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वानस्पतिक उद्यान क्या है | वनस्पति उद्यान की परिभाषा किसे कहते है , कार्य botanical garden in hindi

botanical garden in hindi definition works वानस्पतिक उद्यान क्या है | वनस्पति उद्यान की परिभाषा किसे कहते है , कार्य महत्व कहां स्थित है ?

वानस्पतिक उद्यान (botanical gardens) : विभिन्न पेड़ पौधों और वनस्पति के अध्ययन में वानस्पतिक उद्यानों का महत्वपूर्ण स्थान है। इन उद्यानों में उगने वाले पौधे न केवल सुन्दरता को द्योतक है अपितु सुन्दरता प्रदान करने के अतिरिक्त वानस्पतिक उद्यानों की उपयोगिता पादप वर्गिकी , उद्यान विज्ञान और पादप प्रजनन के क्षेत्र में स्वप्रमाणित है। इन उद्यानों की सहायता से पौधों की पुरस्थापना और दशानुकूलन , खरपतवार के नियन्त्रण और उन्मूलन और प्रदूषण नियन्त्रण आदि का अध्ययन किया जाता है। इसके अतिरिक्त शोध कार्यों के लिए आवश्यक विभिन्न प्रकार के पादप और पादप सामग्री की आपूर्ति भी अनेक वानस्पतिक उद्यानों के द्वारा होती है। इसलिए इनको वनस्पतिशास्त्र के अध्ययन हेतु प्रयुक्त बहिरंग प्रयोगशालाएं (outdoor laboratories) भी कहते है।

किसी स्थान विशेष पर अलग अलग अथवा एक ही प्रकार की परिस्थितियों में पाए जाने वाले पादप जब प्राकृतिक रूप से उगते हुए पाए जाए और इनका उपयोग शुद्ध और व्यावहारिक दोनों प्रकार के अध्ययनों के लिए किया जाए तो ऐसे पादप समूह स्थान को वानस्पतिक उद्यान कहते है।
यद्यपि वानस्पतिक उद्यानों का विकास अत्यंत धीमी गति से हुआ है तथापि इसके अनेक रोचक पहलु है। अति प्राचीन काल से ही मनुष्य ने अपने लिए उपयोगी पौधों को उद्यानों में उगाना प्रारंभ कर दिया है। भारत , मिश्र और चीन की प्राचीन सभ्यताओं में , मंदिरों के आसपास पूजा के लिए अनेक पुष्पीय और सजावटी पौधे उगाये जाते थे लेकिन वैज्ञानिक अध्ययन में प्रगति के साथ साथ ही इन उद्यानों का महत्व अध्ययन कार्य में परिलक्षित होने लगा। ऐसा माना जाता है कि विश्व के प्रथम वानस्पतिक उद्यान की स्थापना आज से लगभग 2350 वर्ष पूर्व महान यूनानी दार्शनिक अरस्तू द्वारा 350 B.C. में की गयी थी। लेकिन उपलब्ध एतिहासिक प्रमाणों के अनुसार , भारतीय परिप्रेक्ष्य में यहाँ वानस्पतिक उद्यान की स्थापना अरस्तु से भी 550 वर्ष पूर्व मगध में तत्कालीन प्रख्यात चिकित्सक जीवक कौमारभृत्य द्वारा औषधिक महत्व के पौधों की प्राप्ति के लिए की गयी थी।
वानस्पतिक उद्यानों के आधुनिक प्रारूप और संरचना का गठन केवल पिछले 150 वर्षो में ही स्थापित किया गया है। अमेरिका पादप विज्ञानी हेनरी शो ने इन उद्यानों की वैज्ञानिक अध्ययन सम्बन्धी उपयोगिता की अवधारणा को साकार रूप प्रदान किया और उनके द्वारा सेंट लुईस (अमेरिका) में मिसौरी बोटेनिक गार्डन की स्थापना की गयी।

वानस्पतिक उद्यानों की उपयोगिता और उद्देश्य (objective of botanical garden)

1. विभिन्न प्रकार के पौधों के बारे में वैज्ञानिक अध्ययन हेतु सटीक और मूलभूत आकारिकीय विवरण प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
2. विभिन्न प्रकार के पौधों का तुलनात्मक वर्गिकीय अध्ययन यहाँ पर उगने वाली प्रजातियों को देखकर किया जा सकता है और इसके आधार पर पौधों का नामकरण और वर्गीकरण किया जा सकता है।
3. विभिन्न प्रकार के प्रयोगशाला अध्ययनों जैसे – शारीरिकी , पादप कार्यिकी , ऊतक संवर्धन और पादप प्रजनन हेतु आवश्यक पादप सामग्री वानस्पतिक उद्यानों में उगने वाली पादप प्रजातियों से प्राप्त की जा सकती है।
4. क्योंकि वानस्पतिक उद्यानों में विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में उगने वाले पौधों को उनकी प्राकृतिक आवासीय परिस्थितयाँ कृत्रिम रूप से उत्पन्न कर उगाया जाता है। अत: यहाँ इन पौधों को देखकर इनके प्राकृतिक आवास के बारे में जानकारी मिलती है। साथ ही यहाँ अनेक दुर्लभ पौधे अपनी प्राकृतिक अवस्था में दृष्टिगोचर होते है।
5. विभिन्न आवासीय क्षेत्रों के पौधों के दशानुकूलन के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करते है।
6. उद्यान विज्ञान (horticulture) के विकास में (विशेषकर मानवोपयोगी पौधों जैसे – फल उत्पादक पौधे , औषधिक पौधे आदि की गुणवत्ता के सुधार में) ये महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
7. वानस्पतिक उद्यानों में उगने वाले पौधों की सुन्दरता , पौधों पर खिलते पुष्पों की सुगंध , वृक्षों की सघन छाया , हमारी सौन्दर्य बोध की प्रवृति को परिपूर्ण करती है।

