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संवाद कौमुदी के लेखक कौन है , संवाद कौमुदी का प्रकाशन किस भाषा में हुआ , किसने किया था

जानिये संवाद कौमुदी के लेखक कौन है , संवाद कौमुदी का प्रकाशन किस भाषा में हुआ , किसने किया था ?

प्रश्न: भारत में राष्ट्रीय पत्रकारिता का जनक किसे कहा जाता है? उसके प्रमुख पत्रों के नाम बताइए?
राममोहन राय को ष्भारत में राष्ट्रीय पत्रकारिता का जनकष् कहा जाता है। पत्रकारिता का उद्देश्य था राष्ट्रीय पुनर्जागरण। सर्वप्रथम साधान प्रेस को अपनाया। संवाद कौमुदी बंगला भाषा में तथा मिरात-उल-अखबार फारसी में निकाला। 1823 में प्रेस प्रतिबंध के विरुद्ध हाइकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट गए। सपरिषद सम्राट के पास लन्दन गए लेकिन असफल रहे।
प्रसिद्ध पत्रिकाएं
ऽ संवाद कौमुदी (बंगाली 1821) संवाद कौमुदी अथवा प्रज्ञाचांद शायद भारतीयों द्वारा सम्पादित, प्रकाशित तथा संचालित प्रथम भारतीय
समाचार पत्र था।
ऽ मिरात-उल-अखबार (फारसी)
ऽ क्रॉनिकल मैग्जीन (अंग्रेजी)

चार्टिस्ट मूवमेन्ट (चार्टिस्ट आन्दोलन)
1837-48 ई. में इंग्लैण्ड के श्रमिकों द्वारा राजनीतिक अधिकारों के लिए किया गया आन्दोलन, जिसके द्वारा वे अपनी सामाजिक
एवं आर्थिक दशा सुधारना चाहते थे। इस आन्दोलन को पीपुल्स चार्टर भी कहा जाता है।
कॉमर्शियल रेवोल्युशन (वाणिज्यिक क्रांति)
यूरोप के व्यावसायिक जीवन में परिवर्तन, जो समुद्र पर के उपनिवेशों के साथ व्यापार बढ़ने से हुए। इस क्रांति के फलस्वरूप
व्यवसाय के नए तरीके लागू हुए, कीमतों में बढ़ोतरी हुई और आधुनिक पूँजीवाद में वृद्धि हुई।
कोल्ड वार (शीत युद्ध)
तात्कालीन सोवियत संघ के नेतृत्व में साम्यवादी खेमे (वारसा संधि) और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के नेतृत्व में पूंजीवादी खेमे
(नाटो) के बीच शक्ति के लिए संघर्ष जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद चला।
जारिज्म (जारशाही)
जार शासन के अधीन रूस की निरंकुश सरकार। जार का समर्थन या उसके प्रति निष्ठा या स्वेच्छाचारी सरकार के प्रति निष्ठा।
एनलाइटनमेंट (ज्ञानोदय)
17वीं शताब्दी के अंतिम दशकों और 18वीं शताब्दी में यूरोप में चला बौद्धिक आन्दोलन जिसमें परम्पराओं की बजाय तुर्कबुद्धि
तथा व्यक्तिवाद पर जोर दिया गया था।
एन्क्लोजर मूवमेन्ट (बाड़बन्दी आन्दोलन)
मध्ययुगीन इंग्लैण्ड में भूमि को बाड़बन्दी की बंदिशों से आजाद कराने का आन्दोलन। सार्वजनिक भूमि पर सहकारी पद्धति से खेती होती थी। खेती त्रिक्षेत्र व्यवस्था के अनुसार की जाती थी। एक खेत में जौ, दूसरे में जई, तो तीसरा खेत खाली रखा जाता था। चारगाह क्षेत्र बाडे से घिरा रहता था। 1760 ई. से 1800 ई. तक अनेक अधिनियमों द्वारा भूमि को बाड़बन्दी से मुक्त कराया
गया। इससे कृषि में बड़ा परिवर्तन आया और यन्त्रों का प्रयोग सम्भव हो पाया।
यूरोपीयन इकोनोमी कम्युनिटी (यूरोपीय आर्थिक समुदाय)
ई.ई.सी. पश्चिमी यूरोप के देशों का एक आर्थिक संगठन था जो रोम की संधि (1957 ई.) द्वारा स्थापित किया गया।
फ्यूडलिज्म (सामन्तवाद, सामन्तशाही)
मध्ययुगीन आर्थिक, राजनीतिक तथा सामाजिक व्यवस्था, जिसके अन्तर्गत अधिकांश अधिकार बड़े-बड़े सामन्तों या सरदारों के पास
थे। सामन्ती भू-व्यवस्था के अन्तर्गत कृषिदासों को भूमि जोतने के लिए ने केवल शुल्क देना पड़ता था बल्कि बेगार भी करनी . होनी थी। यह व्यवस्था राजा और सामन्तों के पारस्परिक सम्बन्धों को भी नियंत्रित करती थी।
ग्लासनोस्त (खुलापन)
सोवियत संघ के नेता मिखाइल ग्रोबोचेव द्वारा 1980 के दशक में प्रारम्भ की गई खुलेपन की महत्त्वपूर्ण नीतिय इसका उद्देश्य
आर्थिक विकास को बढ़ावा देना था।
फासिज्म (फासीवाद)
मुसोलिनी के नेतृत्व में मार्च 1919 ई. में मिलान में श्फासियो द कम्बेटीमेन्टोश् नाम से इटली में घटित आन्दोलन। फासीवाद
सामान्यतः मुसोलिनी के शासन के लिए प्रयुक्त होता है।
हेनरी श्द नेवीगेटरश् (1349-1460 ई.)
प्रसिद्ध आविष्कारक व पुर्तगाली शासक। हेनरी की देखरेख में कई द्वीपों की खोज की गयी, जिनका पन्द्रहवीं शताब्दी की खोजों
में महत्त्वपूर्ण स्थान है।
हयूगनोट्स (फ्रांसीसी प्रोटेस्टेन्ट)
सोलहवीं तथा सत्रहवीं शताब्दियों में फ्रांस के प्रोटेस्टेन्ट धर्मानुयायियों की एक शाखा, जो काल्विनवाद में आस्था रखते थे।
ह्यूमेनिज्म (मानववाद)
वह जीवन दर्शन, जिसमें मनुष्य और उसके लौकिक जीवन को विशेष महत्व दिया जाता है।
इम्पीरियलिज्म (साम्राज्यवाद)
किसी सम्राट या राज्य के शासन तथा अधिकार को विदेशी क्षेत्रों या राज्यों में फैलाने तथा उसे सदढ बनाने की रीति-नीति। उपनिवेशों तथा आश्रित राज्यों की विस्तार नीति। उन्नीसवीं शताब्दी ईसवी में अनेक यूरोपीय देशों ने कच्चे माल की प्राप्ति एवं निर्मित माल के बाजार के लिए दूसरे देशों पर अधिकार करने की नीति को तीव्रता से अपनाया था।

इण्डस्ट्रियल रिवोल्यूशन (औद्योगिक क्रांति)
ब्रिटेन और बाद में यूरोप में व्यापक परिवर्तन लाने वाला उद्योग चक्र। सन् 1760-1830 ई. के बीच हुई तीव्र औद्योगिक प्रगति के फलस्वरूप सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक तथा वैचारिक क्षेत्र में इतने क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए कि उनका प्रभाव इंग्लैण्ड तक ही सीमित न रहकर यूरोप के अन्य देशों पर भी पड़ा। परिणामस्वरूप विश्व में नये युग का सूत्रपात हुआ। 1882 ई. में अर्नाल्ड टॉयनबी ने इसे श्औद्योगिक क्रान्तिश् की संज्ञा प्रदान की।
आइरन करटेन (लौह-पट, दुर्भेद्य आवरण)
राजनीतिक, सैनिक तथा बौद्धिक रूप से किसी क्षेत्र को, अन्य क्षेत्रों से अलग रखने की निषेधात्मक व्यवस्था। सोवियत रूस तथा उससे प्रभावित देशों में, पश्चिमी और पूँजीवादी देशों के मध्य समाचारों के आदान-प्रदान सम्बन्धी क्रिया-कलापों का निषेध। 1946 ई. में सर्वप्रथम ब्रिटिश प्रधानमंत्री विन्सटन चर्चिल ने इस शब्द का प्रयोग किया।
कॉमिंतांग
राजनीतिक लोकतंत्र और सामाजवाद की स्थापना के लिए मुख्य रूप से सनयात सेन द्वारा संगठित, चीन का क्रान्तिकारी तथा राष्टवादी दल। इसकी स्थापना 1895 ई. में हुई। 1926-27 ई. के लगभग सम्पूर्ण चीन पर इसका अधिकार था। 1925 ई. के बाद च्यांग काइ शेक के हाथ में इसकी बागडोर आ गयी किन्तु 1949 ई. कॉमितांग चीन की मुख्य भूमि से हटकर ताइवान तक सीमित हो गया।
मैकियावेलिन पोलिसी (मैकियावली नीति)
अपनी राजसत्ता को किसी भी प्रकार स्थापित करने या बनाये रखने के लिए किसी भी ऐसे साधन को अपनाने की नीति, जो भले ही विधि विरुद्ध क्यों न हो। इस नीति का प्रतिपादन फ्लोरेन्स राजनीति-मर्मज्ञ निकोलो मैकियावली (1469-1527 ई) ने अपनी पुस्तक श्द प्रिन्सश् में किया।
मिडिल ईस्ट (मध्यपूर्व, पश्चिम एशिया)
सितम्बर 1902 ई. में कप्तान अल्फ्रेड टी. मेहन द्वारा फारस की खाड़ी के निकटवर्ती अनिश्चित क्षेत्रों के लिए यह शब्द प्रयोग किया गया।
नाजी (नात्सी)
जर्मनी के राष्ट्रीय समाजवादी जर्मनी कामगार दल का सदस्य। 1919 ई. में हिटलर इस दल का सदस्य बना 1933 ई. में इस दल के नेतृत्व में हिटलर ने जर्मनी की सत्ता पर अधिकार कर लिया था। नाजी सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक इत्यादि सभी क्षेत्रों में छा गये और हिटलर (फ्यूहरर) नेता के रूप में पूजा जाने लगा था। नाजियों का जर्मन जाति की श्रेष्ठता मे अंधविश्वास था। नाजी यहूदियों के घोर विरोधी थे।
नाजिज्म (नाजीवाद, नात्सीवाद)
1933 ई. से 1945 ई. के मध्य जर्मनी में प्रभावी विचारधारा, जिसके अन्तर्गत हिटलर के नेतृत्व में ऐसे विचारों, व्यवहारों, राजनीतिक कार्य-कलापों को व्यवहार में लाया गया, जिनसे श्जर्मन राष्ट्र की सर्वोच्चताश् एवं श्जर्मन प्रजाति की श्रेष्ठताश् को भावना ने जन्म लिया। हिटलर के तानाशही शासन के लिए प्रयुक्त शब्द।
नियर ईस्ट (निकट पूर्व)
1890 ई. में पहली बार प्रयुक्त इस शब्द-युग्म की संकल्पना के अन्तर्गत तुर्की (ऑटोमन) साम्राज्य तथा यूरोप के दक्षिणपूर्वी भाग सम्मिलित थे। इसमें किसी प्रदेश विशेष को न लेकर भूमध्य सागर के पूर्वी छोर पर स्थित तथा निकटवर्ती प्रायः सभी देश शामिल हैं।
नान-अलाइनमेंट (गुट निरपेक्षता).
शक्ति गुटों से दूर रहने की नीति। सैनिक गुटों से अपने आपको अलग रखने का किसी देश के द्वारा किया गया प्रयत्न। यह सिद्धान्त मूलतः साम्यवादी एवं पश्चिमी गुटों से बराबरी दूरी रखने का सिद्धान्त है परन्तु शायद ही इसके सदस्य राष्ट्रों ने इसका अक्षरशः पालन किया हो।
पेपेसी (पोपतंत्र)
रोमन कैथोलिक चर्च की प्रशासकीय व्यवस्था, जिसमे पोप सर्वोच्च धर्माधिकारी है।
पेपल स्टेट (पोप राज्य)
मध्य इटली स्थित रोमाना, मारशिज, एम्ब्रिया तथा लेटियम का वृहत् क्षेत्र जिस पर 775 ई. लेकर 1870 ई. तक पोप का आधिपत्य बना रहा। 1860 ई. मे विक्टर इमैन्युअल द्वितीय (1820-1878 ई.) ने इसके अधिकांश क्षेत्र को जीत लिया और 1870 ई. में रोम और उसके आसपास के क्षेत्र भी इटली साम्राज्य के अंतर्गत शामिल कर लिए गए।
प्रेसबिटेरियन्स
1563 ई. में इंग्लैण्ड के राष्ट्रीय चर्च की स्थापना से असंतुष्ट ईसाई अनुयायियों में से कुछ ने एक नये दल प्रेसबिटेरियन की स्थापना की। इनकी माँग थी कि इंग्लैण्ड चर्च के प्रबंधन की व्यवस्था बुजुर्गों (प्रेसबिटर्स) के हाथों में हों। लेकिन शासन की दमन नीति के कारण यह दल पनप नहीं सका।
प्रोटेस्टेन्ट
1529 ई. की स्पीयर सभा के निर्णय का विरोध करने वाले लथरवादी। इस सभा के निर्णयों का औपचारिक प्रतिरोध-पत्र
(प्रोटेस्ट) 19 अप्रैल, 1529 ई. को प्रकाशित किया गया था, तभी से सभी लूथरवादी श्प्रोटेस्टेन्टश् कहलाये।
पेरेस्त्रोइका (पुनर्निर्माण)
सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव द्वारा 1980 के दशक के मध्य में ग्लासनोस्त की नीति के साथ विकसित की गई पुनर्निर्माण की नीति।
प्यपिल्स चार्टर (लोक माँग-पत्र)
1838 ई. से 1848 ई. के बीच अंग्रेजी कामगारों द्वारा राजनीतिक अधिकारों और आर्थिक लाभ के लिए चलाया गया असफल आन्दोलन।
प्यूरिटन
महारानी एलिजाबेथ (1558-1603 ई.) के राज्य काल में प्रोटेस्टेन्टों द्वारा इंग्लैण्ड चर्च के अन्तर्गत संगठित शाखा, जो धार्मिक पूजा-विधि एवं सिद्धान्तों में सुधार लाना चाहते थे।
रिफार्मेशन (धर्म सुधार आन्दोलन)
सोलहवीं शताब्दी में यूरोप में रोमन कैथोलिक चर्च के विरुद्ध प्रतिक्रियात्मक उग्र धार्मिक आन्दोलन।
थर्ड राइख
1933 ई. से 1945 ई. तक के काल की सरकार के लिए नाजियों द्वारा सम्बोधित जर्मन नाम। प्रथम विश्व युद्ध के बाद एक – राष्ट्रवादी लेखक मोएलर वान डर ब्रक ने श्थर्ड राइखश् नाम से पुस्तक लिखी, जिसमें तीसरे जर्मन साम्राज्य की कल्पना की गयी । जिसको 1933 ई. में नाजियों ने नाजी सरकार कायम कर साकार किया।
ट्रिपल अलायंस (त्रिराष्ट्रीय (मैत्री) गुट, त्रिपक्षीय संधि)
1882-83 ई. में रूस और फ्रांस के विरुद्ध जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली की रक्षात्मक मैत्री संधि।
ट्रिपल एन्तान्त (त्रिराष्ट्र सोहार्द) .
त्रिराए गुट (1882-1915 ई.) के विरुद्ध 1907 ई. में ब्रिटेन, फ्रांस तथा रूस के बीच त्रिराष्ट्रीय सौहार्द्र संधि हुई, जिसका उद्देश्य यूरोप में शक्ति-संतुलन बनाये रखना था।
टूमैन का सिद्धान्त
यह सिद्धान्त कि संयुक्त राज्य अमेरिका उन देशों या लोगों को समर्थन या सहायता दे, जिन्हें सोवियत सेनाओं या साम्यवादी विद्रोह का खतरा है। इस सिद्धान्त को सर्वप्रथम 1947 में अमेरिकी राष्ट्रपति एच. टूमैन द्वारा अभिव्यक्त किया गया था।
तुष्टिकरण नीति
उदारवादी नीति जिसमें आक्रामक कार्यवाही न की जा सके।
यूटोपिया (काल्पनिक राज्य)
1516 ई. में सर टॉमस मूर द्वारा लिखित श्यूटोपियाश् में उल्लिखित काल्पनिक द्वीप, जिसकी राजनीतिक एवं सामाजिक व्यवस्था आदर्श थी और सभी दृष्टियों से पूर्ण थी। इस संकल्पना का भारतीय रूप श्राम राज्यश् है।
वालस्ट्रीट क्रैश (वालस्ट्रीट ध्वंस)
24 अक्टूबर, 1929 को वालस्ट्रीट शेयर बाजार में आयी तीव्र मंदी, जिसमें एक ही दिन में 130 लाख शेयर बदल दिये गये और ऋऋ160 लाख शेयर बेच दिये गये। इससे विश्वव्यापी आर्थिक मंदी छा गयी। बैंक दिवालिये हो गये और अराजकता फैल गयी।
व्हाइट मैन्स बर्डन (श्वेत जाति का दायित्व, श्वेत जाति का भार)
वह स्व-आरोपित तथाकथित नैतिक दायित्व की नीति, जिसके अन्तर्गत यूरोपीय जातियों के कुछ निवासी अपना कर्त्तव्य मानते रहे कि अधीनस्थ उपनिवेशों के अश्वेत निवासियों का दायित्व उनके कंधों पर है। 1899 ई. में रूडयार्ड किपलिंग (1865-1936 ई.) द्वारा लिखित एक कविता में, श्वेत जाति के दायित्व का उल्लेख था, आगे चलकर व्यंग्यात्मक रूप में उपयोग किया जाने लगा था।
यलो मैन (पीत या पीली जाति)
पीली त्वचा या पीले रंग वाले मंगोल, चीनी और जापानी मूल के लोग।
यलो पेरिल (पीला आतंक, पीत भीति)
श्वेत जाति के लोगों पर पीली जातियों विशेषतया चीनियों तथा जापानियों के छा जाने का तथाकथित भय।
यलो प्रेस (सनसनीखेज समाचार-पत्र, पीत-पत्रकारिता)
1898 ई. में हुए स्पेन-अमेरिकी युद्ध के समय युद्ध की आग में घी डालने वाले उन अमेरिकी अखबारों को दिया गया नाम, जो अमेरिकी लोगों में उत्तेजना पैदा करने के आशय से मनगढन्त और सनसनीखेज खबरें छापते थे।
यंग टक्स (युवा तुर्क, यंग टर्क)
तर्की के सुधारवादी तथा राष्ट्रवादी दल के सदस्य। यह 1908-1918 ई. तक तुर्की का प्रमुख एवं प्रभावशाली राजनीतिक दला बना रहा। उस राजनीतिक दल के युवा सदस्य, जो अपने दल की रीति-नीति से देश के जीवन को नया रंगरूप और नवजीवन देकर शीघ्र प्रगति प्राप्त करने के इच्छुक है, यंग टर्क कहलाते हैं।
आइरन क्रॉस
सनाने जर्मनी की सेना में वीरता का प्रदर्शन किया। अतः उसे वह जर्मनी का सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान किया गया।