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उत्तल लेंस का उपयोग कर अवतल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात करना focal length of a concave mirror and a convex lens using u-v method

focal length of a concave mirror and a convex lens using u-v method उत्तल लेंस का उपयोग कर अवतल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात करना ?

प्रयोग. संख्या 4.
Experiment No- 4
उद्देश्य (Object):
उत्तल लेंस का उपयोग कर अवतल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात करना।
उपकरण (Apparatus):
प्रकाशीय बैंच, उदल लेंस, अवतल लेंस, चार ऊर्ध्वाधर स्टैण्ड (दो लेंसो के लिए एवं दो पिनों के लिए) दो पिन. स्प्रिट लेवल, T-छड़ आदि।
किरण, चित्र (Ray diagram):

सिद्धान्त (Theory): जब उत्तल लेंस के सामने कोई वस्तु O रखी जाती है तो वस्तु का वास्तविक एवं उल्टा प्रतिबम्ब I लेंस के पीछे प्राप्त होता है। अब यदि उत्तल लेंस L1 एवं प्राप्त प्रतिबिम्ब I के मध्य एक अवतल लेंस L2 रख दिया जाए तो केवल उत्तल लेंस से प्राप्त प्रतिबिम्ब प्ए अवतल लेंस के लिए आभासी वस्तु का कार्य करता है, अवतल लेंस किरणों को अपसारित करता है अतः इस आभासी बिम्ब का वास्तविक प्रतिबिम्ब I’ प्राप्त होता है अतः अवतल लेंस के लिए बिम्ब दूरी u = ़ O2 तथा प्रतिबिम्ब दूरी v  = ़ O2 I’ का सूत्र
1/f = 1/v- -1/u
या फोकस दूरी f = uv/u-v
में उपयोग कर अवतल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कर सकते हैं। चूंकि u < v अतः फोकस दूरी ऋणात्मक प्राप्त होती है।

प्रयोग विधि (Method):
सर्वप्रथम सूर्य की किरणों को फोकसित कर उत्तल लेंस की लगभग फोकस दूरी ज्ञात कर लेते हैं।
अब प्रकाशीय बैंच को स्प्रिट लेवल एवं क्षैतिजकारी पेंचों की सहायता से पूर्णतः क्षैतिज तथा इस पर लगे स्टैण्डों को
पूर्णतः ऊर्ध्व कर लेते हैं।
अब ज्-छड़ की सहायता से बैंच त्रुटि चिन्ह सहित ज्ञात कर लेते हैं।
अब एसा उत्तल लेंस लेते हैं जिसे प्रायोगिक अवतल लेंस के साथ सम्पर्क में रखने पर संयक्त लेंस, अभिसारी (उत्तल)
लेंस की तरह कार्य करे। इसके लिए दोनों लेंसों को सटाकर रखते हैं तथा कागज के अक्षरों को पास रखकर देखते हैं यदि अक्षर बड़े दिखाई देते हैं तो संयक्त लेंस अभिसारी लेंस होगा। यदि ऐसा नहीं है तो दूसरा उत्तल लेंस लेते हैं।
इसके बाद प्रकाशीय बैंच पर तीन स्टैण्ड रखकर एक स्टैण्ड में वस्तु पिन व्, दूसर स्टैण्ड में उत्तल लेंस स्1 तथा तीसरे
स्टैण्ड में प्रतिबिम्ब पिन लगाते हैं। उनकी ऊँचाईयों को इस प्रकार व्यवस्थित करते हैं कि लेंस का प्रकाश केन्द्र और दोनों पिनों की नोक लेंस के मुख्य अक्ष पर हो तथा मुख्य अक्ष प्रकाशीय बैंच की लम्बाई के समान्तर हो।
6. अब वस्तु पिन को इतना आगे या पीछे चलाते हैं कि प्रतिबिम्ब पिन की ओर से देखने पर उसका उल्टा प्रतिबिम्ब 1 दिखाई दे। तत्पश्चात् प्रतिबिम्ब पिन को इतना आगे या पीछे खसकाते हैं कि वस्तु पिन O के उल्टे प्रतिबिम्ब I और प्रतिबिम्ब पिन में कोई लम्बन न रहे।
7. वस्तु पिन O , उत्तल लेंस L1 तथा प्रतिबिम्ब पिन की स्थितियां प्रकाशीय बैंच पर नोट करते हैं।
8. अब उत्तल लेंस L1 तथा प्रतिबिम्ब पिन के मध्य चैथे स्टैण्ड में प्रायोगिक अवतल लेंस L2 को लगाते हैं तथा उसे इतना आगे-पीछे सरकाते हैं कि वस्तु पिन O का उल्टा प्रतिबिम्ब I दिखाई दे।
9. इसके बाद वस्तु पिन O, उत्तल लेंस L1 और अवतल लेंस L2 को स्थिर रखकर सिर्फ प्रतिबिम्ब पिन को अवतल लेंस से दूर हटाकर उल्टा प्रतिबिम्ब I’ और प्रतिबिम्ब पिन के बीच लम्बन दूर करते हैं।
10. इस स्थिति में भी प्रतिबिम्ब पिन की स्थिति नोट करते हैं।
11. वस्तु पिन और उत्तल लेंस को स्थिर रखकर अवतल लेंस की स्थिति थोड़ा-थोड़ा (1-2 सेमी.) बदलकर प्रयोग को कई बार दोहराते हैं।

