फलक किसे कहते हैं | फलक की परिभाषा क्या है रसायन विज्ञान का अर्थ इन हिंदी और in english meaning
know फलक किसे कहते हैं | फलक की परिभाषा क्या है रसायन विज्ञान का अर्थ इन हिंदी और in english meaning ?
फलक परिभाषा : आगे पढेंगे तो आप फलक शब्द पाएंगे जिसे रसायन विज्ञान में face कहते है | इसको पृष्ठ सतह कहा जा सकता है जैसे मान लीजिये की आपके पास एक घन है इसमें छ: सतह होती है तो इसे हम केमिस्ट्री की भाषा में कहेंगे की इसमें छ: फलक है | अत: इसका सीधा सा अभिप्राय है सतह , किसी भी आकृति की सतहों को उसकी फलक कहते है |
केंद्र की परिभाषा : किसी आकृति का मध्य के बिंदु उसका केंद्र कहा जा सकता है | यह आकृति के एकदम मध्य में स्थित होना आवश्यक है उसी अवस्था में इसको केंद्र कहा जा सकेगा |
क्रिस्टल जालक (crystal lattice) : क्रिस्टलीय ठोसों में अवयवी कण , तीनों विमाओं में एक नियमित तथा निश्चित ज्यामिति में व्यवस्थित होते है। अवयवी कणों की इस त्रिविमीय व्यवस्था को क्रिस्टल जालक कहते है।
दूसरे शब्दों में त्रिविम आकाश में किसी क्रिस्टल की इकाइयों की नियमित व्यवस्था को त्रिविमीय जालक या क्रिस्टल जालक कहते है।
क्रिस्टल जालक के आरेख में अवयवी कणों (परमाणु , अणु या आयन) को बिंदु द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इन बिन्दुओं को सरल रेखाओं द्वारा जोड़ने पर क्रिस्टल जालक का आरेख बनता है। इन बिन्दुओं को जालक बिन्दु (crystal point) कहते है। इस प्रकार का एक क्रिस्टल जालक चित्र में दिखाया गया है।
एक क्रिस्टल जालक में –
- प्रत्येक अवयवी कण एक बिंदु द्वारा दर्शाया जाता है , जिसे जालक बिंदु अथवा जालक स्थल कहते है।
- क्रिस्टलीय ठोसों के संघटन के आधार पर अवयवी कण परमाणु आयन या अणु हो सकते है।
- जालक बिन्दुओं को सीधी रेखाओं द्वारा जोड़ा जाता है जिससे जालक की ज्यामिति व्यक्त की जा सके।
- क्रिस्टल जालक में बने तल क्रिस्टल तल (crystal plane) कहलाते है।
एकक कोष्ठिका (unit cell)
क्रिस्टल जालक का वह छोटा से छोटा भाग जो सम्पूर्ण क्रिस्टल का प्रतिबिम्ब हो एकक कोष्ठिका अथवा इकाई सेल कहलाता है।
अर्थात सम्पूर्ण क्रिस्टल संरचना में वह छोटी से छोटी इकाई जो सभी दिशाओं में समान रूप से बार बार दोहराने पर पुनः क्रिस्टल संरचना का निर्माण करती है। एकक कोष्ठिका अथवा इकाई सेल कहलाती है। चित्र में एकक कोष्ठिका को गहरी रेखाओं द्वारा दर्शाया गया है।
एकक कोष्ठिका के पैरामीटर (parameters of a unit cell)
एकक कोष्ठिका को दर्शाने के लिए कुछ पैरामीटर की आवश्यकता होती है। ये पैरामीटर उस एकक कोष्ठिका के अभिलाक्षणिक गुण होते है। ये पैरामीटर एकक कोष्ठिका के तीनों किनारों की लम्बाई (अक्षीय दूरी) तथा अक्षों में मध्य कोण (अक्षीय कोण) के रूप में होते है।
(i) एकक कोष्ठिका के तीनों किनारों की अक्षीय लम्बाई क्रमशः a , b और c द्वारा व्यक्त करते है , जो परस्पर लम्बवत हो भी सकते है और नहीं भी।
(ii) किनारों (कोरों) के मध्य कोण α β तथा γ द्वारा प्रदर्शित करते है। α कोण किनारे b तथा c के मध्य , β कोण किनारे a और c के मध्य और γ कोण किनारे a तथा b के मध्य के होते है। इन्हें अक्षीय कोण कहते है।
अत: एकक कोष्ठिका को 6 पैरामीटर , a , b और c तथा α β व γ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
प्रतिरूपी एकक कोष्ठिका को इन पैरामीटरों को चित्र में दर्शाया गया है।
आद्य और केन्द्रित एकक कोष्ठिका (primitive centered unit cell)
विस्तृत रूप से एक कोष्ठिकाओं को दो भागों में बाँटा गया है।
(i) आद्य एकक कोष्ठिका
(ii) केन्द्रित एकक कोष्ठिका
(i) आद्य एकक कोष्ठिका (primitive unit cell) : इस प्रकार की एकक कोष्ठिका में अवयवी कण (जालक बिंदु) कोष्ठिका के केवल कोनों पर उपस्थित होते है , आद्य एकक कोष्ठिका को सरल एकक कोष्ठिका भी कहते है।
