डेसीबल क्या है ? what is decibel in hindi meaning definition , डेसिबल किसका मात्रक है , पैमाना स्केल
what is decibel in hindi meaning definition डेसीबल क्या है ? डेसिबल किसका मात्रक है , पैमाना स्केल डेसीबल किसे कहते है , परिभाषा इससे किसको मापा जाता है ?
शोर क्या है ?
विश्व स्वास्थ्य सेवा संगठन के अनुसार अवांछित तथा अप्रिय आवाज ही शोर है जो मानव के दिन प्रतिदिन के क्रिया कलापों से उत्पन्न होता है। आमतौर पर सामान्य आवाजों से अधिक ऊँची आवाजों को शोर कहा जाता है। अर्थात कोई भी ध्वनि जब मानसिक क्रियाओं में विघ्न उत्पन्न करने लगती है तो वह शोर के अंतर्गत आती है। इस तरह हम कह सकते है कि शोर वातावरण में प्रदूषण फैलाने वाले उस जहर का नाम है जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
डेसीबल क्या है ?
ध्वनी (शोर) की तीव्रता डेसिबल (Decibel) में व्यक्त की जाती है। इसे संक्षेप में डीबी (dB) कहते है। अर्थात शोर की तीव्रता की इकाई डीबी है। इसे मापने वाले यंत्र को “लार्म बैरोमीटर” कहा जाता है तथा जिस स्केल पर ध्वनि की तीव्रता पढ़ी जाती है , उसे “लोगे रिद्मिक स्केल” (log rhythmic scale) कहते है।
स्रोत | ध्वनि शक्ति (डेसिबल में) |
सुनने की शुरुआत | 0 |
फुसफुसाहट (1.25 मीटर पर) | 10 |
फुसफुसाहट (1.75 मीटर पर ) | 20 |
दीवार घडी की टिक टिक (एक मीटर पर) | 30 |
गलियों का शोरगुल | 40-70 |
शांत कार्यालय | 50 |
दफ्तर में बाबुओं का शोरगुल | 60 |
सामान्य बातचीत (एक मीटर दूर ) | 60 |
हल्का ट्रैफिक | 60 |
सामान्य ट्रैफिक | 70 |
अलार्म घडी की आवाज | 70 |
टेलीफोन पर वार्तालाप | 70 |
व्यस्त कार्यालय | 80 |
स्पोर्ट्स कार | 80-85 |
भारी ट्रैफिक | 90 |
रेलगाड़ी | 90 |
भारी ट्रक | 90 |
भारी इंजीनियरिंग वर्कशॉप | 95-105 |
शेर की दहाड़ (लगभग 3 मीटर दूरी पर ) | 90-105 |
सर्क्युलर आरा मशीन | 100-110 |
मोटर कार का हॉर्न (6.5 मीटर दूरी पर) | 110 |
इस्पात पुल पर रेल | 110 |
रॉक संगीत , डिस्को | 120 |
छोटे पिस्टन इंजन वाला विमान | 120 |
मोटर साइकिल (बिना साइलेंसर ) | 120 |
जेट विमान (30 मीटर दूरी पर ) | 140 |
विस्फोट और राकेट छूटते समय | 160-170 |
130 mm. तोप को दागते समय | 192 |
वास्तव में ध्वनि की तीव्रता का माप “बेल” है जो “अलेक्जेंडर ग्राहम बेल” के नाम से सम्बन्धित है। एक बेल का दसवाँ भाग डेसीबल कहलाता है। डेसीबल पैमाने पर शून्य ध्वनि तीव्रता का वह स्तर है जहाँ से ध्वनि कानों को सुनाई देती है। हमारे दैनिक जीवन में जो ध्वनियाँ हम सुनते है , उनकी तीव्रता इस प्रकार है –
10 डीबी की ध्वनि की तीव्रता 1 डीबी ध्वनि से 10 गुनी होती है लेकिन 20 डीबी ध्वनि की तीव्रता 100 गुनी तथा 30 डीबी ध्वनी की तीव्रता 1000 गुनी अर्थात 70 डीबी तीव्रता की ध्वनि 60 डीबी ध्वनि की तुलना में 10 गुना अधिक होती है।