प्रेक्षण (Observations):
उत्तल लेंस की लगभग फोकस दूरी = ………. सेमी.
बैंच त्रुटि (यदि है) b = a  ….. सेमी.
सारणी:
क्र.सं. वस्तु पिन O की स्थिति उत्तल लेंस L1 की स्थिति
O1
(सेमी.) अवतल
लेंस L2 की स्थिति
O2
(सेमी.) प्रतिबिम्ब पिन
की प्रथम स्थिति I
(सेमी.) प्रतिबिम्ब पिन
की द्वितीय स्थिति II
(सेमी.) अवतल लेंस के लिए संशोधित
बिम्ब
दूरी u = u’-;़b)
(सेमी.) संशोधित
प्रतिबिम्ब
दूरी v = v’- ;़b)
(सेमी.) अवतल लेंस की फोकस
f = uv/u-v
बिम्ब
दूरी
u = O2I
= (I- O2)
(सेमी.) प्रतिबिम्ब
दूरी
u = O2I’
= (I’- O2)
(सेमी.)
1.
2.
3.
4.
5. f1=
f2=
f3=
f4=
f5=

गणना (Calculations) :
1. अवतल लेंस के लिए प्रत्येक प्रेक्षण सेट से प्राप्त संशोधित बिम्ब दूरी न एवं प्रतिबिम्ब दूरी अ के मान सूत्र f= uv/u-v में रखकर फोकस दूरी की गणना करते हैं।
2. अब फोकस दूरी के प्राप्त मानों से माध्य फोकस दूरी ज्ञात करते हैं,
माध्य फोकस दूरीf=f 1 ़f 2 ़f 3 ़f 4 ़f 5 / 5 = …..सेमी
परिणाम (Result):
दिये गए अवतल लेंस की फोकस दूरी …… सेमी. प्राप्त हुई।
सावधानियां (Precautions):
1. प्रयुक्त उत्तल लेंस की फोकस दरी, अवतल लेंस से कम होनी चाहिए ताकि लेंसों का संयोजन अभिसा (उत्तल लेंस) की भांति ही कार्य करे।
2. लेंस साफ-सुथरे होने चाहिए।
3. अवतल लेंस रखते समय उत्तल लेंस एवं वस्तु पिन की स्थिति परिवर्तित नहीं होनी चाहिए।
4. अवतल लेंस को उत्तल लेंस के बजाय प्रतिबिम्ब प् के निकट रखना चाहिए।
5. प्रतिबिम्ब एवं प्रतिबिम्ब पिन के मध्य लम्बन पूर्णतः दूर कर लेना चाहिए।
त्रुटि स्त्रोत (Source of Errors):
प्रकाशीय बैंच एवं स्टैण्डों के तिरछा होने पर त्रुटि संभव है।
पिनों की नोंक के मोटा होने पर लम्बन पूर्णतः दूर नहीं हो पाता अतः त्रुटि संभव है।
.
(मौखिक प्रश्न व उत्तर Viva Voce)
प्रश्न 1. उत्तल लेंस और अवतल लेंस में क्या अंतर है?
उत्तर- उत्तल लेंस बीच में मोटा तथा किनारे पर पतला होता है जबकि अवतल लेंस बीच में पतला तथा किनारे पर मोटा होता है।
प्रश्न 2. उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस तथा अवतल लेंस को अपसारी लेंस क्यों कहते हैं?
उत्तर- क्योंकि उत्तल लेंस प्रकाश किरणों को केन्द्रित करता है तथा अवतल लेंस प्रकाश की किरणों को फैला देता
