WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

अध्रुवीय आण्विक ठोस (non polar molecular solids in hindi) ध्रुवीय आणुविक ठोस ( polar molecular solids)

(non polar molecular solids in hindi) अध्रुवीय आण्विक ठोस ध्रुवीय आणुविक ठोस ( polar molecular solids) क्या है ? किसे कहते है परिभाषा और अंतर बताइए ?

क्रिस्टलीय ठोसों का वर्गीकरण (classification of crystalline solids) : क्रिस्टलीय ठोसों को उनके अवयवी कणों के मध्य उपस्थित अन्तराणुविक बलों की प्रकृति के आधार पर चार भागों में बाँटा गया है। ये चार आणुविक ठोस , आयनिक ठोस , धात्विक ठोस तथा सहसंयोजक ठोस है। इनका विस्तृत वर्णन निम्नलिखित प्रकार है –

  1. आणुविक ठोस (molecular solids): आणविक ठोसों में अवयवी कण अणु होते है। इनकी प्रकृति के आधार पर इन्हें और अधिक उपभागों में प्रविभाजित किया जाता है।

(अ) अध्रुवीय आण्विक ठोस (non polar molecular solids) : इस प्रकार के आणुविक ठोसों में अणु अध्रुवीय या परमाणु होते है। अध्रुवीय अणुओं में परमाणु अध्रुवीय सहसंयोजक बंधों से बंधे होते है।

उदाहरण के लिए : H2(S) , I2(s) , Cl2(s) , CH4(S) , Ar(S) , CCl4(s)

इन ठोसों में अणुओं के मध्य दुर्बल वान्डरवाल बल होते है एवं परमाणुओं के मध्य परिक्षेपण बल या लंडन बल होते है।

ये क्रिस्टलों के गलनांक और क्वथनांक कम होते है अत: सामान्य ताप पर ये द्रव या गैसीय अवस्था में होते है।

(ब) ध्रुवीय आणुविक ठोस ( polar molecular solids) : इस प्रकार के ठोस ध्रुवीय अणुओं द्वारा बने होते है। अणु में परमाणुओं के मध्य ध्रुवीय सहसंयोजक बंध होते है।

उदाहरण के लिए : HCl(s) , SO2(S) आदि।

इस प्रकार के ठोसों में अणु अपेक्षाकृत प्रबल द्विध्रुव द्विध्रुव अन्योन्य क्रियाओं (द्विध्रुव- द्विध्रुव आकर्षण बलों) द्वारा जुड़े रहते है।

ये ठोस भी नरम तथा विद्युत के कुचालक होते है।

इन ठोसों के गलनांक तथा क्वथनांक अपेक्षाकृत अधिक होते है फिर भी ये सामान्य ताप द्रव या गैसीय अवस्था में होते है।

(स) हाइड्रोजन आबन्धित आणुविक ठोस (hydrogen bonded molecular solids) : इस प्रकार के ठोस भी ध्रुवीय अणुओं द्वारा बनते है।

लेकिन इन ठोसों में अणुओं के मध्य प्रबल हाइड्रोजन आबंध होते है।

उदाहरण के लिए : H2O(s) (बर्फ) , NH3(s) , C2H5OH(s) आदि।

ये ठोस विद्युत के कुचालक एवं नर्म होते है।

सामान्यतया कमरे के ताप पर ये वाष्पशील द्रव या नर्म ठोस होते है।

2. आयनिक ठोस (ionic solids)

आयनिक ठोसों में अवयवी कण धनायन एवं ऋणायन होते है।

धनायन एवं ऋणायन परस्पर स्थिर वैद्युत आकर्षण बलों (आयनिक आबन्धों ) से जुड़े रहते है।

ये ठोस कठोर तथा भंगुर प्रकृति के होते है।

उदाहरण के लिए – NaCl , KCl , CuSO4 , KClO3 , LiF आदि।

इन ठोसों के गलनांक और क्वथनांक उच्च होते है।

विद्युत के कुचालक होते है क्योंकि इन ठोसों में आयन गति करने के लिए स्वतंत्र नहीं होते है।

