(pressure in fluids) द्रव में दाब : किसी तरल में , किसी वस्तु के इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को द्रव में दाब कहते है।
या
द्रव या तरल द्वारा संपर्क सतह के इकाई क्षेत्रफल पर लगने वाले अभिलम्बवत बल को द्रव का कहते है। इसे द्रव स्थैतिक दाब भी कहा जाता है।
द्रवों या तरलों में दाब का कारण त्वरण , गुरुत्वाकर्षण आदि के कारण होता है ये एक बंद पात्र में होते है तब द्रव का दाब होता है।
जैसा कि हम जानते है कि द्रव का कोई निश्चित आकार नही होता है अत: द्रव का दाब सभी दिशाओं में लगता है। यदि द्रव के दाब का मान बढ़ाना है तो उसके लिए हाइड्रोलिक तंत्र काम में लेते है और द्रव के वेग को बढ़ाते है।
माना द्रव का संपर्क क्षेत्रफल A है अर्थात क्षेत्रफल A पर द्रव द्वारा आरोपित किया जा रहा है और इस आरोपित बल का मान F है तो द्रव द्वारा सतह A पर बल F के कारण आरोपित दाब का मान निम्न सूत्र से दिया जाता है –
P = F/A
द्रव के दाब का SI मात्रक ‘पास्कल’ अथवा N/m2 होता है और इसकी विमा [ML-1T-2] होती है।