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एक मोमबत्ती एवं एक पर्दे का उपयोग कर मोमबत्ती की भिन्न-भिन्न दूरियों के लिए अवतल दर्पण से पर्दे पर बने प्रतिबिम्ब की प्रकृति एवं आकार का अध्ययन करना।

क्रियाकलाप (Activity) – 6
उद्देश्य (object) – एक मोमबत्ती एवं एक पर्दे का उपयोग कर मोमबत्ती की भिन्न-भिन्न दूरियों के लिए अवतल दर्पण से पर्दे पर बने प्रतिबिम्ब की प्रकृति एवं आकार का अध्ययन करना।
उपकरण (Apparatus) – तीन ऊर्ध्व स्टैण्डों सहित प्रकाशीय बेंच, एक अवतल दर्पण, एक मोमबत्ती, कार्ड बोर्ड का पर्दा आदि।
किरण चित्र (Ray Diagram)
सिद्धान्त (Theory) – यदि एक गोलीय दर्पण से वस्तु की दूरी नए प्रतिबिम्ब दूरी v तथा फोकस दूरी f है तो दर्पण के लिए
1/v ़ 1/v = 1/f …..;1)
अतः जब अवतल दर्पण के लिए जब
(i) u = ∞ (अनन्त) तब v = -f
(ii) u = -2f तब v = -2f
(iii) u = – f तब v = ∞
(iv) u < (-f) तब v = धनात्मक मान (प्रतिबिम्ब आभासी प्राप्त होता है)
स्पष्टतः जब एक वस्तु को अनन्त से अवतल दर्पण की ओर खिसकाया जाता है तब वस्तु का प्रतिबिम्ब फोकस से अनन्त की ओर गति करता है तथा जब वस्तु को फोकस दूरी से कम दूरी पर रखा जाता है तो इसका प्रतिबिम्ब आभासी प्राप्त होता है जिसे पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता।
प्रेक्षण (observations)
क्र.
सं. वस्तु की स्थिति प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति व आकार
स्थिति प्रकृति आकार
1. बहुत दूर लगभग F पर वास्तविक, उल्टा बहुत छोटा
2. वक्रता केन्द्र C से परे F व C के बीच वास्तविक, उल्टा छोटा
3. वक्रता केन्द्र C पर C पर वास्तविक, उल्टा समान आकार का
4.f व C के बीच वक्रता केन्द्र C से परे वास्तविक, उल्टा बड़ा
5. F के निकट बहुत दूर, एवं पर्दे पर प्राप्त नहीं होता वास्तविक, उल्टा बहुत बड़ा

निष्कर्ष (Conclusion) – स्पष्टतः अवतल दर्पण से पर्दे पर प्राप्त प्रतिबिम्ब की प्रकृति एवं आकार, दर्पण से वस्तु की दूरी पर निर्भर करते हैं।

क्रियाकलाप (Activity)  -7
उद्देश्य (object) – दिए गए लेंसों के समूह में से किसी विशेष फोकस दूरी का लेंस युग्म बनाना।
उपकरण (Apparatus) – पतले उत्तल लेंसों का एक सेट, स्टैण्ड युक्त लेंस होल्डर, चैड़े, स्टैण्ड पर सफेद पेन्ट किया हुआ लकड़ी का एक बोर्ड, मीटर स्केल, प्रकाशीय बेंच तथा तीखी नोंक वाली पिनें।
किरण चित्र (Ray Diagram)-
सिद्धान्त (Theory) – बहुत दूर स्थित किसी वस्तु का उत्तल लैंस द्वारा बना प्रतिबिम्ब लैस के फोकस पर बनता है।
यदि दो पतले उत्तल लेंसों की फोकस दूरियों f1 एवं f2 हैं तो इनके संयोजन से बने लेंस की फोकस दूरी F
के लिए 1/F = 1/f ़ 1/ f2 ….;1)
तथा यदि इन लेंसों की शक्तियाँ P1 व P2 हैं तो इनके संयोजन से बने लेंस की शक्ति
P = P1 ़ P2 ….;2)
जहाँ P = 1/F (मीटर) = 1/F(सेमी.) ….;3)

उपलब्ध उत्तल लेंसों की फोकस दूरियाँः
लेंस फोकस दूरी लेंस फोकस दूरी
1
2
3 20 सेमी.
25 सेमी.
40 सेमी. 4
5
6 40 सेमी.
50 सेमी.
50 सेमी.

लेंस संयोजन बनाने के लिए आवश्यक गणना (Required Calculation for making lens combiination)
उदाहरण के लिए माना हमें F = 20 सेमी. फोकस दूरी का उत्तल लेंस बनाना है तथा इस लेंस की आवश्यक शक्ति P = 100/20 = 5 डॉयप्टर होगी अतः मापी गई फोकस दूरियों के उत्तल लेंसों में से निम्न प्रकार से लेंसों का संयोजन बनाया जा सकता है।
संयोजन के लिए आवश्यक शक्तियाँ संयोजन के लिए आवश्यक फोकस दूरियाँ
P1 (डॉयप्टर) P2 (डॉयप्टर) f =100/ P1 (सेमी.) f 2=100/ P2 (सेमी.)
1 4 100 सेमी. 25 सेमी.
2 3 50 सेमी. 33.3 सेमी.
2.5 2.5 40 सेमी. 40 सेमी.

परिणाम (Result) – दिए गए लेंसों में फोकस दूरियों f1 = 40 सेमी. तथा f2 = 40 सेमी. के संयोजन से आवश्यक फोकस दूरी F = 20 सेमी. का लेंस प्राप्त होता है।