दैनिक जीवन में रसायन विज्ञान Chemistry in Everyday life notes in hindi
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दैनिक जीवन में रसायन pdf download
औषधि या औषध , औषधियों का वर्गीकरण , प्रतिअम्ल , प्रतिहिस्टैमिन या प्रति एलर्जी
तंत्रिका सक्रिय औषधि , पीड़ाहारी , प्रशांतक औषधि , उदाहरण Nervous active drug
प्रतिजैविक औषधी , पूतिरोधी व विसंक्रामी में अंतर Antibiotics in hindi
भोजन में रसायन , कृत्रिम मधुरक , खाद्य परीक्षक chemicals in food in hindi
साबुन की परिभाषा क्या है , प्रकार , क्रियाविधि , संश्लेषित अपमार्जक , अंतर
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प्रतिहिस्टैमिन
प्रतिहिस्टैमिन (Pratihistamin) एक औषधीय दवा है जो एलर्जी और अन्य एलर्जिक रिएक्शंस का इलाज करने के लिए प्रयोग की जाती है। यह एक एंटीहिस्टामीनिक दवा है, जिसका मतलब होता है कि यह अतिरिक्त हिस्टामाइन उत्पादन को रोककर एलर्जिक प्रतिक्रियाओं को कम करता है। हिस्टामाइन एक रासायनिक पदार्थ है जो शरीर के अंदर अलर्जी संक्रमण के दौरान उत्पन्न होता है और एलर्जिक रिएक्शन को प्रभावित करता है, जिससे इंसान को खांसी, जुकाम, आंखों का लाल होना, खुजली और इतर एलर्जिक लक्षण हो सकते हैं।
प्रतिहिस्टैमिन आमतौर पर एलर्जी जैसे हींगे जड़ी बूँदी, खांसी, जुकाम, चकत्ते, आंखों की खराश, छाती में तनाव और उल्लेखनीय त्वचा की खुजली जैसे लक्षणों को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह विशेष रूप से गर्मी के लक्षणों को भी कम करने के लिए उपयोगी हो सकता है, जैसे चिपचिपी बंद नाक, लाल और सूजी हुई आंखें,और धूल-मिटटी के प्रति संवेदनशीलता।
यदि आपको लगता है कि आपको एलर्जी हो सकती है और आपको उपचार की जरूरत है, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपके लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे और सही उपचार का सुझाव देंगे।
तंत्रिका सक्रिय औषधि (Neurotransmitter-Active Drug) वे दवाएं होती हैं जो तंत्रिका प्रणाली के केमिकल पदार्थों, जिन्हें तंत्रिका संदेशक (neurotransmitter) कहा जाता है, को प्रभावित करती हैं। ये दवाएं शरीर के तंत्रिका संदेशकों के उत्पादन, विमोचन, इम्पल्स या उपभोग को प्रभावित करके तंत्रिका प्रणाली के कार्यों में परिवर्तन लाने के माध्यम से काम करती हैं।
कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
1. एंटीडिप्रेसेंट (Antidepressants): जैसे सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीअप्टेक्टर इंहिबिटर्स (SSRIs) और ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स (TCAs) डिप्रेसन और अन्य मनोविकारों के उपचार में काम आती हैं। ये दवाएं सिनाप्स में सेरोटोनिन और अन्य तंत्रिका संदेशकों के स्तर को संतुलित करने के माध्यम से काम करती हैं।
2. एंटीप्साइकोटिक्स (Antipsychotics): इन दवाओं का उपयोग स्किज़ोफ्रेनिया और अन्य मनसिक विकारों के उपचार में किया जाता है। उदाहरण के लिए, एंटिप्साइकोटिक दवाओं जैसे हालोपेरिडॉल और क्वेतिपिन द्वारा दोपामिन और अन्य तंत्रिका संदेशकों के व्याप्ति को नियंत्रित किया जाता है।
3. बेंजोडिएजेपाइन्स (Benzodiazepines): ये दवाएं उच्च स्तर के तंत्रिका संदेशक गैबा (GABA) के उपभोग को बढ़ाकर तंत्रिका सक्रियता को नियंत्रित करती हैं। इसलिए वे तंत्रिका संबंधित विकारों, चिंता, उत्तेजना, अनिद्रा और गंभीरता के उपचार में उपयोग होती हैं।
यह केवल कुछ उदाहरण हैं, और वास्तविक तंत्रिका सक्रिय दवाओं की बहुत सारी प्रकार हो सकती हैं, हर एक का अपना विशेषता और कार्यात्मक प्रभाव होता है। यदि आपको इन दवाओं के बारे में अधिक जानकारी चाहिए, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
