए बल के दृष्टिगत, इस बात पर अधिक जोर दिया गया है कि सामाजिक आर्थिक विकास के लिए रणनीति इस तरह से बनाई जाये कि सापेक्षिक रूप से अलाभ वाले क्षेत्र और जनसंख्या धीरे-धीरे विकास प्रक्रिया की मुख्यधारा से जुड़ जाएँ।
प्रादेशिक विषमताओं के उन्मूलन के उपाय
प्रादेशिक विषमताओं का उन्मूलन अथवा उनको कम करने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों पर नीचे चर्चा की गई है:
केन्द्र से राज्यों को संसाधनों का अंतरण
केन्द्र से राज्यों को संसाधनों के अंतरण में पिछड़े क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।
संसाधनों का अंतरण निम्नलिखित के माध्यम से होता हैः
क) योजना आयोग द्वारा मुख्य रूप से योजना अंतरण के रूप में, और
ख) वित्त आयोग द्वारा गैर-योजना अंतरण के रूप में।
योजना आयोग द्वारा, सरकार के संगत विभागों के सहयोग से, नियोजन प्रक्रिया में केन्द्रीय परियोजनाओं और केन्द्रीय द्वारा प्रायोजित स्कीमों की अवस्थिति निर्धारित की जाती है।
इस विषय पर हाल के एक अध्ययन से पता चलता है कि निर्धन राज्यों को उनके बराबर के समृद्ध राज्यों की तुलना में विकास के लिए समानुपातिक दृष्टि से अधिक निधियाँ दी जा रही हैं।
उत्कृष्ट कार्यक्रमों को प्राथमिकता
हमारी विकास योजनाओं में उन कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी गई है जिनका यथासंभव न्यूनतम समय में पूरे क्षेत्र में प्रसार होता है। कृषि, सामुदायिक विकास, सिंचाई और विद्युत, परिवहन और संचार तथा सामाजिक सेवाओं संबंधी कार्यक्रम सबसे अधिक व्यापक होते हैं तथा इनका उद्देश्य सभी प्रदेशों में लोगों को बुनियादी सुविधाएँ तथा सेवाएँ प्रदान करना होता है। चूंकि इन कार्यक्रमों को राज्यों की योजनाओं में सम्मिलित किया गया है, यह मुख्य रूप से राज्य योजनाओं को दिए गए स्वरूप और योजना अवधि के दौरान उनमें हुए परिवर्तन से विकास का लाभ देश के प्रत्येक भाग में पहुँचता है।
सुविधाओं का प्रावधान
उन क्षेत्रों, जो औद्योगिक रूप से पिछड़े हुए हैं, को विशेष सुविधाएँ देने के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं। अनेक राज्यों की योजनाओं में नदी घाटी परियोजनाएँ सबसे महत्त्वपूर्ण हैं और बहु उद्देशीय परियोजनाओं में भारी निवेश किया गया है। ये और अन्य परियोजनाएँ देश में विस्तृत प्रदेशों, जिसमें से कुछ में अभाव है अथवा बेरोजगारी है अथवा अन्यथा कम विकसित हैं, के विकास के लिए अनिवार्य हैं। कृषि उत्पादन और सामुदायिक विकास कार्यक्रमों तथा शिक्षा और स्वास्थ्य स्कीमों का कार्यान्वयन दूरस्थ क्षेत्रों तक विकास का लाभ पहुंचाता है।
ग्रामोद्योग और लघु उद्योगों के विस्तार के लिए कार्यक्रम
ग्रामोद्योग और लघु उद्योग पूरे देश में फैले हुए हैं तथा केन्द्र द्वारा विभिन्न रूपों में उपलब्ध कराई . गई सहायता, इन क्षेत्रों में चलाए जा रहे कार्यक्रमों के अनुरूप उपलब्ध कराई जाती है। सभी राज्यों में औद्योगिक सम्पदा की स्थापना की गई है और छोटे शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी अधिक से अधिक स्थापना की जा रही है।
विद्युत संसाधन