शून्य डीबी ध्वनि हमे सुनाई नहीं पडती क्योंकि सामान्य फुसफुसाहट ही 20 डीबी की होती है। सामान्यतया जिस ध्वनि में हम बातचीत करते है , उसकी तीव्रता 50 से 60 डीबी की ध्वनि कानों को बुरी नहीं लगती तथा 70 डीबी की ध्वनि तेज होती है। 85 डीबी से ऊपर की ध्वनि में अधिक समय तक रहने से आदमी में श्रवण दोष उत्पन्न हो सकता है तथा 130 डीबी से अधिक की ध्वनि को तमाम सुरक्षा के बावजूद मानव के लिए घातक हो सकती है।
साधारणतया 50 डीबी की ध्वनि कानो को बुरी नहीं लगती लेकिन 95 डीबी की ध्वनि को तेज माना जाता है। विशेषज्ञों की राय है कि 85 डीबी से ऊपर की ध्वनी में अधिक समय तक रहने से मनुष्य में श्रवण दोष हो सकता है जबकि 130 डीबी से अधिक की ध्वनि तमाम सुरक्षा के बावजूद घातक हो सकती है।
शोर के प्रमुख स्रोत
विमानों से शोर : शोर प्रदूषण के लिए सबसे अधिक दोषी माने जाते है वायुयान। तेज उड़ने वाले जेट विमान 150 डीबी तक ध्वनि उत्पन्न करते है जिसके कई घातक परिणाम भी सामने आये है , जैसे – अमेरिका के सुपरमैगनम सोनिक जेट विमान से उत्पन्न ध्वनि तरंगों से केन्योन को प्राचीन गुफाओ में दरारें पड़ गई है। फ्रांस के सहयोग से बने कंकार्ड जेट विमान से लन्दन के सेंट पोल गिरजाघर तथा पार्लियामेंट भवन को खतरा उत्पन्न हो गया था। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये विमान सूर्य की पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी की रक्षा करने वाली ओजोन पट्टी को कुछ ही समय में आधा कर सकते है जिससे मनुष्य जीवन पर हानिकारक प्रभाव होने की संभावना है।
कारखानों के कारण शोर : मनुष्यों की सहायक सिद्ध होने वाली मशीने अपने ही शोर से अप्रत्यक्ष रूप से उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी सिद्ध हो रही है क्योंकि मशीनों को शोर का पर्याय माना जाता है। शोर विरोधी अन्तर्राष्ट्रीय संस्था के प्रोफेसर लेहमान के अनुसार “शोर प्रौद्योगिकी की प्रगति का नहीं अपितु उसकी प्रतिगति का प्रतिक है। “
वैज्ञानिक मानकों के अनुसार , “वर्कशॉप तथा कारखानों में ध्वनि का न्यूनतम मान्य स्तर 90 डीबी होना चाहिए लेकिन कल कारखानों में ध्वनी का स्तर 120 डीबी आँका गया है। “
मद्रास के औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र द्वारा सर्वेक्षण किया गया है कि 20% कामगार अपनी श्रवण शक्ति खोते जा रहे है। इसी सन्दर्भ में सोवियत संघ में किये गए अध्ययनों में बताया गया है कि मानव स्तर से ऊपर जाने वाली प्रत्येक डीबी कामगार की कुशलता को 1% कम कर देती है तथा दूसरी तरफ श्रवण शक्ति खोने में 1.5% की वृद्धि कर देती है।
सडक पर दौड़ने वाले वाहनों से शोर : बढती हुई आबादी के साथ बढ़ता यातायात साधन भी शोर प्रदूषण का एक प्रमुख अंग है। इस समय विश्व में करोडो वाहन सड़कों पर दौड़ रहे है। इस बढ़ते हुए काफिले का शोर अब एक सरदर्द बनकर रह गया है।
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