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transverse nature of electromagnetic waves in hindi विद्युत् चुम्बकीय तरंगों की अनुप्रस्थ प्रकृति

विद्युत् चुम्बकीय तरंगों की अनुप्रस्थ प्रकृति (transverse nature of electromagnetic waves in hindi)

प्रस्तावना : विद्युत चुम्बकीय तरंगों में विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्र यदि परस्पर लम्बवत रहते हुए तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत कम्पन्न करते है तो इसका अर्थ यह हुआ कि विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रकृति में अनुप्रस्थ होती है। इस तथ्य का सत्यापन निम्नलिखित प्रकार किया जा सकता है –

विद्युतचुम्बकीय तरंग के गमन में पहले विद्युत क्षेत्र घटक पर विचार करते है। माना विद्युत चुम्बकीय तरंग x दिशा में गतिशील है। ABCD एक समतल तरंगाग्र Y-Z तल में रहते हुए x दिशा में गतिशील है। ABCD के बायीं ओर विद्युत क्षेत्र चुम्बकीय क्षेत्र के भाग x और t पर निर्भर होंगे , y तथा z पर नहीं क्योंकि विचाराधीन तरंग समतल तरंग है जिसका x-अक्ष की दिशा में संचरण हो रहा है।

गॉस के नियमानुसार समान्तर षटफलक ABCDOFEG से पारित कुल विद्युत फ्लक्स शून्य होगा क्योंकि पृष्ठ से परिबद्ध आवेश शून्य है।

अर्थात

S∮E.dS = 0

अथवा

ABCD∫E.ds + OFEG∫E.ds + ADGE∫E.ds + BCOF∫E.ds + OCDG∫E.ds + ABFE∫E.ds = 0 . . . . . .. . . .. . . समीकरण-1

चूँकि विद्युत क्षेत्र y और z पर निर्भर नहीं करता अत: y और z अक्ष के अभिलम्ब तलों से आने वाले विद्युत फ्लक्स युग्म में एक दुसरे को निरस्त कर देंगे।

चूँकि

OCDG∫E.ds + ABFE∫E.ds = 0 . . . . . . समीकरण-2

और ADGE∫E.ds + BCOF∫E.ds = 0 . . . . . . समीकरण-3

अत: अब समीकरण-1 से –

ABCD∫E.ds + OFEG∫E.ds = 0  समीकरण-4

अथवा

ABCD∫Ex.ds.cos0 + OFEG∫Ex.ds.cos180 = 0

अथवा

Ex ABCD∫ ds.cos0 +  Ex’ OFEG∫ds.cos180 = 0

Ex ABCD∫ ds.(1) +  Ex’ OFEG∫ds.(-1) = 0

अथवा Ex.S – Ex .S = 0

जहाँ पृष्ठ ABCD और OFEG का क्षेत्रफल S है |

चूँकि (Ex – Ex)S = 0

अत: S ≠ 0

चूँकि Ex – Ex = 0

अथवा Ex = Ex

स्पष्ट है कि विद्युत क्षेत्र का x घटक समय t के अनुसार परिवर्तित नहीं होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते है कि x अक्ष के अनुदिश विद्युत क्षेत्र स्थिर होता है।

चूँकि स्थिर विद्युत क्षेत्र तरंग का संचरण नहीं कर सकता अत: विद्युत क्षेत्र जो तरंग संचरण की दिशा के समान्तर है , शून्य है।

चूँकि E = Ex  = 0

इसका अर्थ यह हुआ कि विद्युत क्षेत्र तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत होता है। इसी प्रकार यह सिद्ध किया जा सकता है कि चुम्बकीय क्षेत्र भी तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत होता है।

स्पष्ट है कि विद्युत और चुम्बकीय दोनों क्षेत्र तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत होते है। अत: विद्युत चुम्बकीय तरंगें अनुप्रस्थ होती है।

सम्बन्धित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1 : एक समतल विद्युत चुम्बकीय तरंग में विद्युत क्षेत्र ज्या वक्रीय रूप से 48 V/m आयाम और 2 x 1010 Hz आवृत्ति से दोलन करता है।

(a) विद्युत चुंबकीय तरंग की तरंग दैर्ध्य क्या होगी ?