विश्व के कुछ प्रमुख वानस्पतिक उद्यान (important botanical gardens of the world)

1. पाडुआ वानस्पतिक उद्यान (padua botanical garden) : इटली के इस प्रसिद्ध वानस्पतिक उद्यान की स्थापना पाडुआ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर फ्रांसिस बोनाफीड द्वारा सन 1545 में की गयी थी।
2. पीसा वानस्पतिक उद्यान (botanical garden pisa) : अनेक वनस्पतिशास्त्रियों के अनुसार यह विश्व का प्राचीनतम वानस्पतिक उद्यान है , इसकी स्थापना सन 1543 में हुई थी। यह भी इटली में स्थित है।
3. उप्पसला वानस्पतिक उद्यान (uppsala botanical garden) : इस उद्यान की स्थापना प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री ओलाफ जे. रुडबेक द्वारा सन 1655 में की गयी थी।
4. आर्नल्ड आबोरेटम हार्वर्ड विश्वविद्यालय , संयुक्त राज्य अमेरिका (arnold arboretum of harvard university , USA) : इस वृक्षोद्यान की स्थापना जैम्स अर्नाल्ड की मानव प्रेम और सद्भावना के अनुरूप सन 1872 में की गयी थी। इस उद्यान में अनेक दुर्लभ पादप प्रजातियों का अनुपम संग्रह है।
5. दि रॉयल बोटेनिकल गार्डन क्यू , इंग्लैंड (the royal botanical garden kew , england) : वर्तमान [परिप्रेक्ष्य में यह विश्व का सबसे बड़ा सुविख्यात और अद्वितीय उद्यान है। इंग्लैंड के सम्राट जोर्ज तृतीय की माता राजकुमारी आगस्टा ने इस उद्यान की स्थापना का कार्य सन 1759 में क्यू हाउस के परिसर में प्रारंभ किया था और विलियम एल्टन को इसका अधीक्षक नियुक्त किया गया। सन 1772 में आगस्टा की मृत्यु के बाद उनके पुत्र सम्राट जोर्ज तृतीय ने इस वानस्पतिक उद्यान को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने का कार्य किया और रॉयल सोसायटी , इंग्लैंड के तत्कालीन अध्यक्ष सर जोसेफ बैंक को इस उद्यान के मानद निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था। सम्राट जोर्ज तृतीय के जीवनकाल में यह उद्यान अत्यंत विकसित हुआ और इस अवधि में एल्टन (1789) द्वारा यहाँ उगने वाली पादप प्रजातियों की सूची का प्रकाशन एक पुस्तक “होर्टस क्यूएन्सिस” के नाम से किया गया।
लेकिन सम्राट जोर्ज तृतीय और सर जोसेफ बैंक की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक संस्थान के रूप में इस उद्यान की प्रतिष्ठा पर आँच आने लगी और अनेक वर्षो तक निष्क्रियता की स्थिति यथावत बनी रही। इसके पश्चात् ब्रिटिश सरकार ने सन 1840 में प्रस्तुत जॉन लिन्डले और सहयोगियों की सिफारिश को स्वीकार करते हुए क्यू उद्यान को राष्ट्रीय वानस्पतिक उद्यान और शोध संस्थान का दर्जा प्रदान किया और सर विलियम जेक्सन हुकर को सन 1841 में इसका प्रथम निदेशक नियुक्त किया गया।
पादप वर्गिकी के विद्यार्थियों के लिए क्यू वानस्पतिक उद्यान भावनात्मक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि जोर्ज बैंथम और जोसेफ डाल्टन ने अपने कालजयी (classic) ग्रन्थ “जोनेरा प्लांटेरम” की रचना इसी उद्यान में की थी। अतएव आज भी क्यू वानस्पतिक उद्यान को “विश्व की वानस्पतिक राजधानी” (botanical capital of the world) कहा जाता है। यहाँ के पादप संग्रहालय में पचास लाख से अधिक पादप प्रतिरूप परिरक्षित है , वृक्षोद्यान में 7000 से अधिक विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष उगाये गये है और ग्लास हाउसेज में 13000 से अधिक पादप प्रजातियाँ फल फूल रही है। इसके अतिरिक्त इस उद्यान में 8000 शाकीय पादप प्रजातियाँ खुले स्थानों में उगाई गयी है।