पिघली हुई अवस्था में या जलीय विलयन में ये विद्युत के सुचालक होते है।

3. धात्विक ठोस (metallic solids)

धातुएँ धनायनों का व्यवस्थित समूह है जो चारों तरफ से संलग्नित इलेक्ट्रॉनों से घिरा रहता है।

ये इलेक्ट्रॉन मुक्त होते है तथा सम्पूर्ण क्रिस्टल के समान रूप से विस्थानीकृत होते है।

इन गतिशील इलेक्ट्रॉनों के कारण ही धात्विक ठोस विद्युत एवं ऊष्मा के सुचालक होते है।

इन ठोसों में गतिशील इलेक्ट्रॉनों के कारण ही धात्विक चमक तथा रंग पाया जाता है।

धात्विक ठोस (धातुएँ) अत्यधिक आघातवर्धनीय तथा तन्य होती है। अर्थात इनकी चादरें बनाई जा सकती है तथा तार खींचे जा सकते है।

उदाहरण के लिए : Cu , Ag , Au , Fe , Al आदि।

4. सहसंयोजक या नेटवर्क ठोस (covalent or network solids)

सहसंयोजक ठोसों में अवयवी कण परमाणु होते है जो प्रबल सहसंयोजक आबन्धों से जुड़े रहते है।

सहसंयोजक बन्ध प्रबल तथा दिशात्मक होते है अत: परमाणु अपनी स्थिति पर प्रबलता से संलग्न रहते है।

सहसंयोजक ठोसों को विशाल अणु (macro molecules) भी कहा जाता है।

उदाहरण के लिए – हीरा सिलिकोन कार्बाइड (SiC) , BN , SiO2 , ग्रेफाईट आदि।

सहसंयोजक ठोस अत्यधिक कठोर होते है।

ये ठोस विद्युत के कुचालक होते है।

इन ठोसों में ग्रेफाईट और नर्म ठोस है तथा विद्युत का सुचालक है।

ग्रेफाइट का यह गुण उसकी परतीय संरचना के कारण होता है। इस प्रकार की संरचना ग्रेफाईट को नर्म और सुचालक बनाती है।

ये उत्तम ठोस चिकनाई का कार्य करता है।

इन ठोसों के गलनांक उच्च होते है तथा गलन से पूर्व ही विघटित हो सकते है।

  चारों प्रकार के ठोसों तथा उनके गुणों को सारणी में दर्शाया गया अर्थात अंतर बताइए 

 ठोस का प्रकार 

 अवयवी कण 

 बंधन / आकर्षण बल 

 उदाहरण 

 प्रकृति 

 बन्धन ऊर्जा 

 विद्युत चालकता 

 गलनांक 

 1. आणुविक ठोस 

(i) अध्रुवीय 

(ii) ध्रुवीय

(ii) हाइड्रोजन आबन्धी

 

अणु या परमाणु

अणु

अणु

 

परिक्षेपण या लंडन बल

द्विध्रुव-द्विध्रुव

हाइड्रोजन बंधन

 

H2(S) , I2(s) , Cl2(s) , CH4(S) , Ar(S) , CCl4(s)

HCl(s) , SO2(S)

H2O(s) (बर्फ) , NH3(s) , C2H5OH(s)

 

नर्म (मुलायम)

नर्म (मुलायम)

कुछ कठोर

 kJmol-1

40 से कम

 

विद्युत रोधी (कुचालक)

कुचालक

कुचालक

 

अत्यधिक निम्न

निम्न

निम्न

  2. आयनिक ठोस 

 आयन

 स्थिर विद्युत आकर्षण बल , (आयनिक बंध)

