सिद्ध कीजिए कि f(x) = 1 /x द्वारा परिभाषित फलन f: R. R. एकैकी तथा आच्छादक है, जहाँ R. सभी ऋणेत्तर वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है।

प्रश्नावली 1-2 (पाठ्य-पुस्तक)
प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए कि f(x) = 1 /x द्वारा परिभाषित फलन f: R. R. एकैकी तथा आच्छादक है, जहाँ R. सभी ऋणेत्तर वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है। यदि प्रान्त R. को N से बदल दिया जाए, जबकि सहप्रान्त पूर्ववत् ही रहे, तो भी क्या यह परिणाम सत्य होगा ?
अतः फलन एकैकी है।
पुन: यदि सह प्रान्त (कोडोमेन) का कोई स्वेच्छ अवयव
यदि f (x)=y, तो
जो कि प्रान्त (डोमेन) का अवयव है।
f (R.) = R.
परन्तु सहप्रान्त (सहडोमेन) का प्रत्येक अवयव प्रान्त (डोमेन) में एक और केवल एक ही अवयव का प्रतिबिम्ब है ।
F आच्छादकं है ।
अतः दिया हुआ फलन एकँकी तथा आच्छादक है।
(ii) जब प्रान्त (डोमेन) R को वास्तविक संख्याओं के समुच्चय N से बदल दिया जाता है तथा सहप्रान्त (सह- डोमेन) R• ही रहता है। तब
चूँकि प्रान्त (डोमेन) प्राकृत संख्याओं का समुच्चय है और सहप्रान्त (सह डोमेन) ऋणेत्तर वास्तविक संख्याओं का
समुच्चय R• हैं। हम देखते हैं कि 3/4 , 4/5 सहप्रान्त के अवयव हैं, तब
अतः f आच्छादक नहीं है।
इस प्रकार एकैकी है परन्तु आच्छादक नहीं है। अत: प्रान्त (डोमेन) R* को N से बदलने पर परिणाम वही नहीं रहता ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित फलनों की एकैक (Injective) तथा आच्छादी (Surjective) गुणों की जाँच कीजिए:
(i) f(x) = x 2 द्वारा प्रदत्त f : N – N फलन है।
(ii) f(x)=x द्वारा प्रदत्त f : Z – Z फलन है।
(iii) f(x)= x 2 द्वारा प्रदत्त f : R – R फलन है।
(iv) f(x)= द्वारा प्रदत्त f: N – N फलन है।
(v) f(x) = x द्वारा प्रदत्त f : Z – Z फलन है।
हल: (i) f(x) = x2 द्वारा प्रदत्त N – N फलन है।
माना x1, x2 E N तब
अत: फलन एकैकी (injective) है।
[ x 1 = +x 2
x2 को ऋणात्मक नहीं ले सकते हैं, क्योंकि x2 E N}
पुन: f (x) = x2 में x = 1, 2, 3… रखने पर,
अर्थात् सह प्रान्त में ऐसे अवयव हैं जो कि प्रान्त (डोमेन) के किसी अवयव के प्रतिबिम्ब नहीं हैं जैसे कि यदि 5 सह- प्रान्त (सहडोमेन) में है तो S प्रान्त (डोमेन) के किसी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है। इसलिए आच्छादक नहीं है ।
अतः f एकैकी (Injective) है परन्तु आच्छादक (Sur jective) नहीं है।
(ii) f: Z – Z, जबकि f (x) = x 2
यदि x = 1 तो f (1) = 12 = 1
F एकैकी (Injective) नहीं है।
पुन: f (x) = x 2 में, x = 1, 2, 3, 1- 2 रखने पर,
अर्थात् सहप्रान्त (कोडोमेन या सहडोमेन) में ऐसे अवयव हैं जो कि प्रान्त (डोमेन) के किसी भी अवयव के प्रतिबिम्ब नहीं हैं। जैसे 7 सहप्रान्त में है परन्तु यह प्रान्त (डोमेन) के किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
F आच्छादक नहीं है।
अत: f न तो एकैकी (Injective) है और न ही आच्छादक (Surjective) है।
(iii) f (x) = x 2 द्वारा प्रदत्त f: R – R फलन है।
यदि 1 – 1 E R, (डोमेन)
तब (1) = 12 = 1, (- 1) = (- 1)2 = 1
अत: 1 ≠ – 1 = 1, f (1) = f (- 1)
यहाँ डोमेन (प्रान्त) के दो भिन्न-भिन्न अवयवों का
प्रतिबिम्ब एक ही है
अर्थात् 1 का प्रतिबिम्ब 1 है ।
तथा – 1 का भी प्रतिबिम्ब 1 है।
फलन एकैकी (injective) नहीं है।