(ii) केन्द्रित एकक कोष्ठिका (centered unit cell) : यदि एकक कोष्ठिका में अवयवी कण कोनों के अतिरिक्त अन्य स्थितियों पर भी उपस्थित हो तो ये एकक कोष्ठिका केन्द्रित एकक कोष्ठिका कहलाती है।
केन्द्रित एकक कोष्ठिकाओं के प्रकार – केंद्रित एकक कोष्ठिकाएँ तीन प्रकार की होती है।
(a) अंत: केन्द्रित एकक कोष्ठिका (body centred unit cell) : यदि अवयवी कण (जालक बिंदु) एकक कोष्ठिका के कोनों के अतिरिक्त एकक कोष्ठिका के केंद्र में भी उपस्थित हो तो वह अंत: केन्द्रित एकक कोष्ठिका कहलाती है।
(b) फलक केन्द्रित एकक कोष्ठिका (face centred unit cell) : इस प्रकार की एकक कोष्ठिका में अवयवी कण कोनों के अतिरिक्त प्रत्येक फलक के केंद्र पर भी स्थित होते है।
(c) अन्त्य केन्द्रित एकक कोष्ठिका (end centred unit cell) : इस प्रकार की एकक कोष्ठिका में अवयवी कण कोनों के अतिरिक्त किन्ही दो विपरीत फलकों के केंद्र पर भी स्थित होते है।
चित्र में सरल कोष्ठिका (आद्य एकक कोष्ठिका) तथा केन्द्रित एकक कोष्ठिकाओं को दर्शाया गया है।
सात क्रिस्टल समूह (seven crystal system)
क्रिस्टलों में सात प्रकार के आद्य एकक कोष्ठिकाएं पायी जाती है। इन एकक कोष्ठिकाओं में विभेद उनके पैरामीटर a , b , c , α β तथा γ द्वारा किया जाता है .पैरामीटरों के आधार पर सात आद्य एकक कोष्ठिकाएं निम्नलिखित है –
- घनीय (cubic): तीनों अक्षीय दूरियाँ समान है तथा एक दुसरे के लम्बवत है , अर्थात प्रत्येक अक्षीय कोण 90 डिग्री है। (a = b = cतथा α = β = γ = 90)
- द्विसमलम्बाक्ष या चतुष्कोणीय (tetragonal crystal system): तीनों अक्ष एक दुसरे पर लम्बवत है लेकिन दो अक्ष समान है तथा एक असमान। (a = b ≠ cतथा α = β = γ = 90)
- विषमलम्बाक्ष (orthorhombic crystal system): तीनों अक्षीय दूरियां असमान है लेकिन एक दुसरे के लम्बवत है। (a ≠ b ≠ cतथा α = β = γ = 90)
- एकनताक्ष (monoclinic crystal system): तीनों अक्षीय दूरियाँ असमान है। दो अक्षीय कोण 90 डिग्री और एक अक्षीय कोण 90 से भिन्न होता है। (a ≠ b ≠ cतथा α = β = 90 , γ ≠ 90)
- षट्कोणीय (hexagonal crystal system): दो अक्ष समान लेकिन तीसरी अक्ष असमान होती है। इसी प्रकार दो अक्षीय कोण 90 डिग्री के तथा एक अक्षीय कोण 120 डिग्री का होता है। (a = b ≠ cतथा α = β = 90 , γ = 120)
- त्रिसमनताक्ष या त्रिकोणी (rhombohedral crystal system): तीनों अक्ष समान लम्बाई के होते है , इनके मध्य अक्षीय कोण भी समान होते है लेकिन 90 डिग्री के नहीं होते है। (a = b= c तथा α = β = γ ≠ 90)
- त्रिनताक्ष (triclinic crystal system): इस संरचना में तीनों अक्ष असमान लम्बाई के होते है। तीनों कोण असमान है तथा उनमें कोई भी कोण 90 डिग्री का नहीं है। (a ≠ b ≠ cतथा α ≠ β ≠ γ ≠ 90)
नोट :
- सात क्रिस्टल समूहों में घनीय सबसे सममित होता है। अध्ययन के लिए प्राय: घनीय क्रिस्टल जालक को चुना जाता है।
- त्रिनताक्ष क्रिस्टल सबसे असममित होता है न तो अक्षों में एवं न ही अक्षीय कोणों में कोई समानता होती है।
उपरोक्त वर्णित क्रिस्टल समूहों को निम्नलिखित सारणी में संक्षिप्त रूप में दर्शाया गया है।
क्रिस्टल समूह | अक्षीय दूरियाँ | अक्षीय कोण | उदाहरण |
घनीय | a = b = c | α = β = γ = 90 | NaCl , KCl , हीरा , Cu , Ag , जिंक ब्लैंड (ZnS) |
द्विसमलम्बाक्ष चतुष्कोणीय | a = b ≠ c | α = β = γ = 90 | श्वेत टिन , SnO2 , TiO2 , CaSO4 |
विषमलम्बाक्ष | a ≠ b ≠ c | α = β = γ = 90 | विषमलम्बाक्ष गंधक , KNO3 , K2SO4 , BaSO4 , PbCO3 |
एकनताक्ष | a ≠ b ≠ c | α = β = 90 , γ ≠ 90 | एकनताक्ष गंधक , Na2SO4 , 10H2O , PbCrO4 |
षट्कोणीय | a = b ≠ c | α = β = 90 , γ = 120 | ग्रेफाइट , ZnO , CdS , PbI2 |
त्रिसमनताक्ष (या त्रिकोणी) | a = b = c | α = β = γ ≠ 90 | कैलासाइट (CaCO3) , क्वार्ट्ज , NaNO3 , सिनेबार (HgS) , Sb |
त्रिनताक्ष | a ≠ b ≠ c | α ≠ β ≠ γ ≠ 90 | CuSO4 , 5H2O , K2Cr2O7 , H3BO3 |
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