 NaCl , KCl , CuSO4 , KClO3 , LiF , Na2SO4 , MgCO3 , CaF2

 कठोर लेकिन भंगुर

 400 से 4000

 ठोस अवस्था में कुचालक लेकिन द्रव अवस्था या जलीय अवस्था विलयन में सुचालक

 उच्च

 3. धात्विक ठोस

 परमाणुओं के धनायन तथा विस्थानिकृत इलेक्ट्रॉन

 धात्विक बंध

 Cu , Ag , Au , Fe , Al

 कठोर लेकिन आघातवर्धनीय और तन्य

 70 से 1000

 ठोस अवस्था और गलित अवस्था में सुचालक

 साधारण उच्च

 4. सहसंयोजक या नेटवर्क ठोस

 परमाणु

सहसंयोजक बंध 

 हीरा सिलिकोन कार्बाइड (SiC) , BN , SiO2 , ग्रेफाईट

 कठोर ग्रेफाईट , अपवादिक रूप से नर्म (मुलायम)

 150-500 

 विद्युत कुचालक 

ग्रेफाईट चालक (अपवाद)

 अत्यधिक

प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1 : क्रिस्टलीय ठोसों को अवयवी कणों में उपस्थित बंधन के आधार पर कितने भागों में बांटा गया है ?

उत्तर : अवयवी कणों में बंधन के आधार पर क्रिस्टलीय ठोसों को चार भागों में बाँटा गया है – आणुविक ठोस , आयनिक ठोस , धात्विक ठोस तथा सहसंयोजक।

प्रश्न 2 : अध्रुवीय आणुविक ठोस नर्म होते है और उनके गलनांक निम्न होते है , क्यों ?

उत्तर : अध्रुवीय आण्विक ठोसों में अवयवी कणों के मध्य दुर्बल परिक्षेपण बल अथवा लंडन बल होते है , अत: ये नर्म होते है तथा इनके गलनांक भी कम होते है।

प्रश्न 3 : अध्रुवीय ठोस जैसे CH4(s) , Ar(s) , H2(s) आदि सामान्य ताप पर किस भौतिक अवस्था में होते है ?

उत्तर : सामान्य ताप पर  CH4(s) , Ar(s) , H2(s) आदि गैसीय अवस्था में होते है।

प्रश्न 4 : ध्रुवीय आणुविक ठोसों में अवयवी कण किस प्रकार के बंधन से जुड़े रहते है ?

उत्तर : ध्रुवीय आण्विक ठोसों में अवयवी कण द्विध्रुव – द्विध्रुव अन्योन्य क्रियाओं (द्विध्रुव-द्विध्रुव आकर्षण बलों) द्वारा जुड़ें रहते है।

प्रश्न 5 : हाइड्रोजन बंधित ठोसों के दो उदाहरण दीजिये।

उत्तर : हाइड्रोजन बंधित ठोसो के उदाहरण H2O(S) और NH3(s) है।

प्रश्न 6 : आयनिक ठोसों के गलनांक तथा क्वथनांक उच्च क्यों होते है ?

उत्तर : आयनिक ठोसों में धनायन तथा ऋण आयन के मध्य प्रबल स्थिर विद्युत आकर्षण बल होते है। अत: इन ठोसों के गलनांक तथा क्वथनांक उच्च होते है।

प्रश्न 7 : आयनिक ठोस गलित अवस्था में और जलीय विलयन में विद्युत के चालक होते है लेकिन ठोस अवस्था में नहीं क्यों ?

उत्तर : गलित अवस्था तथा जलीय विलयन में आयनिक ठोसों के धनायन तथा ऋणायन मुक्त अवस्था में होते है और गतिशील होते है जबकि ठोस अवस्था में प्रबल स्थिर विद्युत आकर्षण बलों से बंधे होने के कारण गतिशील नहीं होते।

प्रश्न 8 : धात्विक ठोसों में धात्विक चमक तथा रंग पाए जाने का क्या कारण है ?

उत्तर : धात्विक ठोसों में धात्विक चमक तथा रंग का कारण उनमें पाए जाने वाले मुक्त इलेक्ट्रॉन है।

प्रश्न 9 : विशाल अणु किन्हें कहा जाता है ?