पुनः हम देखते हैं कि -2. -3 सहप्रान्त ( कोडोमेन) में हैं। परन्तु ये प्रान्त (डोमेन) के किसी भी अवयव के प्रतिबिम्ब नहीं हैं। अतः f आच्छादक (surjective) नहीं है।
f न तो एकैकी (injective) है और न ही आच्छादक (surjective)।
(iv) f(x) = x3 द्वारा प्रदत्त f : N – N फलन है।
यदि x1 , x2 E N (प्रान्त) तब
हम देखते हैं कि यदि दो अवयवों के प्रतिबिम्ब बराबर हैं तो अवयव भी बराबर होंगे।
अतः f एकैकी (injective) है।
पुनः फलन के सह प्रान्त (कोडोमेन) N में ऐसे बहुत से अवयव हैं जो कि प्रान्त (डोमेन) के किसी भी अवयव के प्रतिबिम्ब नहीं हैं।
जैसे कि 2, 3, 4, 5 इत्यादि ।
फलन f का परिसर (Range)
= {1, 8, 27, 64,… N
अर्थात् f (N) N
फलन आच्छादक (surjective) नहीं है।
अतः फलन एकैकी (injective) है, परन्तु आच्छादक (Surjective) नहीं है।
(v) f (x) = x द्वारा प्रदत्त f : Z – Z फलन है।
यदि x1, x2 E Z ( प्रान्त या डोमेन) तब
अतः f का परिसर (Range)
= {…., -64,-27, -8, -1, 0, 1, 8, 27}
अतः f का परिसर (Range)
= {…-64, 27, -8, -1, 0, 1, 8, 27,…} cz
अर्थात् f (Z) CZ (सहप्रान्त या कोडोमेन)
फलन आच्छादक नहीं है।
अतः फलन f एकैकी है परन्तु आच्छादक नहीं है।
प्रश्न 3. सिद्ध कीजिए कि f(x) = [x] द्वारा प्रदत्त महत्तम पूर्णांक फलन f: R – R न तो एकैकी है और न
आच्छादक है, जहाँ [x|x से कम या उसके बराबर महत्तम पूर्णांक को निरूपित करता है। {|x |< x }
हल दिया गया फलन f : R – R तथा f (x) = [x]
यहाँ 1-4 तथा 1.7 दोनों का प्रतिबिम्ब । है ।
F एकैकी नहीं है।
चूँकि f का सहप्रान्त वास्तविक संख्याओं का समुच्चय R है तथा इसमें सभी संख्याएँ पूर्णांक नहीं हैं। परन्तु x e R (डोमेन) का प्रतिविम्ब पूर्णांक है।
. सह प्रान्त ( कोडोमेन) का वह अवयव जो कि पूर्णांक नहीं है, प्रान्त (डोमेन) के किसी भी अवयव का प्रतिविम्ब नहीं है अर्थात्
f(R) CR ( सहप्रान्त )
F आच्छादक नहीं है।
अतः f न तो एकैकी है और न ही आच्छादक।
प्रश्न 4. सिद्ध कीजिए कि f (x) = | x | द्वारा प्रदत्त मापांक फलन f: R – R, न तो एकैकी है और न ही आच्छादक, जहाँ | x | बराबर x, यदि धन या शून्य है तथा | x | बराबर – x, यदि x ऋण है।
हल: यहाँ f : R – R तथा f (x) = x | तब,
f(1) = | 1 | = 1 तथा f (- 1) = |- 1| = 1
यहाँ । 1=-1 = f(1) = f(- 1) = 1
अर्थात् 1 तथा । का प्रतिबिम्ब एक ही है 1 तथा 1 का प्रतिविम्ब । है ।
F एकैकी नहीं है।
f(0) = 0
चूँकि f के सह प्रान्त में ऋणात्मक संख्याएँ भी हैं परन्तु इसकी कोई भी ऋणात्मक संख्या के प्रान्त (डोमेन) के किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
F आच्छादक नहीं है।
अतः फलन न तो एकँकी है और न ही आच्छादक ।
इति सिद्धम् ।
प्रश्न 5. सिद्ध कीजिए कि f: R – R
द्वारा प्रदत्त फलन न तो एकैकी है और न ही आच्छादक है।
हल यहाँ f : R – R तथा
यहाँ f(1) = 1,f (2) = 1, क्योंकि 1 > 0, 2 > 0
1 + 2 = f(1) = f(2)
अर्थात् 1 तथा 2 के प्रतिबिम्ब एक ही हैं।
. फलन एकैकी नहीं है।
चूँकि फलन का सहप्रान्त वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है तथा प्रान्त (डोमेन) के अवयवों का प्रतिबिम्ब
केवल 1.0.1 है। तब
f (R) = { – 1.0,1 R (प्रान्त)
या f का परिसर (-1.0.1) R (प्रान्त)
F आच्छादक नहीं है।
अत: फलन न एकैकी है और न ही आच्छादक।
इति सिद्धम् ।
प्रश्न 6. मान लीजिए कि A = (1, 2, 3), B={4, 5, 6, 7} तथा f = {(1, 4), ( 25 ), ( 3, 6)) 4 से B तक एक फलन है। सिद्ध कीजिए कि f एककी है।