प्रश्न 3. अवतल लेंस द्वारा किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब किस प्रकार बनता है?
उत्तर- अवतल लेंस द्वारा किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा तथा सदैव वस्तु से छोटा बनता है।
प्रश्न 4. इस प्रयोग में अन्तिम प्रतिबिम्ब वास्तविक है या आभासी?
उत्तर- वास्तविक
प्रश्न 5. क्यों?
उत्तर- क्योंकि अवतल लेंस के लिए वस्तु आभासी है।
प्रश्न 6. यदि वस्तु अवतल लेंस के फोकस पर हो तो उसका प्रतिबिम्ब कहां पर बनेगा?
उत्तर- फोकस और ध्रुव के बीच में बनेगा।
प्रश्न 7. क्या इस प्रयोग में किसी भी उत्तल लेंस का उपयोग किया जासकता है?
उत्तर- जी नहीं, इस प्रयोग के लिए ऐसे उत्तल लेंस का प्रयोग करेंगे जिसे अवतल लेंस के साथ सटाकर रखनेपर संयुक्त लेंस अभिसारी लेंस की तरह कार्य करें। अर्थात् जिसकी फोकस दूरी अवतल लेंस से कम हो।
प्रश्न 8. इस स्थिति में किसकी फोकस दूरी कम होगी उत्तल लेंस की या अवतल लेंस की?
उत्तर- उत्तल लेंस की।
प्रश्न 9. संयुक्त लेंस अभिसारी लेंस की तरह कार्य कर रहा है या नहीं, इसका पता कैसे लगाओगे?
उत्तर- दोनों लेंसों को मिलाकर कागज के अक्षरों को नजदीक से देखते हैं। यदि अक्षर बड़े दिखाई देते हैं तो संयुक्त लेंस अभिसारी लेंस (उत्तल लेंस) की तरह व्यवहार करेगा अन्यथा नहीं।
प्रश्न 10. यदि दोनों लेंसों की फोकस दूरियां बराबर हैं तो संयुक्त लेंस किस तरह व्यवहार देगा?
उत्तर- हर- एक समतल कांच की तरह व्यवहार करेगा।
प्रश्न 11. क्यों?
उतर- क्योंकि इस स्थिति में संयुक्त लेंस की फोकस दूरी अनन्त एवं क्षमता शून्य होती है।
प्रश्न 12. क्या (u – v) विधि या विस्थापन विधि से अवतल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात की जा सकती है?
उत्तर- नहीं।
प्रश्न 13. क्यों?
उत्तर- क्योंकि अवतल लेंस द्वारा वस्तु का प्रतिबिम्ब सदैव आभासी बनता है।
प्रश्न 14. अवतल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात करने की अन्य विधियों के नाम बताइये।
उत्तर- समतल दर्पण की सहायता से एवं अवतल दर्पण की सहायता से।
प्रश्न 15. अवतल लेंस के उपयोग बताइये।
उत्तर- निकट दृष्टिदोष दूर करने में, गैलीलियो दूरदर्शी में।