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हैलोजन की परिभाषा क्या है तथा वर्गीकरण , प्रकार

परिचय (Definition of halogen) : जब एलीफेटिक यौगिक (एल्केन) में से H के स्थान पर हैलोजन आता है तो उन्हें हैलोएल्केन कहते है परन्तु जब ऐरोमेटिक यौगिकों में H के स्थान पर हैलोजन आता है तो उन्हें हैलोएरीन कहते है।

जैसे : RH → R-X

C6H6 → C6H6– X

हैलोजन का वर्गीकरण :

हैलोजन परमाणु की संख्या के आधार पर – जब एल्केन में हाइड्रोजन परमाणु के स्थान पर 1,2,3,4 हैलोजन परमाणु आते है तो उन्हें क्रमशः मोनो , डाई , ट्राई , टेट्रा हैलोजन व्युत्पन्न कहते है या मोनो , डाई , ट्राई , टेट्रा हैलाइड कहते है।

उदाहरण – मेथेन , मोनो क्लोरो मेथेन

sp3 C-X bond युक्त :

इस आधार पर इन्हें निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है।

  1. ऐल्किल हैलाइड या हैलोएल्केन :
  • इनमे हैलोजन परमाणु एल्किल समूह से जुड़ते है।
  • इन्हें R-X से व्यक्त करते है।
  • इनका सामान्य सूत्र CnH2n+1 होता है तथा IUPAC नाम हैलोएल्केन होता है।
  • कार्बन परमाणु के आधार पर इन्हे 10 , 20 , 30 हैलाइड के नाम से भी जाना जाता है।
  1. एलिलिक हैलाइड :

वे हैलाइड जिनमें हैलोजन परमाणु C= C double bond  कार्बन के निक्वर्ती उस कार्बन से जुड़ा होता है जिसका संकरण sp3 होता है उसे एलिलिक हैलाइड कहते है।

उदाहरण :  3-chloro propene (CH2=CH-CH2-Cl)

  1. बेन्जिलिक हैलाइड :

वे हैलाइड जिनमे हैलोजन परमाणु बेंजीन वलय से जुड़े उस कार्बन परमाणु से जुड़ा होता है जिसका संकरण sp3 होता है।

sp C-X bond युक्त :

ये दो प्रकार के होते है।

  1. वाइनिलिक हैलाइड :

वे हैलाइड जिनमें हैलोजन परमाणु सीधे ही द्विबंधित कार्बन परमाणु से जुड़ा होता है , इस कार्बन का संकरण spहोता है उन्हें वाइनिलिक हैलाइड कहते है।

उदाहरण : CH2=CH-X (halo ethane)

  1. हैलोएरिन :

इन यौगिकों में हैलोजन परमाणु सीधे ही बेंजील वलय से जुड़ा होता है।

उदाहरण : halo benzene