हल प्रश्नानुसार,
A (1, 2, 3), B = {4, 5, 6, 7}
F : A – B इस प्रकार है कि
f {(1, 4), (2, 5), (3, 6))
तब (1) = 4, (2) = 5.(3) = 6
अर्थात् के प्रत्येक अवयव का प्रतिबिम्ब भिन्न-भिन्न
अतः f एकैकी है।
इसे निम्न चित्र द्वारा भी प्रदर्शित किया जा सकता है:
प्रश्न 7. निम्नलिखित में से प्रत्येक स्थिति में बताइए कि क्या दिए हुए फलन एकैकी, आच्छादक अथवा एकैकी आच्छादी (Bijective) हैं। अपने उत्तर का औचित्य भी बताइए ।
है।
(i) f(x) = 3 – 4x द्वारा परिभाषित फलन f: R – R है।
(ii) f(x) = 1 + x2 द्वारा परिभाषित फलन f: R – R है।
हल: (i) यहाँ f: R – R तथा f (x) 3- 4x यदि x1 , x2 E R (प्रान्त या डोमेन) तब,
f (x 1) = f (x2) = 3 – 4×1 = 3 – 4×2
=> – 4 x1 = – 4×2
=> x1 = x2
F एकैकी है।
पुन: यदि सह प्रान्त (कोडोमेन) का कोई स्वेच्छ अवयव y इस प्रकार है कि
f (x) = y
अतः सह प्रान्त का प्रत्येक अवयव प्रान्त (डोमेन) के किसी-न-किसी अवयव का एक प्रतिबिम्ब अवश्य है।
F आच्छादक है।
अतः फलन एकैकी तथा आच्छादक है।
(ii) f: R – R तथा f (x) = 1 + x2
माना x 1 x2 ER (प्रान्त या डोमेन) तब
अर्थात् अवयवों के प्रतिबिम्ब बराबर होने पर भी अवयव बराबर नहीं हैं।
जैसे :
j(1) = 1 + 12 = 2
(-1) = 1 + (-1) 2
=1+1=2
1 = – 1 = f(1) = f(- 1)
एकैकी नहीं है।
फलन के सहप्रान्त में ऋणात्मक संख्याएँ भी हैं जो कि प्रान्त (डोमेन) के किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
F आच्छादक नहीं है।
अतः माना y E R (सह प्रान्त या कोडोमेन) तब
f(x) = y = 1 + x2
X2 = y – 1
अतः f आच्छादक नहीं है।
. फलनन f एकैकी है और न ही आच्छादक
प्रश्न 8. मान लीजिए कि A तथा B दो समुच्चय हैं। सिद्ध कीजिए कि f: A x B – B x A इस प्रकार है कि f(a, b) = (b, a) एक एकैकी आच्छादी (Bijective) फलन है।
हल प्रश्नानुसार,
फलन f एकैकी है।
पुनः माना ( b, a) समुच्चय B x A का एक स्वेच्छ अवयव है तब (b, a) ∈B x A.
= b e B तथा a E A
=> a e A तथा b e B
=> (a, b) e Ax B
f: A × B → B× A आच्छादक है।
अतः दिया गया फलन एकैकी तथा आच्छादक है या फलन एकैको आच्छादी (Bijective) है।
प्रश्न 9. मान लीजिए कि समस्त n E N के लिए,
द्वारा परिभाषित एक फलन f : N – N है । बताइए कि क्या फलन एकैकी आच्छादी (Bijective) है। अपने उत्तर का औचित्य भी बताइए ।
हल: f: N – N तथा
अब n = 1, जब n विषम है।
तथा n = 2, जब n सम है।
अर्थात् दो भिन्न-भिन्न अवयवों के प्रतिबिम्ब एक ही
अतः फलन एकैकी नहीं है अर्थात् बहुएकैकी है।
माना समुच्चय N का कोई स्वेच्छ अवयव n है अर्थात् n E N.
यदि ” विषम है तो (2n – 1) भी विषम होगा,
तथा जब 17 सम है, तो 2n भी सम होगा।
इस प्रकार हम देखते हैं कि ” चाहे सम हो अथवा विषम ।
तब f(N) = N
f आच्छादक है।
अतः दिया हुआ फलन बहुएकैकी आच्छादक है।
प्रश्न 10. मान लीजिए कि A= R {3} तथा B = R – {1} है। f(X) = (x – 2 /x – 3) द्वारा परिभाषित फलन
f: A – B पर विचार कीजिए । क्या f एकैकी तथा आच्छादक है। अपने उत्तर का औचित्य भी बताइए ।
हल प्रश्नानुसार, A = R (3) तथा B = R – {1} और f:A – B, तब
फलन एकैकी (one-one) है।
पुनः माना y e B कोई स्वेच्छ अवयव इस प्रकार है कि
y = f(x)
स्पष्टतः y = 1 के लिए परिभाषित है।
फलन f आच्छादक ( onto ) है।
अतः दिया गया फलन एकैकी आच्छादक (one-one onto ) है।
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