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भारत में आधुनिक शिक्षा का जन्मदाता किसे कहा है , ऑब्जर्वेशन ऑन दी स्टेट ऑफ सोसायटी अमंग दि एशियाटिक सब्जेक्ट्स ऑफ ग्रेट ब्रिटेन

प्रश्न : भारत में आधुनिक शिक्षा का जन्मदाता किसे कहा है?
उत्तर : 1792 में चार्ल्स ग्रांट ने ऑब्जर्वेशन ऑन दी स्टेट ऑफ सोसायटी अमंग दि एशियाटिक सब्जेक्ट्स ऑफ ग्रेट ब्रिटेन (ग्रेट ब्रिटेन की एशियाई प्रजा की सामाजिक स्थिति : एक टिप्पणी) नामक पुस्तिक लिखी। उसने भारतीयों को नैतिक दृष्टि से पतित बताया। अतरू उसने भारतीयों को शिक्षित करने और ईसाई बनाने का समर्थन किया। शिक्षा प्रचार के लिए ग्रांट ने अंग्रेजी भाषा को उपयुक्त माध्यम बताया। भारतीयों को अंग्रेजी साहित्य, दर्शन और धर्म की शिक्षा देनी चाहिए। वस्तुतः अंग्रेजी शिक्षा की अग्रिम रूपरेखा का निर्माण ग्रांट ने ही किया, अतः उसे भारत में आधुनिक शिक्षा का जन्मदाता कहा जाता है।
प्रश्न : मूल शिक्षा की वर्धा योजना
उत्तररू 1937 ई. में गाँधीजी ने अपने पत्र हरिजन में शिक्षा पर लेख प्रकाशित किए और अक्टूबर, 1937 ई. में अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन में
उन्होंने बुनियादी शिक्षा (Basic Education) की वर्धा योजना प्रस्तुत की। इसके लिए जाकिर हुसैन समिति बनाई गई। वर्धा योजना का मूलभूत सिद्धांत यह था कि बच्चों को सात साल तक मातृभाषा में निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा दी जाये तथा उन्हें हस्त उत्पादक कार्य करने चाहिए व व्यावसायिक शिक्षा दी जानी चाहिए। द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू होने के कारण वर्धा योजना लागू नहीं हो सकी।
प्रश्न : ब्रिटिश कालीन भारत में लोक सेवा पर गठित किये विभिन्न आयोगों एवं उनकी सिफारिशों के बारे में बताइए ? जो वर्तमान भारतीय लोक सेवा का आधार बनी ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : ब्रिटिश कालीन भारत में लोक सेवा पर निम्नलिखित आयोग गठित किये गये एचिसन आयोग (1826) रू लोक सेवा पर पहली बार एचिसन आयोग 1826 में नियुक्त किया। आयोग की प्रमुख सिफारिशें निम्न थी। प्रसविंदा तथा अप्रविदा के अंतर को मिटाकर लोक सेवा की 3 श्रेणियों होनी चाहिए।
1. भारतीय नागरिक सेवा। …
2. प्रांतीय सेवा।
3. अधीनस्थ सेवा।
आईसीएस में प्रवेश की अधिकतम आयु 23 वर्ष होनी चाहिए। भारत और ब्रिटेन में परिक्षाएं अलग-अलग हों।
इलिंग्टन आयोग – 1912 रू 1912 में लाक सेवा पर इलिंग्टन आयोग बिठाया गया। आयोग की प्रमुख सिफारिशें निम्न थी।
1. परिक्षाएं दोनों जगह एक साथ ली जानी चाहिए।
2. यूरोपीय एवं मुसलमानों को आरक्षण देना चाहिए।
3. इसे साथ ही सिविल सेवा की परिक्षाएं भारत में लेने की पद्धति शुरू की गई। 1922 में इलाहाबाद में इस प्रकार की परीक्षा का प्रथम प्रबंध किया गया। ला आयोग – 1923 ली आयोग का संबंध उच्चतर लोक सेवा से था। इसने लोक सेवा आयोग की स्थापना की संस्तति की। लोक सेवाओं को 3 वर्गों में विभाजित किया गया।
1. प्रशासन के सुरक्षित मांग से संबंधित सेवाएं।

प्रश्न : आधुनिक शिक्षा की प्रगति में हंटर कमीशन की क्या सिफारिशें थी? बताइए।
उत्तररू 1882 ई. में रिपन के काल में ॅण्ॅण् भ्नदजमत की अध्यक्षता में एक आयोग शिक्षा के क्षेत्र में 1854 ई. के बाद हुई प्रगति की समीक्षा करने के लिए नियुक्त किया गया।
प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा इसका सुझाव क्षेत्र रखा गया। महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई। इसके प्रमुख सुझाव थे –
1. प्राथमिक शिक्षा पर विशेष ध्यान तथा यह शिक्षा स्थानीय भाषा व उपयोगी विषयों में हो। प्राथमिक स्कूलों नियंत्रण जिला और नगर
बोड़ों को दिया जाये।
1. माध्यमिक शिक्षा के दो खण्ड हो। एक में साहित्यिक शिक्षा हो जो विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा के लिए विद्यार्थी तैयार करे। दूसरी में व्यावसायिक व व्यापारिक जीवन की शिक्षा दी जाये।
2. शिक्षा के क्षेत्र में निजी प्रयत्नों को बढ़ाना तथा सरकार को माध्यमिक व कॉलेज शिक्षा से हट जाना चाहिए।
3. आयोग ने प्रेसीडेन्सी नगरों के अलावा अन्य स्थानों पर महिला शिक्षा के पर्याप्त प्रबंध न होने पर खेद प्रकट किया और बढ़ावा देने को कहा।
4. इस आयोग के सुझावों पर प्रान्तीय सरकारों ने कार्य किया और अगले 20 वर्षों में माध्यमिक और कॉलेज शिक्षा का अभूतपूर्व विस्तार हुआ।
5. 1882 ई. में पंजाब और 1887 ई. में इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्थापित किए गये।