(b) दोलन करते हुए चुम्बकीय क्षेत्र के आयाम की गणना कीजिये।

(c) तरंग के विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के औसत ऊर्जा घनत्व की गणना कीजिये।

हल : दिया है –

f = 2 x 1010 Hz , E0 = 48 V.m-1

(a)    C = fλ

λ = C/f

अत: λ = (3×108)/(2 x 1010) = 1.5 x 10-2 m

(b)   चूँकि E0/B0 = C

B0 = E0/C

अत: B0 = 48/3×108

= 16 x 10-8 = 1.6 x 10-7 T

(c)    औसत ऊर्जा घनत्व

U = ε0E02/4

= 0.5 x 10-8 J.m-3

= 5 x 10-9 J.m-3

प्रश्न 2 : 25 MHz आवृत्ति की एक समतल वैद्युत चुम्बकीय तरंग निर्वात में x दिशा के अनुदिश गतिमान है। आकाश में किसी विशिष्ट बिंदु पर इसका मान E = 6.3 j N.m-1 है। इस बिंदु पर B का मान क्या है ?

हल : B और E के परिमाणों के मध्य निम्नलिखित सम्बन्ध होता है –

B = E/C = 6.3/3×108 = 2.1 x 10-8 T

हम जानते है कि विद्युत चुम्बकीय तरंग में विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्र दोनों परस्पर लम्बवत रहते हुए तरंग संचरण की दिशा के भी लम्बवत होते है। चूँकि तरंग संचरण x दिशा में है और विद्युत क्षेत्र (E = 6.3j V.m-1) y दिशा में है अत: चुम्बकीय क्षेत्र z दिशा में होगा।

अत: B = 2.1 x 10-8 k.T

प्रश्न 3 : किसी समतल वैद्युत चुम्बकीय तरंग में चुम्बकीय क्षेत्र By = 2 x 10-7 sin(0.5 x 103x + 1.5 x 1011 t)T है।

(a) तरंग की आवृति और तरंग दैर्ध्य क्या है ?

(b) विद्युत क्षेत्र के लिए व्यंजक लिखिए।

हल : (a) चुम्बकीय क्षेत्र का दिया गया समीकरण –

By = 2 x 10-7 sin(0.5 x 103x + 1.5 x 1011t) टेस्ला . . . . .. समीकरण-1

चुम्बकीय क्षेत्र के समीकरण को यदि समतल प्रगामी तरंग के स्वरूप में लिखे तो समीकरण निम्नलिखित प्रकार होगा –

By = B0 sin[2π(x/λ + t/T)]

अथवा By = B0 sin[2π.x/λ + 2π.t/T] . . . . . समीकरण-2

समीकरण 1 और समीकरण 2 की तुलना करने पर

2π/λ = 0.5 x 103

λ = 1.256 x 10-2 m = 1.26 cm

2π/T = 1.5 x 1011

2π f = 1.5 x 1011

आवृति f = 23.88 x 109 Hz

या f = 23.9 GHz

(b) B0 = E0/C

E0 = B0C

दिए गए समीकरण से B0 = 2 x 10-7 T

अत: E0 = 60 Vm-1

चूँकि चुम्बकीय y दिशा में है तथा यदि तरंग संचरण x दिशा में हो रहा है तो विद्युत क्षेत्र z दिशा में होता। अत: विद्युत क्षेत्र का समीकरण –

Ez = E0sin[2π(x/λ + t/T)]

= E0sin[2πx/ λ + 2πt/T]

Ez = 60sin(0.5 x 103x + 1.5 x 1011t) V.m-1

प्रश्न 4 : मीडियम वेब (MW) बैण्ड की तरंग दैधर्य परास 200m से 625 m है। यदि इस बैंड में कोई रेडियो सेट समस्वरित किया जा सके तो संगत आवृत्ति परास क्या होगी ?

उत्तर : 480 KHz से 1500 KHz तक।

प्रश्न 5 : 5 x 1014 Hz आवृत्ति की विद्युत चुम्बकीय तरंगें एक द्रव से होकर गुजारी जाती है। द्रव के अन्दर तरंगों की तरंग दैधर्य 4.5 x 10-7 m मापी जाती है। गणना कीजिये।

(i) निर्वात में विद्युत चुम्बकीय तरंगों की तरंग दैधर्य

(ii) तरंगों की द्रव में चाल

(iii) द्रव का अपवर्तनांक

दिया है – निर्वात में विद्युत चुम्बकीय तरंगों की चाल = 3 x 108 ms-1

उत्तर :

(i) 6 x 10-7 m

(ii) 2.25 x 108 ms-1

(iii) 1.33