जहाँ तक बृहत् उद्योगों का संबंध है, आर्थिक और तकनीकी विचार सदैव ही महत्त्वपूर्ण हैं और व्यवहार में इसमें सिर्फ थोड़ा बहुत फेर-बदल ही संभव होता है। किसी विशेष क्षेत्र में बड़ी परियोजनाओं की स्थापना से संबंधित कई अलाभ की स्थिति हो सकती है किंतु यह सर्वदा ही बुनियादी समस्या नहीं होती अथवा ऐसा नहीं होता है जिसका समाधान न किया जा सके क्योंकि कई बार वे समस्याएँ बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं के अभाव से संबंधित नहीं होती हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं की अवस्थिति में सापेक्षिक रूप से अधिक पिछड़े क्षेत्रों के दावों का ध्यान जहाँ कहीं भी अनिवार्य तकनीकी तथा आर्थिक मानदंडों को छोड़े बिना रखना संभव रहा, रखा गया है। अनेक महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं की अवस्थिति विशेषज्ञ अध्ययन और आर्थिक विचारों के आधार पर निर्धारित किए गए हैं। किंतु चूँकि वे अभी तक औद्योगिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में अवस्थित हैं, इसलिए उन क्षेत्रों का विकास होगा।
बुनियादी पूँजी और उत्पादक वस्तु उद्योगों के लिए स्थानों के चयन में जहाँ कच्चे मालों से निकटता एवं दूसरे आर्थिक विचार महत्त्वपूर्ण रहे हैं यह महसूस किया गया है कि विभिन्न प्रकार की उपभोक्ता वस्तुओं तथा प्रसंस्करण उद्योगों में विकास के प्रादेशिक पैटर्न का संवर्धन करना संभव है।
कुछ हद तक, नई प्रक्रियाओं के विकास तथा कच्चे मालों के अभिनव उपयोगों ने उद्योगों के प्रसार में मदद की है। ऐसे विकास को प्रोत्साहित करने में, प्रादेशिक वितरण और उत्पादन संबंधी आर्थिक विचारों के बीच सन्तुलन बनाए रखना सुनिश्चित करने हेतु ध्यान रखना चाहिए।
विकास के इन सामान्य अथवा समग्र कार्यक्रमों के अतिरिक्त विशेष क्षेत्रों जिनकी पहचान पिछड़े क्षेत्र के रूप में की गई है, के लिए विशेष स्कीमें बनाई गई हैं।
पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए स्कीम
पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए वर्तमान नीति में कुछ विशेष स्कीम सम्मिलित हैं जिसके अन्तर्गत सामान्य क्षेत्रगत कार्यक्रमों के लिए आबंटित निधियों के अतिरिक्त योजना निधियाँ उपलब्ध कराई जाती हैं।
विशेष स्कीमों का वर्गीकरण निम्नलिखित रूप में किया जा सकता हैः
प) कुछ खास विशेषताओं वाले क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने वाले कार्यक्रम (मरुभूमि विकास कार्यक्रम, सूखा-प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम, कमान क्षेत्र विकास कार्यक्रम, पर्वतीय क्षेत्र विकास परियोजनाएँ तथा उप-योजना, जनजातीय क्षेत्र उप-योजना ओर जनजातीय विकास एजेन्सी परियोजनाएँ)
पप) लक्षित वर्गों पर ध्यान केन्द्रित करने वाले कार्यक्रम (लघु कृषक विकास एजेन्सियाँ और अनुसूचित जातियों के लिए विशेष संघटक योजना)
पपप) पिछड़े क्षेत्रों में विशेष कार्यकलापों के लिए रियायतें और प्रोत्साहन देने वाली स्कीमें (246 पिछड़े जिलोंध्क्षेत्रों में अवस्थित उद्योगों के लिए वित्तीय संस्थानों से रियायती वित्त, कर राहत, निवेश, राजसहायता, परिवहन राजसहायता और कच्चे मालों के आवंटन तथा मशीनों के किराया खरीद में प्राथमिकता, और पिछड़े क्षेत्रों में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम द्वारा विद्युत के विस्तार के लिए शिथिल व्यवहार्यता एवं ऋण पुनर्भुगतान शर्त ।
बोध प्रश्न 2
प) भारत में प्रादेशिक विषमताओं के तीन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए।
पप) केन्द्र से राज्यों को संसाधनों का हस्तांतरण प्रादेशिक विषमताओं को कम करने में कैसे सहायक होता है?
पपप) पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए कार्यान्वित किए जा रहे कुछ महत्त्वपूर्ण स्कीमों का उल्लेख कीजिए।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics