मीनार किसे कहते हैं , मीनार का अर्थ क्या है परिभाषा लिखिए minaret definition in hindi meaning
what is minaret definition in hindi meaning मीनार किसे कहते हैं , मीनार का अर्थ क्या है परिभाषा लिखिए ?
प्रश्न : मीनार क्या होती है ?
उत्तर: इसे मुस्लिम वास्तु का एक अन्य महत्वपूर्ण अंग कहा जा सकता है। ऊँचा चबूतरा, विशाल गुम्बदयुक्त प्रार्थना स्थल का एक आवश्यक अंग
होता है। इसी उन्नत चबूतरे से प्रतिदिन पांच बार प्रार्थना के लिए आह्वान किया जाता है। यह ऊँचा स्थान ही ऊपर चलकर मीनार का
रूप ग्रहण कर लेता है। दिल्ली की कुतुब मस्जिद से जुड़ी कुतुबमीनार भारत की ही नहीं विश्व की अपने ढंग की अनोखी वास्तु रचना है।
प्रश्न: एलोरा की विभिन्न सांस्कृतिक धाराओं के विलक्षण केन्द्र के रूप में समीक्षा कीजिए।
उत्तर: प्राचीन भारतीय इतिहास की चित्रकला एवं मूर्तिकला के क्षेत्र में एलोरा का विशेष महत्त्व है। एलोरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले से 25 किमी
पश्चिमोत्तर में स्थित है। यह क्षेत्र छठी शताब्दी से दसवीं शताब्दी के मध्य बने 34 शैलकृत गुफा मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध है।
एलोरा के गुफा मन्दिरों का निर्माण चालुक्यों एवं राष्ट्रकूटों द्वारा करवाया गया था। चूँकि ये शासक तथा ये वंश धार्मिक सहिष्णुता के पोषक थे इसलिए उन्होंने ब्राह्मण, बौद्ध एवं जैन मतों से संबंधित मूर्तियों का निर्माण करवाया। यही पर गुप्त शासकों द्वारा भी गुफाओं का निर्माण करवाया गया।
ब्राह्मण धर्म से संबंधित अनेक गुफाओं में वराह की मूर्ति, विष्णु का शेषनाग पर शयन, नृसिंह आदि देवी-देवताओं की मूर्तियाँ विभिन्न रूपों में बनाई गई हैं।
शैव धर्म से संबंधित मूर्तियों एवं गुफाओं में लकुलीश, हरिहर, अर्द्ध-नारीश्वर, शिवलिंग आदि का निर्माण हुआ है। गुफाओ में बौद्ध धर्म से संबंधित मूर्तियों एवं बुद्ध से संबंधित मूर्तियां बनी है जिनमें ध्यानी बुद्ध, अवलोकितेश्वर आदि हैं।
यहां पर 900 ई.पू. में जैनियों का प्रभाव दिखाई देता है। जैनियों से संबंधित एक गुफा को श्इन्द्रसभाश् कहा जाता है। इसके अलावा यहां अनेक तीर्थंकरों, ऋषभदेव, महावीर स्वामी आदि से संबंधित मूर्तियों का निर्माण किया गया था।
इन गुफाओं तथा मूर्तियों में सजीवता का दर्शन होता है। उनमें जीवन्तता प्रतीत होती है। इससे निर्माणकर्ताओं की दक्षता की पता चलता है। यहां निर्मित गुफाओं एवं मूर्तियों पर विशुद्ध भारतीय प्रभाव दिखाई देता है तथा निरूपण, रंग-योजन संयोजन आदि पूर्णरूपेण स्वदेशी थे। ऐलोरा विभिन्न सांस्कृतिक धाराओं का केन्द्र था क्योंकि यहां ब्राह्मण, बौद्ध, जैन आदि सभी धर्मों की संस्कृतियाँ एक-सा फली-फूली। इसलिए भारतीय इतिहास में यह एक विशिष्ट कला केन्द्र के रूप में विख्यात हुआ। इस केन्द्र न संस्कृतियों का समन्वय करके विभिन्नता में एकता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।
मध्यकालीन भारतीय वास्तुकला
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न: हैदराबाद की चारमीनार
उत्तर: हैदराबाद की चारमीनार है जिसका निर्माण 1591 ई. में हुआ। यह वर्गाकार है और इसकी प्रत्येक भुजा 100 फुट लंबी और 186 फुट ऊँची है।
प्रश्न: गोलकुण्डा के संबंध में लिखिए।
उत्तर: गोलकुण्डा किला 13वीं शताब्दी में काकतीय वंश के शासकों ने हैदराबाद के पास इसका निर्माण कराया।
प्रश्न: गोल गुम्बद
उत्तर: बीजापुर की सबसे अधिक प्रसिद्ध इमारत मोहम्मद आदिलशाह (1627-57) का मकबरा है, जिसे श्गोल-गुम्बदश् कहते हैं। इस इमारत की गिनती भारत की सबसे विशाल और भव्य इमारतों में होती है।
प्रश्न: भारत की सर्वाधिक विशाल मस्जिद कौनसी है और उसका निर्माण किसने किया था?
उत्तर: दिल्ली की जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है। इसमें शाहजहानी शैली में फूलदार अलंकरण की मेहराबे बनी हैं। इसका निर्माण शाहजहाँ ने 1638 में दिल्ली लाल किले के पास करवाया। इसकी मुख्य विशेषता इसके विशाल द्वार, ऊंची मीनारें व गुम्बद हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न: मस्जिद
उत्तर: मुसलमानों के सामूहिक प्रार्थना स्थल को मस्जिद कहते हैं। इस इमारत में आयताकार खुला आंगन होता है जिसके चारों ओर अथवा किसी भी ओर स्तम्भित बरामदा होता है। आंगन के केन्द्र में जल-कुण्ड होता है जहां पर हाथ-पैर धोये जाते हैं। भारत में इन मस्जिदों के पश्चिमी ओर के बरामदों को अधिक विकसित किया गया है। इसी के पीछे की दीवारों में मेहराब बनाये जाते हैं, जो दिशा-निर्देशन का कार्य भी करते हैं।
प्रश्न: जमात खाना मस्जिद
उत्तर: श्जमात खाना मस्जिदश् लाल पत्थर की बनी हुई है, जो आयताकार भवन है। इस इमारत में बड़े सुन्दर पद्मकोश, आमलक और कलश जैसे
विशिष्ट हिन्दू तत्व भी शामिल हैं और अल्लाई दरवाजे जैसे ही पत्थर में खुदाई का काम भी किया गया है सुरुचिपूर्ण और अत्यन्त अलंकृत
इस मस्जिद से हिन्दू-मुस्लिम मिली-जुली संस्कृति का परिचय मिलता है।
प्रश्न: शेरशाह का मकबरा
उत्तर: बिहार में सहसराम में स्थित शेरशाह का मकबरा झील के अंदर एक ऊंचे टीले पर निर्मित हिन्दू-मुस्लिम वास्तुकला की एक सन्दर इमारत है। इसके विशाल गुम्बद पर अत्यन्त आकर्षक पद्मकोश, आमलक और कलश बनाया गया है। इसकी रचना भारतीय परम्परागत क्षैतिज है। यह मकबरा ताजमहल से पहले के बने सुन्दर मकबरों में से है जो हिन्दू-मुस्लिम भारतीय शैली के मिश्रित स्वरूप को उजागर करता है।
प्रश्न: मेहराब
उत्तर: इसे भी भारतीय मस्लिम वास्तु का एक अभिन्न अंग कहा जा सकता है। मस्जिद, मकबरे जैसे धार्मिक स्थलों की ही भांति आगरा. फतेहपर
सीकरी तथा दिल्ली में निर्मित दुर्ग-प्रासादों और आवासीय भवनों में सर्वत्र श्मेहराबोंश् को आवश्यक रूप से बनाया गया है। रिक्त स्थानों को
भरने व छत को आधार प्रदान करने के लिए ही मेहराबों का प्रयोग किया जाता था। प्रारंभिक काल के कुछ मुस्लिम भवनों में प्रयुक्त मेहराबों
को प्राचीन बौद्ध चैत्यों के गवाक्षों की परम्परा में रखा जा सकता है। सल्तनत युग में बनी ये मेहराब सादी हैं जबकि धीरे-धीरे आगे के कालों में इनमें विकास तथा मुगलकाल के समय विभिन्न प्रकार के सुन्दर व विभिन्न डिजाइन युक्त मेहराबों का निर्माण किया गया।
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