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सूर्य तथा पृथ्वी के बीच न्यूनतम दूरी कब होती है , सूर्य और पृथ्वी के मध्य न्यूनतम दूरी किस तारीख को होती है

minimum distance between sun and earth on which date in hindi सूर्य तथा पृथ्वी के बीच न्यूनतम दूरी कब होती है , सूर्य और पृथ्वी के मध्य न्यूनतम दूरी किस तारीख को होती है ?

उत्तर : उपसौर की स्थिति में सूर्य तथा पृथ्वी के बीच न्यूनतम दूरी होती है |

उपसौर की परिभाषा (Perihelion)
* सूर्य से निकटतम स्थिति । पृथ्वी 3 जनवरी को प्रत्येक वर्ष इस स्थिति में आती है। यह दूरी सूर्य से लगभग 147 मिलियन किमी है।

पृथ्वी और इसके ग्रहीय संबंध
पृथ्वी की उत्पत्ति से संबंधित विभिन्न
संकल्पनाएं
सिद्धांत/संकल्पनाएं वैज्ञानिक/दार्शनिक
गैसीय परिकल्पना इमैनुअल कांट
निहारिका परिकल्पना लाप्लास
ग्रहाणु परिकल्पना चैम्बरलिन एवं मॉल्टन
ज्वारीय परिकल्पना जीन्स एवं जेफरीज
द्वैतारक परिकल्पना रसेल
सुपरनोवा परिकल्पना होयल
अन्तरतारक धूल परिकल्पना ऑटोश्मिड
शीफिड परिकल्पना ए सी बनर्जी
बृहस्पति-सूर्य द्वैतारक परिकल्पना ड्रोबोशेवस्की
बिग बैंग सिद्धान्त जार्ज लेमेटेयर

पृथ्वी का आकार
ऽ पृथ्वी का आकार एक गोले के रूप में है जो ध्रूवों पर चिपटा है।
ऽ यह ध्रूवों से विषुवत रेखा की ओर हल्की फुली हुई प्रतीत होती है।
ऽ यह चिपटापन पृथ्वी के अभिकेन्द्रीय बल के कारण है। पृथ्वी का वास्तविक आकर ‘जीऑड‘ (ळमवपक) है, जिसका अर्थ है-पृथ्वी के आकार का।

ऽ पृथ्वी की दो प्रकार की गतियां हैं:
(अं) घूर्णन (दैनिक गति)
(ब) परिक्रमण (वार्षिक गति)
घूर्णन
पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व दिशा, अर्थात् घड़ी की विपरीत दिशा में घूमती है। यह एक घूर्णन पूरा करने में 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकेण्ड का समय लेती है।
ऽ दैनिक गति के कारण पृथ्वी पर दिन और रात होते हैं।
ऽ अपने अक्ष पर घूर्णन के कारण ही पृथ्वी का आकार एक सम्पूर्ण गोले के रूप में नहीं है।
ऽ ध्रूवीय अक्षों पर धूर्णन की अवधि को नक्षत्र दिन कहते हैं।
परिक्रमण (वार्षिक गति)
ऽ पृथ्वी, सूर्य के चारों तरफ 1,00,000 किमी/घंटे की रफ्तार से घूमती है। यह एक चक्कर पूरा करने में यह 365 दिन और 6 घंटे का समय लेती है।
ऽ 6 घंटे का यह अतिरिक्त समय फरवरी महीने में जोड़ दिया जाता है जिससे प्रत्येक चार वर्ष पर फरवरी का महीना 29 दिन का होता है। इस तरह प्रत्येक चार वर्ष पर 366 दिन का एक वर्ष होता है, जिसे लीप वर्ष (Leap year) कहते हैं।
ऽ पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए चार क्रान्तिक स्थितियों को प्राप्त करती है। यह पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुके होने के कारण होता है। इसे अयनांत (Solstices) तथा विषुव (Equinoxes) कहते है।
ऽ 21 जून को कर्क रेखा पर सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ती हैं । इसे ग्रीष्म अयनांत कहते हैं।
ऽ इस समय उत्तरी ध्रूव पर लगातार दिन तथा दक्षिणी ध्रूव पर लगातार रात होती है।
ऽ 22 दिसंबर को सूर्य की लम्बवत् किरणें मकर रेखा पर पड़ती हैं द्य इसे शीत अयनांत कहते हैं।
ऽ चूंकि पृथ्वी का परिक्रमण पथ अण्डाकार है, अतः पृथ्वी व सूर्य के बीच की दूरी बदलती रहती है।
ऽ 21 मार्च और 23 सितम्बर को पृथ्वी की स्थिती ऐसी होती है जब विषुवत रेखा पर सूर्य की किरणें लम्बवत् पढ़ती हैं। इस तिथि को पूरे विश्व में दिन तथा रात बराबर होते हैं। यह स्थिति विषुव (Equinoxes) कहलाती है। 21 मार्च को बसंत विषुव (Vernal Equionox) तथा 23 सितंबर को शरद विषुव (Autumnal Equinox) होता है।