भोजन में रसायन (Rasayan in Food) एक व्यापक शब्द है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के लिए किया जाता है, जो शरीर को पोषण प्रदान करने के साथ-साथ उसे स्वस्थ और संतुलित रखने में मदद करते हैं। रसायन शब्द संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “रस के द्वारा जीवन प्रदान करने वाला” या “यौगिक जो रस के द्वारा पुराणी या नवीनीकरण करता है”।
भोजन में रसायन संबंधित खाद्य पदार्थों का सेवन करने से, आपको विभिन्न पोषक तत्व, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट मिलते हैं, जो आपके शरीर के विभिन्न कार्यों को संतुलित रखने में मदद करते हैं। यह आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करके संचालित करने, अवयवों की मरम्मत और पुनर्जीवित करने, रोगों से सुरक्षा प्रदान करने, शरीर के रोगप्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करने, और आमतौर पर आपके स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
इसलिए, संतुलित और पौष्टिक भोजन में रसायन संबंधित खाद्य पदार्थों का आदेशपूर्वक सेवन करना महत्वपूर्ण है ताकि आपके शरीर को आवश्यक पोषण और संतुलन प्राप्त हो सके।
प्रतिजैविक औषधी (Biological Medicine) एक व्यापक शब्द है जो जीवाणुओं, जीवाणु-प्रतिरोधक पदार्थों, या बायोलॉजिकली एक्टिव यौगिकों का उपयोग करके स्वास्थ्य की रचना और संतुलन को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है। यह आधुनिक औषधीय विज्ञान का एक क्षेत्र है जो प्राकृतिक और जीवाणु-आधारित पदार्थों के उपयोग को ध्यान में रखता है और शरीर की स्वास्थ्य प्रणालियों के संतुलन को पुनर्स्थापित करने का प्रयास करता है।
प्रतिजैविक औषधी विज्ञान द्वारा बनाई गई औषधीय उत्पादों में पौधों, पौधों के अंगों, फलों, बीजों, पत्तियों, जड़ी-बूटियों, मिश्रणों, प्राकृतिक खनिजों, मिट्टी, पशु-यौगिक, जीवाणु-प्रतिरोधक पदार्थों, एंटीऑक्सिडेंट्स, एन्जाइम्स, और अन्य जीवाणु-संबंधित यौगिकों का उपयोग किया जाता है। इन औषधीय पदार्थों का उपयोग शरीर की प्राकृतिक विक्रियाओं को प्रभावित करके, विटामिनों, मिनरल्स, और पोषक तत्वों की आपूर्ति को बढ़ाकर, इम्यून सिस्टम को मजबूत करके, विषाक्त पदार्थों के प्रभाव को कम करके, और रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाकर स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करता है।
प्रतिजैविक औषधी का उपयोग समर्थित और प्रकाशित वैज्ञानिक शोध और प्रयोगों के आधार पर होना चाहिए। यह एक व्यक्तिगत चिकित्सा परामर्श के साथ औषधीय विशेषज्ञ द्वारा सुरक्षित और योग्य मान्यता प्राप्त कंपनी के उत्पादों के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए।
पूतिरोधी (Antibiotic) एक शब्द है जिसका उपयोग एक विशेष प्रकार के औषधीय दवाओं को वर्णित करने के लिए किया जाता है जो जीवाणुओं के विकास और प्रजनन को रोकने या मारने के लिए उपयोग होते हैं।
पूतिरोधी दवाएं जीवाणु संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। ये दवाएं जीवाणुओं के विकास और वाणिज्यिक वृद्धि को रोककर और उन्हें मारकर कार्य करती हैं। पूतिरोधी दवाओं का उपयोग संक्रमणों के इलाज में, रोगों के उपचार में और सर्जिकल प्रक्रियाओं से पहले संक्रमण की रोकथाम में किया जाता है।
हालांकि, महत्वपूर्ण है कि पूतिरोधी दवाओं का उपयोग समझदारी से किया जाए और उनका अवश्यकतानुसार इस्तेमाल किया जाए। अधिकतर जीवाणु संक्रमण आपके चिकित्सक द्वारा निर्धारित किए गए विशेष दवा पर प्रतिरोधी विचारशीलता के कारण ही उपचार होते हैं। स्वाभाविक अन्तिबायोटिक प्रतिरोध की मात्रा व उपयोगानुसार इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण है, ताकि औषधियों के अवशेष का विकास और जीवाणु संक्रमण के प्रतिरोध का खतरा कम हो।
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