उत्तर : सहसंयोजक ठोसों को विशाल अणु कहा जाता है।

प्रश्न 10 : विद्युत का सुचालक तथा नर्म सहसंयोजक ठोस कौनसा है ?

उत्तर : विद्युत का सुचालक एवं नर्म ठोस ग्रेफाइट है।

प्रश्न 11 : उपस्थित अन्तराणुविक बलों की प्रकृति के आधार पर निम्नलिखित ठोसों को विभिन्न संवर्गों में वर्गीकृत कीजिये ?

पोटेशियम सल्फेट , टिन , बेंजीन , यूरिया , अमोनिया , जल , जिंक सल्फाइड , ग्रेफाईट , रुबिडियम , आर्गन , सिलिकन कार्बाइड।

उत्तर : आयनिक : पोटेशियम सल्फेट , जिंक सल्फाइड।

धात्विक ठोस : टिन , रुबिडियम।

सहसंयोजक ठोस :  ग्रेफाइट , सिलिकन , कार्बाइड

अध्रुवीय आणुविक ठोस : बेंजीन , यूरिया , आर्गन।

हाइड्रोजन बंधित आणुविक ठोस : जन , अमोनियम।

प्रश्न 12 : ठोस A अत्यधिक कठोर और ठोस और गलित अवस्था में विद्युतरोधी है तथा अत्यंत उच्च ताप पर पिघलता है। यह किस प्रकार का ठोस है ?

उत्तर : ठोस A एक सहसंयोजक या नेटवर्क ठोस है।

प्रश्न 13 : आयनिक ठोस गलित अवस्था में विद्युत चालक होते है लेकिन ठोस अवस्था में नहीं , व्याख्या कीजिये ?

उत्तर : गलित अवस्था में आयनिक ठोसों के धनायन तथा ऋण आयन मुक्त अवस्था में होते है तथा गतिशील होते है। जबकि ठोस अवस्था में आयन प्रबल स्थिर वैद्युत आकर्षण बलों से बंधे होने के कारण गतिशील नहीं होते है।

प्रश्न 14 : किस प्रकार के ठोस विद्युत चालक , आघातवर्धनीय तथा तन्य होते है ?

उत्तर : धात्विक ठोस।

प्रश्न 15 : निम्न में से उच्चतम गलनांक होगा –

(अ) आयनिक ठोस

(ब) धात्विक ठोस

(स) सहसंयोजक ठोस

(द) आणुविक ठोस

उत्तर : (स) सहसंयोजक ठोस

प्रश्न 16 : सहसंयोजक ठोस का उदाहरण है –

(अ) बोरोन नाइट्राइड

(ब) सिलिका

(स) ग्रेफाइट

(द) उपरोक्त सभी

उत्तर : (द) उपरोक्त सभी

प्रश्न 17 : आणविक ठोस का उदाहरण है –

(अ) आयोडीन

(ब) शुष्क बर्फ

(स) ठोस मेथेन

(द) उपरोक्त सभी

उत्तर : (द) उपरोक्त सभी

प्रश्न 18 : एक ठोस नर्म , विद्युत का सुचालक है और उसके अवयवी कण सहसंयोजक बन्धो से बंधे है , ठोस होगा –

(अ) सिलिकन कार्बाइड

(ब) तांबा

(स) ग्रेफाइट

(द) उपरोक्त कोई नहीं

उत्तर : (स) ग्रेफाइट

प्रश्न 19 : विषमलम्बाक्ष गंधक है –

(अ) आणुविक ठोस

(ब) सहसंयोजक ठोस

(स) आयनिक ठोस

(द) धात्विक ठोस

उत्तर : (अ) आणुविक ठोस

प्रश्न 20 : ठोस सल्फर डाइऑक्साइड है –

(अ) अध्रुवीय आणुविक ठोस

(ब) ध्रुवीय आणुविक ठोस

(स) सहसंयोजक ठोस

(द) आयनिक ठोस

उत्तर : (ब) ध्रुवीय आणुविक ठोस